
- घूसखोरी के आरोप पर मंत्री संपतिया उईके का बड़ा बयान…
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। जल जीवन मिशन से जुड़े 1000 करोड़ रुपये की घूस लेने के गंभीर आरोपों पर मंत्री संपतिया उईके ने सफाई दी है। मंत्री उईके ने कहा कि मैं जनता की सेवा कर रही हूं। इस मामले में मेरा जवाब मुख्यमंत्री देंगे। मुझे बेवजह प्रताडि़त किया जा रहा है। हमारी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त सरकार है और यदि किसी के खिलाफ कोई शिकायत आती है तो उसकी जांच जरूर होती है। मंत्री उईके ने बताया कि वह इस मुद्दे को कैबिनेट बैठक में भी उठाएंगी और प्रेस वार्ता कर एक-एक सवाल का जवाब देंगी।
क्या है मामला
दरअसल, मध्यप्रदेश की आदिवासी मंत्री संपतिया उईके पर जल जीवन मिशन से जुड़े 1000 करोड़ रुपये की घूस लेने के गंभीर आरोप लगे हैं। ये आरोप पूर्व विधायक किशोर समरीते ने लगाए हैं, जिनकी शिकायत के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद मध्यप्रदेश सरकार ने खुद अपनी मंत्री के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। अब पीएचई विभाग के अधिकारी पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं।
डिप्टी सीएम बोले- मंत्री पर लगाए आरोप आधारहीन
डिप्टी सीएम और लोक स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने मामले में मंगलवार को कहा कि ऐसी मंत्री पर आरोप लगाया है जिसका राजनीतिक बैकग्राउंड अच्छा है। लगन के साथ काम कर रही हैं। विधानसभा में बजट प्रस्ताव के दौरान सभी ने उन्हें बधाई दी है। आदिवासी मंत्री को टारगेट करना निंदनीय है और आधारहीन आरोप छवि खराब करने वाला है। उन्होंने आगे कहा कि कीचड़ उछालकर किसी की छवि खराब करने वालों को प्रतिबंधित करना चाहिए। जो जरूरी कार्यवाही होगी, वह सब होगी। जो आरोप लगा है वह आधारहीन है। मंत्री की जांच के आदेश कौन दे सकता है, अगर उस तरह की कोई मिस्टेक हुई है तो कार्रवाई जरूर होगी।
पूर्व विधायक किशोर समरीते ने की शिकायत
यह गंभीर आरोप पूर्व विधायक किशोर समरीते द्वारा पीएम को भेजे गए पत्र से सामने आए हैं। 12 अप्रैल को भेजी गई इस शिकायत में कहा गया है कि मंत्री ने मिशन से एक हजार करोड़ की कमीशन वसूली की है। शिकायत में तत्कालीन प्रमुख अभियंता बीके सोनगरिया और उनके अकाउंटेंट महेंद्र खरे पर करोड़ों रुपए की घूसखोरी के आरोप लगाए गए हैं। साथ ही बैतूल में कार्यपालन यंत्री पर बिना किसी कार्य के 150 करोड़ रुपये निकालने का आरोप। छिदवाड़ा और बालाघाट में भी इसी तरह की अनियमितताएं। मुख्य अभियंता (मैकेनिकल) पर 2200 टेंडरों में बिना कार्य के राशि जारी करने का आरोप। और केंद्र सरकार को 7000
फर्जी कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र भेजने का दावा।