रावतपुरा सरकार पर रिश्वत के मामले में सीबीआई ने की कार्रवाई

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  • सीबीआई ने 35 लोगों को बनाया आरोपी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मेडिकल कालेज को मान्यता दिलाने के लिए रिश्वत लेने-देने के आरोप में सीबीआई ने छत्तीसगढ़ के श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च के संरक्षक रावतपुरा सरकार के नाम से प्रसिद्ध रविशंकर महाराज समेत देश भर के 35 लोगों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। इनमें दिल्ली, इंदौर, कानपुर, वाराणसी, मेरठ, गुरुग्राम, उदयपुर, मुंबई, हैदराबाद, विशाखापत्तनम, वारंगल व गांधीनगर के चिकित्सकों व संस्थान मालिकों समेत राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के संयुक्त निदेशक डा. जीतू लाल मीणा व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आठ अधिकारी पूनम मीणा, धर्मवीर, पीयूष मल्यान, अनूप जायसवाल, राहुल श्रीवास्तव, चंदन कुमार, दीपक कुमार व मनीषा भी शामिल हैं। बता दें कि सीबीआई ने 1.62 करोड़ रिश्वत प्रकरण में एक जुलाई को रायपुर से छह आरोपितों राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) की जांच टीम के सदस्य डा. मंजुष्पा सीएन, डा. चैत्रा एमएस और डा. अशोक शेल्के, रावतपुरा मेडिकल कालेज के निदेशक अतुल कुमार तिवारी, सतीश एए और रविचंद्र केएफ (डा. चैत्रा के पति) को गिरफ्तार किया था। सभी पांच दिन के सीबीआई रिमांड पर हैं। उनसे पूछताछ चल रही है। रावतपुरा सरकार के छत्तीसगढ़, मप्र के बुंदेलखंड में बड़ी संख्या में अनुयायी हैं। मेडिकल कालेज की मान्यता के लिए रिश्वतखोरी में एफआईआर दर्ज होने के बाद इंदौर के खुड़ैल स्थित इंडेक्स मेडिकल कालेज का संरक्षक सुरेश भदौरिया फरार हो गया है। उसका मोबाइल फोन भी बंद आ रहा है। टीम ने बुधवार को उसके आवास और कालेज में छापा मारा और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए। जांच में सामने आया कि उदयपुर के गीतांजलि विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार मयूर रावल और टेकइंफी साल्यूशन्स के प्रोजेक्ट हेड आर रणदीप नायर ने एनसीआर मेडिकल कालेज एंड रिसर्च सेंटर मेरठ की असिस्टेंट मैनेजिंग डायरेक्टर डा. शिवानी अग्रवाल को निरीक्षण की तिथि पहले ही बता दी थी। इससे उन्होंने मानक पूरे कर लिए थे। शिवानी पूर्व एमएलसी भाजपा नेता डा. सरोजिनी अग्रवाल की छोटी बेटी हैं।
रिश्वत के 75 लाख से बनवाया मंदिर
सीबीआई की दर्ज एफआईआर में बताया गया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, नई दिल्ली के संयुक्त निदेशक एवं डिवीजन प्रमुख (एसपीई) डॉ.जीतू लाल मीणा तक गुरुग्राम, हरियाणा निवासी डॉ. वीरेंद्र कुमार ने भारी रिश्वत ली। इस पैसे से राजस्थान के सवाई माधोपुर में उन्होंने एक भव्य हनुमान मंदिर बनवाया, जिसकी लागत 75 लाख रुपये बताई जा रही है। यह पैसा हवाला के जरिए ठेकेदार भीकालाल को दिया गया था।
विशाखापत्तनम कॉलेज को मान्यता दिलाने 2.5 करोड़ लिए
वहीं पुछताछ में यह भी सामने आया है कि विशाखापत्तनम के गायत्री मेडिकल कॉलेज को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग से मान्यता की मंजूरी दिलाने के बदले 2.5 करोड़ की रिश्वत ली गई। इसे कॉलेज के निदेशक वेंकट ने हवाला के जरिए दिल्ली भेजा। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी चंदन कुमार ने मंत्रालय की गोपनीय जानकारी गीतांजलि यूनिवर्सिटी, उदयपुर के रजिस्ट्रार मयूर रावल को दी। मयूर रावल ने टेकइंफी साल्यूशन्स प्रा.लि.,नई दिल्ली के प्रोजेक्ट हेड आर. रणदीप नायर के साथ मिलकर कई निजी कालेजों को जांच की जानकारी पहले ही दे दी, ताकि वे भी फर्जी तैयारी कर सकें। इस मामले में स्वामीनारायण इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (गुजरात), नेशनल कैपिटल रीजन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (मेरठ) और अन्य कालेजों ने फर्जीवाड़ा कर अपने पक्ष में रिपोर्ट बनवाई। पूरा मामला मेडिकल कालेजों के निरीक्षण प्रक्रिया में गड़बड़ी, फर्जी फैकल्टी की नियुक्ति और बायोमेट्रिक रिकार्ड में हेरफेर से जुड़ा निकला है। आरोप है कि 30 जून को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के निरीक्षण टीम के चार सदस्य नवा रायपुर स्थित श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च पहुंचे थे। कॉलेज के डायरेक्टर अतुल कुमार तिवारी ने संस्थान के पक्ष में रिपोर्ट बनाने के लिए जांच टीम को पैसों का ऑफर किया। यह ऑफर सीधे मांड्या इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस बेंगलुरु में आर्थोपेडिक्स डिपार्टमेंट की एचओडी व राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग जांच दल की प्रमुख डऑ. मंजप्पा को दिया था।
कौन हैं रावतपुरा सरकार
रावतपुरा सरकार का मूल नाम रविशंकर है। वह टीकमगढ़ जिले के छिपरी गांव के रहने वाले हैं। उनका परिवार वहीं रहता है। ग्रामीण बताते है रविशंकर महाराज जब रावतपुरा आए थे तो उनकी उम्र महज 17 वर्ष थी। वर्ष 1991 में उन्होंने रावतपुरा में यज्ञ कराया था। वर्ष 1995 तक कई बार आध्यात्मिक, धार्मिक गतिविधियां हुईं। वर्ष 1996 में रविशंकर महाराज ने अपने गुरु देवरहा बाबा की स्मृति में विश्व शांति के लिए एक और यज्ञ आयोजित किया, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। वर्ष 2005 में आश्रम एक धाम के रूप में विकसित हो गया और इसका नाम श्री रावतपुरा सरकार धाम कर दिया गया।
रावतपुरा धाम पहुंचते रहे हैं राजनेता
भिंड: रावतपुरा धाम में राजनेता विशेष अनुष्ठानों के लिए आते हैं। कांग्रेस की दिग्विजय सिंह सरकार में धाम पर प्रदेश के बड़े नेताओं व मंत्रियों का आना-जाना रहता था। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी 16 अप्रैल, 2022 को वहां अनुष्ठान के लिए पहुंचे थे। लहार तहसील से 18 किलोमीटर दूर पहूज और सोनमृगा नदी के बीच स्थित धाम में 2008 में रावतपुरा सरकार कालेज आफ एजुकेशन की शुरुआत हुई। हाल ही पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, मंत्री गोविंद सिंह राजपूत समेत कई दिग्गज नेता वहां विराजमान हनुमानजी के दर्शन को पहुंचे। धाम में 10 फीट ऊंचे चबूतरे पर 85 फीट ऊंची भगवान शंकर की मूर्ति भी स्थापित है।

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