
- भोपाल-इंदौर के आसपास के जिलों का तैयार होगा विकास का खाका
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में शहरी विकास के ढांचे को आधुनिकीकरण की रफ्तार मिलने वाली है। प्रदेश की मोहन यादव सरकार इसी महीने के आखिरी में शुरू होने जा रहे मानसून सत्र में मध्यप्रदेश मेट्रोपॉलिटन नियोजन एवं विकास विधेयक 2025 लाने जा रही है। विधेयक पास होने के बाद कानून बन जाएगा। इसके बाद मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में महानगर विकास प्राधिकरण (मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी) का गठन किया जाएगा। भोपाल एवं इंदौर को मेट्रोपॉलिटन रीजन में विकसित करने के लिए बनाए गए विधेयक को कैबिनेट से पहली ही मंजूरी मिल चुकी है। जिसे अब विधानसभा में पेश किया जाएगा। मप्र में मेट्रोपॉलिटन सिटी का प्लान तैयार करने से पहले अधिकारियों ने 12 राज्यों के करीब 18 मेट्रोपॉलिटन रीजन का अध्यन किया। इनमें मुंबई, पुणे, नागपुर, सोनीपत, फरीदाबाद, पंचकुला, गुरुग्राम, हिसार, पटना, हैदराबाद, आंध्रप्रदेश का राजधानी क्षेत्र और विशाखापट्टनम, जम्मू व श्रीनगर, उप्र का राजधानी क्षेत्र, दिल्ली एनसीआर, चेन्नई, कोलकाता, बैंगलुरु और गुवाहाटी शामिल हैं। अलग-अलग राज्यों के मेट्रोपॉलिटन रीजन का अध्ययन करने के बाद मप्र ने इंदौर-भोपाल के लिए प्लान तैयार किया। विधानसभा में विधेयक पारित होने के बाद मप्र मेट्रोपॉलिटन रीजन वाला 13वां राज्य बन जाएगा। इस संबंध में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि विधानसभा सत्र में विधेयक लाने की तैयारी है। वहीं विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विधेयक तैयार है।
महानगर विकास प्राधिकरण की होगी अहम भूमिका
महानगर विकास प्राधिकरण भोपाल एवं इंदौर नगर निगम सीमा के बाहर मेट्रोपोलिटन एरिया का प्लान तैयार करने के साथ इसके क्रियान्वयन में अहम भूमिका अदा करेगी। साथ ही महानगर योजना समिति (मेट्रोपॉलिटन प्लानिंग कमेटी) का भी गठन किया जाएगा। ये समिति मेट्रोपॉलिटन रीजन में आने वाले विभिन्न प्राधिकरण, नगरीय निकायों व जिला पंचायतों के मध्य अधोसंरचना विकास एवं नई विकास योजनाओं में समन्वय का काम करेगी।
10,000 करोड़ से अधिक का आएगा अनुपूरक बजट
मप्र विधानसभा का मानसून सत्र 28 जुलाई से शुरू होगा, जहां राज्य सरकार अपना पहला अनुपूरक बजट पेश करेगी। सूत्रों के अनुसार, यह अनुपूरक बजट 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का रहेगा। इस बजट में लोक निर्माण विभाग को विशेष रूप से क्षतिग्रस्त पुलों और पुलियों के निर्माण के लिए स्वीकृत योजनाओं के तहत अतिरिक्त राशि आवंटित की जा सकती है। यह कदम बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और मरम्मत कार्यों को गति देने के लिए उठाया जा रहा है। बता दें कि विधानसभा में मानसून सत्र 28 जुलाई से शुरू होगा, जो 8 अगस्त तक चलेगा। मानसून सत्र में राज्य सरकार विधेयकों के साथ पहला अनुपूरक बजट भी पेश करेगी, जिसे सदन की मंजूरी मिलना तय है। विधानसभा के मानसून सत्र की कार्यवाही को पिछले साल ई विधान से जोडने का फैसला किया गया था। ऐसे में 28 जुलाई से होने वाले सत्र में ई विधान के चलते विधायकों को टैबलेट दिए जा सकते हैं। इसमें सदन सभी सभी जानकारी के साथ प्रश्नोत्तरी, प्रदेश सरकार का बजट, विभागीय प्रतिवेदन समेत अन्य जानकारी डिजिटल फार्मेट में उपलब्ध रहेगी। विधायकों को तकनीकी के आधुनिक सेवाओं से जोडने की प्रक्रिया में यह बड़ा कदम बताया जा रहा है। एनआईसी द्वारा इसको लेकर विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पिछले माह प्रजेंटेशन भी दिया जा चुका है। गौरतलब है कि वर्ष 2024 में भी मानसून सत्र 1 जुलाई से 19 जुलाई तक प्रस्तावित था, लेकिन यह अपनी निर्धारित अवधि से पहले ही समाप्त हो गया था। उस दौरान 14 बैठकें प्रस्तावित थीं।
मेट्रोपॉलिटन रीजन में आकार लेंगे शहर
मेट्रोपॉलिटन रीजन में भोपाल का दायरा लगभग 9,600 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का होगा। जिसमें भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा, और राजगढ़ जिले की 13 तहसीलें शामिल होंगी। इन क्षेत्रों में वर्तमान आबादी लगभग 35 लाख, जो भविष्य में 60 लाख तक पहुंचेगी। इंदौर: मेट्रोपॉलिटन रीजन में इंदौरा का दायरा लगभग 10,000 वर्ग किलोमीटर का होगा। जिसमें इंदौर, देवास, उज्जैन, धार, और शाजापुर जिले शामिल होंगे। इस रीजन में वर्तमान वर्तमान आबादी लगभग 55.6 लाख, जो भविष्य में 80 लाख तक पहुंच सकती है। इसमें पीथमपुर जैसे औद्योगिक केंद्र शामिल हैं, जो दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से जुड़े हैं।
