अगस्त महीने में होगी जिलाध्यक्षों की घोषणा!

जिलाध्यक्षों
  • मप्र कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव की तैयारी पूरी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव के लिए आलाकमान ने जो फॉर्मूला बनाया है, उसमें हो रही देरी के कारण संभावना जताई जा रही है कि जुलाई में होने वाली जिलाध्यक्षों की घोषणा अब अगस्त में ही होगी। दरअसल,संगठन सृजन अभियान के तहत कांग्रेस के जिला और शहर अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए प्रदेश में दूसरे दौर का सर्वे पूरा कर सभी केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) को रिपोर्ट सौंप दी है, लेकिन प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) की ओर से नियुक्त पर्यवेक्षकों में से कुछ ने अब तक अपनी सर्वे रिपोर्ट पार्टी को नहीं सौंपी है। इस वजह से जुलाई में कांग्रेस के नए जिला और शहर अध्यक्षों की घोषणा हो पाने के आसार नहीं है।  गौरतलब है कि मप्र कांग्रेस कमेटी अपने संगठन सृजन अभियान के तहत जिला अध्यक्षों की नियुक्ति प्रक्रिया को अंतिम रूप देने में जुटी है। अगस्त में 66 संगठनात्मक जिलों के लिए जिला अध्यक्षों की घोषणा की जाएगी। केंद्रीय और प्रदेश कांग्रेस के पर्यवेक्षकों ने हाल ही में बैठक कर 66 नामों की अंतिम सूची तैयार की है, जिसे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को सौंप दिया गया है। एआईसीसी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोमवार को 20 पर्यवेक्षकों के साथ बैठक कर अभियान की प्रगति का फीडबैक लिया। अगले एक-दो दिनों में शेष जिलों के पर्यवेक्षकों से भी जानकारी एकत्र की जाएगी। प्रत्येक जिले के लिए छह नामों के पैनल को छांटकर दो-दो नामों का चयन किया जाएगा, जिन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा। यह प्रक्रिया पारदर्शिता और समावेशिता सुनिश्चित करने के लिए अपनाई जा रही है, जिसमें दलित, आदिवासी, ओबीसी, अल्पसंख्यक और महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इस अभियान का उद्देश्य मप्र में कांग्रेस संगठन को मजबूत करना और आगामी चुनावों के लिए एक सशक्त नींव तैयार करना है। प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस प्रक्रिया को संगठन की रीढ़ को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है।
कुछ जिलों की रिपोर्ट पीसीसी को नहीं मिली
मप्र में कांग्रेस भी लगातार संगठन को मजबूत बनाने में जुटी हुई है, जिसमें सबसे अहम जिलाध्यक्ष के चयन की भूमिका मानी जा रही है। माना जा रहा है कि मप्र में कांग्रेस जुलाई के महीने में जिलाध्यक्षों की घोषणा कर सकती है। क्योंकि मप्र कांग्रेस के जिलाध्यक्षों के लिए चल रही रायशुमारी फिलहाल पूरी हो गई है, जिसके बाद अलग-अलग जिलों में बनाए ऑब्जर्वरों ने अपना पैनल एआईसीसी को भेजना शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक प्रदेश में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने 60 संगठनात्मक जिलों में सर्वे पूरा कर जून के मध्य में रिपोर्ट एआईसीसी को सौंप दी थी। रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद पार्टी ने पर्यवेक्षकों को जिलों में जाकर दोबारा सर्वे करने को कहा था। केंद्रीय पर्यवेक्षक दूसरी सर्वे रिपोर्ट भी पार्टी को सौंप चुके हैं। एआईसीसी ने पीसीसी की ओर से नियुक्त पर्यवेक्षकों से भी सर्वे कर रिपोर्ट देने को कहा था। कुछ जिलों की रिपोर्ट अभी तक मप्र कांग्रेस कमेटी को नहीं मिल पाई है। प्रत्येक जिले की सर्वे रिपोर्ट में 5-5 नामों का पैनल तैयार किया गया है। पैनल में शामिल नामों में से ही जिला और शहर अध्यक्ष के पद पर नियुक्ति की जाएगी। पार्टी संभवत: अगस्त में नए जिला और शहर अध्यक्षों की घोषणा करेगी।
25% नेताओं की वापसी की संभावना
मप्र कांग्रेस अब फील्ड में उतरने की पूरी तैयारी में है। संगठन को मजबूत करने के लिए कांग्रेस जल्द ही सभी जिलों में नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति करने जा रही है। अंदरूनी मंथन का दौर पूरा हो चुका है। अब दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान के पास पैनल पहुंच चुके हैं। फिलहाल प्रदेश में 70 संगठनात्मक जिले हैं, जिनमें 55 शहरी और 15 ग्रामीण हैं। इनमें दो-दो जिलाध्यक्ष बनाए जाते हैं। खास बात यह है कि इस वक्त 5 जिलों में पद खाली हैं, तो सबसे पहले इन्हीं जिलों में नियुक्ति होगी। वहीं बाकी 65 में से करीब 16 जिलाध्यक्षों को दोबारा मौका मिलने की संभावना है। यानी कुल मिलाकर लगभग 25 प्रतिशत चेहरों की वापसी तय मानी जा रही है। जानकारी ये भी है कि युवा नेताओं को संगठन में बड़ी भूमिका देने की तैयारी है। पार्टी का फोकस अब ऐसे जिलाध्यक्षों पर है जो ना केवल संगठन को जिलों में एक्टिव करें, बल्कि सरकार के खिलाफ फ्रंटफुट पर आकर लड़ाई लड़ें। कांग्रेस यह कवायद 2027 के नगरीय निकाय चुनाव को ध्यान में रखते हुए कर रही है। संगठन को बूथ स्तर तक सक्रिय करने की रणनीति बनाई जा रही है।
गुजरात की तर्ज पर हो सकते है बदलाव
कांग्रेस ने मप्र में संगठन को मजबूत करने के लिए गुजरात की तर्ज पर संगठन सृजन अभियान शुरू किया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गत 3 जून को भोपाल में इस अभियान का शुभारंभ किया था। इस अभियान के तहत सर्वे के आधार पर कांग्रेस के प्रति समर्पित, सक्रिय और ऊर्जावान नेताओं को जिला व शहर अध्यक्ष की कमान सौंपी जाएगी। कांग्रेस ने संगठन सृजन अभियान के तहत गुजरात में जून में 40 जिला एवं शहर कांग्रेस अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी है। मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार, कांग्रेस इस बार गुजरात की तर्ज पर बदलाव कर रही है। यानी संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में पुराने चेहरों के साथ-साथ नए, ऊर्जावान और जमीनी नेताओं को तरजीह दी जा रही है। जो लोग जिलों में सक्रिय हैं, जनता और कार्यकर्ताओं से जुड़े हैं और सरकार के खिलाफ आवाज उठाने में पीछे नहीं रहते, उन्हें प्राथमिकता मिल सकती है।

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