
अशोकनगर में एक मंच से कांग्रेस नेताओं ने दिखाई एकजुटता
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र कांग्रेस ने मंगलवार को अशोकनगर में न्याय सत्याग्रह किया। प्रदेशभर से नेता और कार्यकर्ता यहां पार्टी अध्यक्ष जीतू पटवारी पर दर्ज एफआईआर के विरोध में गिरफ्तारी देने पहुंचे। न्याय की इस लड़ाई में कांग्रेसी एकजुट दिखे। दिग्विजय सिंह के अलावा उमंग सिंघार और जीतू पटवारी सहित सभी नेता एक मंच पर आए। पार्टी अपनी ताकत दिखाने और भाजपा सरकार को घेरने के कोई भी अवसर नहीं छोड़ रही है। सत्याग्रह भी इसी का नतीजा है। न्याय राहुल ने अनुशासन का पाठ पढ़ाया। कार्रवाई की भी चेतावनी दी। दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह को छह वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित भी किया गया। इसका परिणाम है कि पार्टी के छोटे-बड़े नेता किसी भी विषय पर एकमत नजर आने लगे हैं।
अशोकनगर में एक मंच पर उपस्थित होकर कांग्रेस नेताओं ने न केवल अपनी ताकत दिखाई और कार्यकर्ताओं को संदेश दिया कि अब कांग्रेस मिशन मोड में काम करेगी। दरअसल, कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान का साफ असर प्रदेश में पार्टी के भीतर दिख रहा है। अभियान के अंतर्गत चार जून को भोपाल में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को दिए संदेश का असर मंगलवार को अशोक नगर में न्याय सत्याग्रह में दिखा। एक दूसरे को कठघरे में खड़ा करने वाले बयान अब नहीं दिए जा रहे हैं, उल्टा, भाजपा नेताओं के विवादित बयान और आपसी लड़ाई को पार्टी के नेता मुद्दा बनाकर जनता तक पहुंचा रहे हैं।
छह माह में चार बड़े आंदोलन
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी भी सभी को एकजुट और अनुशासन में रखने की कोशिश में है। वह छोटे-बड़े सभी आयोजनों में शामिल हो रहे हैं। अशोक नगर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पर एक व्यक्ति को उकसाकर सामाजिक सौहाद्र्र बिगाडऩे के आरोप में एफआइआई दर्ज की गई थी। कांग्रेस ने इसे साजिश बताते हुए यहां मंगलवार को न्याय सत्याग्रह का आयोजन किया। इसमें पटवारी के अतिरिक्त, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, उनके पुत्र व विधायक जयवर्धन सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी सम्मिलित हुए। हालांकि पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल और नकुलनाथ नहीं दिखे। यही नहीं, कांग्रेस ने पिछले छह माह में पूरी रणनीति के साथ चार बड़े आंदोलन किए। इसके साथ ही भाजपा को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ा। मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी के विरुद्ध विवादित बयान को जनता तक पहुंचाने के लिए अभियान चलाया तो संविधान और डा. आंबेडकर को लेकर राजनीति में भाजपा को घेरने की कोशिश की। मई में संविधान बचाओ अभियान चलाया गया। जिन बड़े आंदोलनों से कांग्रेस ने सरकार को घेरा है उनमें 16 दिसंबर 2024 को कांग्रेस ने भोपाल में हल्ला बोल आंदोलन किया। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद यह कांग्रेस को सबसे बड़ा आंदोलन था। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित बड़े नेता सम्मिलित हुए थे।