
- बीहड़ के पर्यटन क्षेत्रों में गाइड व सुरक्षाकर्मी महिलाएं
- 10 हजार महिलाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। कभी दस्युओं यानी डकैतों के लिए कुख्यात रहे मध्य प्रदेश के बीहड़ वाले क्षेत्र में पर्यटकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी महिलाएं संभालेंगी। इन क्षेत्रों में पर्यटकों के लिए गाइड का काम भी महिलाएं ही करेंगी। इतना ही नहीं पुलिस के साथ मिलकर समाज में सुरक्षित वातावरण बनाए रखने का जिम्मा भी महिलाओं का होगा। इसके लिए राज्य सरकार ने 40 हजार महिलाओं को आत्मरक्षा का और 10 हजार महिलाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। महिला सशक्तीकरण के लिए तीन साल की समय सीमा वाली योजना मार्च 2022 में शुरू की गई थी। इसमें अब तक ३६ हजार महिलाओं को आत्मरक्षा और नौ हजार महिलाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। शेष को इस साल के अंत तक प्रशिक्षित किया जाएगा। इन्हें स्वरोजगार से जोडक़रें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। प्रशिक्षण प्राप्त कर महिलाएं उज्जैन महाकाल मंदिर में सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। ओंकारेश्वर, खजुराहो, मैहर जैसे पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर भी गाइड व सुरक्षाकर्मी का काम महिलाएं ही कर रही हैं। जल पर्यटन में नाव चलाने का काम भी कर रही हैं।
टाइगर रिजर्व में गाइड का काम कर रहीं, जिप्सी भी चला रहीं
उल्लेखनीय है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में जहां महिलाएं गाइड का काम कर रही हैं, वहीं सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में महिलाएं जिप्सी भी चला रही हैं। साथ ही कौशल विकास के बाद होटल क्षेत्र में महिलाओं की संख्या भी बढ़ी है। लिहाजा, महिलाओं की पर्यटन क्षेत्र में भागीदारी बढ़ाने के लिए पर्यटन विभाग ने महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ मिलकर इस योजना पर काम करना शुरू किया था। इसके तहत प्रदेश में महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन योजना लागू होने के बाद महिलाएं पर्यटन क्षेत्र में रोजगार ले चुकी हैं। प्रशिक्षण ले चुकी महिलाएं बड़ी संख्या में या तो नौकरी कर रही हैं। कई स्वरोजगार में संलग्न हैं।
नई तकनीक और पारंपरिक कलाओं का दिया जा रहा प्रशिक्षण
पचमढ़ी का अमलताश होटल पूरी तरह से महिलाओं द्वारा ही संचालित किया जा रहा है। महिलाओं द्वारा बनाए गए बाघ प्रिंट और कला संस्कृति पर आधारित एक हजार बैग ग्लोबल इन्वेस्टर समिट (जीआईएस) भोपाल के मेहमानों को दिए गए थे, जो देश-विदेश में पहुंचे। महिलाओं द्वारा बनाई गई झाबुआ की गुडिय़ा ताज ग्रुप खरीद रहा है। महिलाओं को नई तकनीक और पारंपरिक कलाओं का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस तरह 48 छोटे-छोटे कामों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई गई हैं।
