
- मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने झुग्गी मुक्त शहर की कार्ययोजना बनाने दिया निर्देष
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। नगरीय विकास एवं आवास विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रदेश के नगरों में झुग्गी बस्तियों के विस्तार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से, लोगों की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए किफायती और सुविधाजनक आवास सुविधा विकसित करने कार्य-योजना बनाई जाए। इसके साथ ही प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में कॉलोनियों के विकास में देश के प्रतिष्ठित बिल्डर्स एंड कॉलोनाईजर्स को जोडऩे के लिये कहा है। इसके पहले मुख्यमंत्री ने लाड़ली बहनों के आवास की चिंता करते हुए कहा कि प्रदेश में शहरी क्षेत्रों की एक करोड़ 30 लाख लाड़ली बहनों को आर्थिक सहायता के साथ आवास दिए जाएंगे। प्राथमिकता के आधार पर यह सुविधा उपलब्ध कराई जाए। मौजूदा समय में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 1.0 में 8 लाख 55 हजार आवास बनकर तैयार हो गए हैं। इस योजना के दूसरे चरण में अब तक 4 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हो गए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी एवं अन्य योजनाओं में तैयार किए गए आवासों के आधिपत्य बनने के साथ ही सौंपे जाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने ये निर्देश नगरीय विकास विभाग के अफसरों से कहा है कि शहरों में झुग्गी बस्तियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए नगरीय आवास और विकास विभाग किफायती और सुविधाजनक आवास विकसित करने की कार्ययोजना बनाएगा। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में कॉलोनियों के विकास में देश के प्रतिष्ठित बिल्डर्स और कॉलोनाइजर्स को जोड़ा जाए। शहरी इलाकों की एक करोड़ 30 लाख लाड़ली बहनों को आर्थिक सहायता के साथ आवास दिए जाएंगे। नगरीय विकास विभाग के कामों की समीक्षा करते हुए सीएम डॉ. यादव ने कहा कि झुग्गी-बस्तियों को कंट्रोल करने के लिए लोगों की सामाजिक-आर्थिक परिस्थिति का आकलन करें और किफायती, सुविधाजनक आवास सुविधा विकसित करने कार्ययोजना बनाई जाए। नगरीय इलाकों में पार्कों को विकसित करने और विकास प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड सहित सभी आवासीय परियोजनाओं में पौधरोपण को प्रोत्साहित किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल के बड़े तालाब के आसपास अवैध निर्माण का सर्वेक्षण कराकर कार्रवाई के लिए अभियान चलाया जाए।
दीनदयाल रसोई योजना पर करें फोकस
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने धार्मिक क्षेत्रों में दीनदयाल रसोई योजना के विस्तार पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस कार्य में सरकारी मदद के साथ स्वंयसेवी संस्थाओं और निजी दानदाताओं की मदद ली जाए। शहरी क्षेत्रों में स्थानीय समुदाय के स्वसहायता समूह तैयार कर उन्हें आधुनिक लांड्री शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता और उपयुक्त स्थान उपलब्ध कराया जाए। बैठक में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि धार्मिक एवं पर्यटन शहरों के विकास में एकीकृत विकास की योजना तैयार की जा रही है। चित्रकूट नगर में 2800 करोड़ रुपए की कार्य-योजना तैयार की गई है, जिसमें नगरीय विकास विभाग द्वारा 800 करोड़ रुपए का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जा रहा है। प्रदेश में रीडेंसीफिकेशन परियोजनाओं की संभावना को देखते हुए हाउसिंग बोर्ड को निर्देश दिए गए हैं।
नगरीय परिवहन पर दिया जोर
मुख्यमंत्री ने इस दौरान सार्वजनिक नगरीय परिवहन पर जोर दिया। उन्होंने भोपाल व इंदौर में 2027 तक जहां मेट्रो संचालन के लिये निर्देशित किया। वहीं दूसरी ओर अंतर्शहरी क्षेत्र में रेल सेवा के विस्तार के लिए नमो ट्रेन की योजना की जरूरत बताते हुए कहा कि महानगरीय विस्तार के दृष्टिगत अप डाऊनर्स को नमो ट्रेन के माध्यम से सुविधा से आवागमन की सुनिश्चिता होगी। इसके लिये रेल मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा जाय। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने यहां बताया कि धार्मिक एवं पर्यटन शहरों के विकास में एकीकृत विकास की योजना तैयार की जा रही है।
2027 तक पूरी तरह संचालित होंगी मेट्रो
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में शहरी क्षेत्रों की एक करोड़ 30 लाख लाड़ली बहनों को आर्थिक सहायता के साथ आवास दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 1.0 में 8 लाख 55 हजार आवास बनकर तैयार हो गए हैं। दूसरे चरण में अब तक 4 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हो गए हैं। संकल्प बिन्दु के अनुसार वर्ष 2027 तक भोपाल और इंदौर मेट्रो लाईन का पूर्ण संचालन किया जाएगा। मुख्यमंत्री नगरीय क्षेत्र अधोसंरचना निर्माण योजना में 1070 करोड़ रुपए की 1062 परियोजनाएं मंजूर हैं। बताया गया कि 183 नगरीय निकायों में महिलाओं के लिए 218 पिंक शौचालय संचालित हो रहे हैं।
जल गंगा संवर्धन अभियान
बैठक में शहरी क्षेत्रों में जल गंगा संवर्धन अभियान की प्रगति की जानकारी दी गई। प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में 36 जल संरचनाओं के पुनर्जीवन का कार्य पूर्ण किया गया है और 38 हरित क्षेत्र विकसित किए गए हैं। विभिन्न नगरीय निकायों में 3963 रैनवॉटर हार्वेस्टिंग संरचनाएं निर्मित की गई है। इसी के साथ शहरी क्षेत्रों में एक्विफायर मैनेजमेंट और गंदे पानी के शोधन के लिए 30 नालों की कार्ययोजना तैयार की गई।