चार महानगरों सहित अन्य बड़े शहरों की बिजली लाइनों में होगा सुधार

बिजली लाइनों

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के महानगरीय कैटेगरी वाले शहरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सागर, रीवा, उज्जैन में अब पांच साल के भीतर सभी ओवरहेड विद्युत लाइन को अंडरग्राउंड विद्युत लाइन में बदला जाएगा। विद्युत नियामक आयोग ने इसके नियम बनाकर ऊर्जा विभाग और तीनों ही विद्युत वितरण कंपनियों से इसका पालन करने के लिए कहा है। इसके अलावा प्रदेश के अन्य शहरी इलाकों और घनी बस्तियों, धार्मिक व पर्यटन स्थलों के आस-पास भी अंडरग्राउंड केबल डालकर बिजली सप्लाई की जाएगी। नियामक आयोग के नियमों में कहा गया है कि शहरी इलाकों में वितरण ट्रांसफॉर्मर में रेटेड कैपेसिटी के 65 से 75 प्रतिशत तक एवरेज लोड होना चाहिए और जब इसका लोड 80 प्रतिशत से अधिक हो जाए तो इसका आकार बढ़ाने का काम करना होगा। ग्रामीण इलाकों में पीक लोड के समय भी इसकी व्यवस्था पर काम करना होगा। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अपने कार्यक्षेत्र में यह प्रक्रिया शुरू भी कर दी है। विद्युत नियामक आयोग द्वारा इसका प्रावधान मप्र विद्युत वितरण संहिता (पुनरीक्षण प्रथम) 2024 में किया गया है। इसके लिए बनाए गए नियमों में कहा गया है कि महानगरीय इलाकों में नए कार्यों के लिए अंडरग्राउंड केबल का ही प्रयोग अब किया जाएगा। वर्तमान ओवरहेड लाइन को एक-एक करके अंडरग्राउंड केबल से बदलने की योजना तैयार की जाएगी। इसका कार्यकाल विद्युत संहिता की अधिसूचना की तारीख से पांच साल से अधिक नहीं होगा। इसके बाद का समय विद्युत नियामक आयोग की सहमति के बाद ही बढ़ेगा। इसके लिए आयोग ने जो व्यवस्था तय की है उसके अनुसार सबसे पहले उन फीडर को अंडरग्राउंड केबल से जोड़ा जाएगा जो अधिक राजस्व उपलब्ध करा रहे हैं। चोरी वाले एरिया में नए पायल प्रोजेक्ट के जरिये यह काम किए जा सकते हैं। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अपने कार्यक्षेत्र में यह प्रक्रिया शुरू भी कर दी है। भोपाल के कुछ क्षेत्रों में अंडरग्राउंड केबल बिछाए जाने का काम शुरू हो गया है। मप्र विद्युत विनियामक आयोग ने इसका प्रावधान मप्र विद्युत वितरण संहिता में किया है। इसके लिए बनाए गए नियमों में कहा गया है कि महानगरीय इलाकों में नए कार्यों के लिए अंडरग्राउंड केबल का ही प्रयोग किया जाए।

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