
अशोकनगर जाने से रोकने पर सिंघार और विधायकों की पुलिस से हुज्जत
मप्र कांग्रेस ने प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यबस्था और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पर एफआईआर दर्ज किए जाने के विरोध में अशोकनगर में न्याय सत्याग्रह कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार समेत प्रदेश भर से बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। पुलिस ने कई स्थानों पर बेरिकेडिंग कर कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे नेताओं और कार्यकर्ताओं की गाडिय़ों को रोकने की कोशिश की। पार्टी कार्यकर्ताओं की गाडिय़ां रोकने पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने गाड़ी से उतरकर कार्यकर्ताओं की गाडिय़ां आगे जाने के लिए रास्ता साफ कराया। सिंघार ने पुलिसकर्मियों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि बम ले जा रहे हैं या हथियार ले जा रहे हैं, गाडिय़ां रोकने में लगे हुए हो। ऐसे थोड़ी काम होता है। ऐसे ही अपने समर्थकों के साथ अशोकनगर जा रहे तराना से कांग्रेस विधायक महेश परमार और जौरा से विधायक पंकज उपाध्याय को पुलिस ने रोककर पूछताछ शुरू कर दी। इससे नाराज विधायकों की पुलिस के साथ हुज्जत हुई। विधायक परमार ने पुलिसकर्मियों से कहा कि भाजपा के एजेंट के रूप में काम मत करो। अपनी ड्यूटी का ध्यान रखो। हम तो न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं। विधायक उपाध्याय ने कहा कि हमें क्यों रोका जा रहा है। हम क्या कोई लूट, डकैती करने जा रहे हैं।
मंत्रालय में सफारी पहने नजर आएंगे सुरक्षा कर्मी
वल्लभ भवन मंत्रालय में सुरक्षा कर्मी खाकी वर्दी की जगह सफारी पहने नजर आएंगे। सुरक्षा कर्मियों के लिए सफारी ड्रेस कोड अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा। महिला और पुरुष दोनों ही सुरक्षा कर्मियों के लिए यह लागू होगा। मंत्रालय के मुख्य सुरक्षा अधिकारी अविनाश शर्मा ने पुलिस मुख्यालय से सफारी ड्रेस की मांग की है। अभी कुछ सुरक्षा कर्मी सफारी ड्रेस में तैनात रहते हैं लेकिन अब सभी के लिए अनिवार्य होगा। वहीं मंत्रालय आने वाले आगंतुकों से अच्छे आचरण का सुरक्षा कर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। दरअसल, पुलिस कर्मियों को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त रवैया अपनाना पड़ता है, लेकिन मंत्रालय की ड्यूटी इसके ठीक विपरीत है। यहां आने वाले आगंतुकों से नरमी से पेश आना होता है।
हत्या और गंभीर मामलों की ठीक से जांच करें: डीजीपी
पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा ने प्रदेश में हत्या और अन्य गंभीर अपराध के मामले में गंभीरता से जांच करने के निर्देश सभी रेंज आइजी, पुलिस आयुक्त और पुलिस अधीक्षकों को दिए हैं। उन्होंने कहा, हत्या या अन्य गंभीर अपराधों के मामले में निगरानी ठीक से की जाए। मामले की गंभीरता से जांच की जाए। उन्होंने कहा कि यह भी देखा जाना चाहिए कि अपराध होने के पहले कोई विवाद था या नहीं। दोनों में से कोई पक्ष पुलिस के पास गया था या नहीं। विवेचना में इन बिंदुओं पर भीं जांच होनी चाहिए। यदि पुलिस के अधिकारी या थाने में किसी पुलिसकर्मी ने शिकायत सुनने में लापरवाही की है तो उस पर कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि थाने आने वालों और पुलिस को सूचना देने वालों की बात गंभीरता से सुनी जानी चाहिए।
मप्र सरकार ने लिया 4800 करोड़ रुपए का कर्ज
मप्र सरकार ने बाजार से 4800 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। यह कर्ज दो किश्तों में लिया है। पहली किश्त 2500 करोड़ और दूसरी 2300 करोड़ की होगी। यह कर्ज आरबीआई के माध्यम से लिया गया है, जिसका भुगतान साल भर में दो बार कूपन रेट के जरिए ब्याज के रूप में किया जाएगा। इस कर्ज के साथ ही चालू वित्तीय वर्ष में सरकार द्वारा लिए गए कर्ज का आंकड़ा 14 हजार 300 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। सरकार ने इससे पहले जून में 4500 करोड़ कर्ज लिया था। अब कुल कर्ज का आंकड़ा बढक़र 4 लाख 1136 हजार करोड़ रुपए हो गया है। बता दें कि मिप्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए मार्च में विधानसभा में 4 लाख 21 हजार करोड़ का बजट पेश किया था।
