
इंदौर/भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। सामाजिक चिंतक और प्रेरक लेखक प्रवीण कक्कड़ की नई पुस्तक पीके का फंडा ने रिलीज़ से पहले ही नया इतिहास रच दिया है। अमेजऩ की प्री-बुकिंग बेस्टसेलर रैंकिंग में इस किताब ने पहला स्थान हासिल कर लिया है- वह भी तब, जब यह पुस्तक अभी तक बाजार में आई नहीं है। यह पाठकों की उत्साहजनक प्रतिक्रिया और लेखक की लोकप्रियता का जीवंत प्रमाण है। पीके का फंडा केवल एक किताब नहीं, बल्कि एक विचार-क्रांति है। यह एक ऊर्जा, एक दिशा, और एक सोच है, जो पाठकों को यह विश्वास दिलाती है कि सच्चा बदलाव बाहर नहीं, भीतर से शुरू होता है। प्रवीण कक्कड़ के सोशल मीडिया पर प्रकाशित होने वाले प्रेरणादायक लेख पहले से पाठकों के दिल को छू चुके हैं। यही कारण है कि जैसे ही पुस्तक की प्री-बुकिंग शुरू हुई, पाठकों ने इसे हाथों-हाथ लिया। गौरतलब है कि इससे पहले प्रवीण कक्कड़ की पहली पुस्तक दंड से न्याय तक को अंतरराष्ट्रीय शिवनाकृति सम्मान प्राप्त हो चुका है। अपने प्रशासनिक अनुभव, सामाजिक प्रतिबद्धता और जीवन-दर्शन को लेखनी में ढालकर उन्होंने एक बार फिर साबित किया है कि विचारशीलता आज भी पाठकों को आकर्षित करती है। पीके का फंडा की यह शानदार शुरुआत यह संकेत देती है कि यह पुस्तक आने वाले समय में नई पीढ़ी के लिए एक मार्गदर्शक ग्रंथ साबित हो सकती है।
