छग में रिश्वतखोरी के जाल में फंसे रावतपुरा सरकार

  • मप्र में साख बचाने दिखा रहे राजनीतिक ताक
  • गौरव चौहान
रावतपुरा सरकार

सीबीआई ने मप्र के प्रसिद्ध संत व रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज संचालक (चेयरमैन) रविशंकर महाराज के खिलाफ मान्यता और सीटें बढ़ाने के लिए एनएमसी की टीम को रिश्वत देने के मामले में एफआईआर दर्ज की है। बताया है कि साजिश में मध्यप्रदेश,  छत्तीसगढ़ , राजस्थान सहित सात राज्यों के 36 डॉक्टर और अधिकारी शामिल हैं। रिश्वतखोरी के सिंडिकेट में उक्त सभी की भूमिका मिली है। छह को पहले ही गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया है। पूछताछ और उनके ठिकानों की तलाशी के दौरान दस्तावेजी व डिजीटल साक्ष्य मिले। इसमें सभी की भूमिका का उल्लेख मिला। इस आधार पर रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च के संचालक सहित अन्य को आरोपी बनाया गया है। ऐसे में अब रावतपुरा सरकार अपनी साख बचाने की जुगत में जुट गए हैं। इसके लिए गत दिनों उन्होंने सागर में अपनी राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि संत रविशंकर महाराज को रावतपुरा सरकार कहा जाता है। यह बुंदेलखंड के प्रसिद्ध संत हैं। आश्रम मप्र के रावतपुरा गांव (भिंड जिला) में स्थित है। वे रावतपुरा सरकार लोक कल्याण ट्रस्ट के दर्जनों संस्थाओं के संस्थापक और संचालक भी हैं। संत रविशंकर महाराज को बुंदेलखंड में रावतपुरा सरकार के नाम से प्रसिद्धि मिली है। मेडिकल काउंसिल के अधिकारियों को रिश्वत देने के मामले में सीबीआई ने छत्तीसगढ़ में रावतपुरा सरकार डिकल कॉलेज के चेयरमैन रविशंकर महाराज (रावतपुरा सरकार) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आठ राज्यों में निजी मेडिकल कालेजों के प्रबंधन द्वारा रिश्वत देकर मान्यता लेने के मामले में सीबीआई ने जांच शुरू की है। एक जुलाई को रायपुर में सीबीआई ने रावतपुरा सरकार मेडिकल कालेज के निदेशक को गिरतार किया था। अगले दिन रविशंकर महाराज सहित 36 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी। मामला 1300 करोड़ रुपये के रिश्वत का बताया जा रहा है। आरोप है कि रविशंकर महाराज मान्यता के बदले खुद रिश्वत की डील कर रहे थे।
आयोजन में कई मंत्री शामिल हुए
आरोप है कि रविशंकर महाराज मान्यता के बदले खुद रिश्वत की डील कर रहे थे। गिरतारी और पूछताछ की आशंका के बीच उन्होंने सागर स्थित वेदांत आश्रम में अपनी जन्मतिथि के बहाने धार्मिक आयोजन कर राजनीतिक ताकत दिखाई है। यह आयोजन पांच जुलाई को किया गया। आयोजन में उपमुयमंत्री राजेंद्र शुल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद पटेल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह, भाजपा विधायक शैलेंद्र जैन, प्रदीप लारिया सहित भाजपा के कई क्षेत्रीय नेता शामिल हुए। आयोजन में भगवान सदाशिव की 75 फीट ऊंची प्रतिमा का लोकार्पण हुआ। इस समारोह के मंच से उप मुयमंत्री राजेंद्र शुल ने कहा कि संतों की वाणी पर कोई तर्क नहीं किया जा सकता। उनकी वाणी को श्रद्धा से ग्रहण कर उसे आग बढ़ाने का कार्य किया जानाचा हिए। रावतपुरा सरकार द्वारा देशभर में 200 स्थानों पर शिक्षा, स्वास्थ्य और जनकल्याण की संस्थाएं संचालित की जा रही हैं। मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि धर्माचार्य के खिलाफ कोई भी षड्यंत्र होगा, तो हम उनके आगे खड़े होंगे।
बीहड़ में जगाई शिक्षा की अलख
भिंड जिला मुयालय से 75 किलोमीटर दूर लहार तहसील में रावतपुरा सरकार धाम है। यहां करीब 35 साल पहले बीहड़ था। चंबल के इस दस्यु प्रभावित क्षेत्र में दिन में भी लोग आने-जाने से डरते थे, लेकिन आज यहां सर्वसुविधायुक्त रावतपुरा सरकार धाम है, जहां देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। पहूज और सोनमृगा नदी के बीच बने धाम ने वर्ष 2008 में रावतपुरा सरकार कॉलेज ऑफ एजुकेशन से शिक्षण क्षेत्र में कदम रखा। कॉलेज में डीएड, बीएड सहित पांच पाठ्यक्रम संचालित हैं। 12वीं कक्षा तकसंस्कृत विद्यालय  भी संचालित है। रावतपुरा में रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 1990 में यहां भीषण बाढ़ आई थी, तभी रविशंकर महाराज (वर्तमान में रावतपुरा सरकार के महंत) पहुंचे। वह टीकमगढ़ जिले के छिपरी के रहने वाले हैं। उन्होंने यहां यज्ञ और अनुष्ठान करवाए। तब से यहां माहौल पूरी तरह से बदल गया है। वर्ष 2005 में आश्रम एकधाम के रूप में विकसित हो गया और इसका नाम बदलकर रावतपुरा सरकार धाम कर दिया गया। धाम देश के उन मंदिरों में शामिल है, जहां राजनेताओं का विशेष अनुष्ठानों के लिए आना-जाना लगा रहता है। यहां विराजमान हनुमानजी के दर्शन के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकारों से लेकर उसके बाद भाजपा सरकारों के मंत्री-मुयमंत्री पहुंचते रहे हैं। 14 मई 2023 को तत्कालीन मुयमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह ने मां ललिता देवी का अनुष्ठान यहां संपन्न कराया था।

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