
- एमपी में अब तक 72 प्रतिशत बारिश
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश पश्चिमी हिमालयी राज्यों से लेकर देश के मैदानी इलाकों में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन का कहर जारी है। मूसलाधार बारिश से नदियां उफान पर हैं। अलग-अलग हिस्सों में गांव, घर और खेत जलमग्न हैं। भूस्खलन के चलते, विशेषरूप से पहाड़ी राज्यों में मलबा आने से सैकड़ों सडक़ों पर यातायात ठप है। फिलहाल मानसूनी बारिश से राहत भी मिलने वाली नहीं है, क्योंकि राजस्थान, समेत मध्य और पूर्वी भारत में अगले दो से तीन दिन भारी बारिश को लेकर चेतावनी जारी की गई है। मध्यप्रदेश में तेज बारिश का दौर जारी है। ग्वालियर, भोपाल, इंदौर समेत 25 से ज्यादा जिलों में बारिश हुई। सबसे ज्यादा ग्वालियर में 2.3 इंच पानी गिर गया। पिछले एक सप्ताह से जबरदस्त बारिश की वजह से नदी-नाले उफान पर हैं। मंगलवार को ऐसी स्थिति तो नहीं रही, लेकिन बुधवार से सिस्टम फिर स्ट्रॉन्ग हो रहा है। आज 18 जिलों में अति भारी या भारी बारिश का अलर्ट है। मंडला में सुबह से बारिश हुई तो भोपाल में धूप खिली है।
बीते 24 घंटे में इन इन राज्यों में हुई बारिश: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि मंगलवार सुबह 8:30 बजे तक बीते 24 घंटे के दौरान देश के लगभग हर हिस्से में बारिश हुई है। पश्चिम बंगाल, झारखंड, तटीय कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, कोंकण, मध्य महाराष्ट्र, असम में अलग-अलग स्थानों पर बहुत भारी वर्षा दर्ज की गई है।
हिमाचल में आज और कल यलो अलर्ट
हिमाचल प्रदेश में बुधवार और बृहस्पतिवार को भी बारिश का यलो अलर्ट जारी हुआ है। 20 जुलाई तक मौसम खराब बना रह सकता है। मंगलवार शाम तक प्रदेश में 199 सडक़ें, 68 बिजली ट्रांसफार्मर और 171 जल आपूर्ति योजनाएं ठप रहीं। आपदा की मार झेल रहा जिला मंडी सबसे अधिक प्रभावित है। चंबा के 50 गांवों में बिजली सप्लाई बंद हो गई है। कुल्लू में भूस्खलन से 35 सडक़ें बंद होने से आवाजाही ठप है। मंगलवार को राजधानी शिमला में दोपहर बाद हल्की बारिश हुई। कांगड़ा में बादल छाए रहे। मैदानी जिलों में उमस भरी गर्मी से लोगों के खूब पसीने छूट रहे हैं। राजस्थान के विभिन्न जिलों में मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। सबसे अधिक 183.0 मिमी बारिश भीलवाड़ा के बिजोलिया में दर्ज की गई है।
