
- पहली डीपीसी में ही 90 प्रतिशत को मिल जाएगा प्रमोशन
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में जिन शासकीय सेवकों का 9 साल से ओहदा नहीं बढ़ा, अब उन्हें जल्द ही पदोन्नति मिलेगी। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने उच्चस्तरीय बैठक में यह डेडलाइन तय कर दी है। मुख्य सचिव के निर्देश के बाद बाद सभी विभागों ने विभागीय पदोन्नति समिति की बैठकें बुलाने की तैयारियां तेज कर दी हैं। विभाग प्रमुखों ने अपने मातहत अधिकारियों को डीपीसी जल्द करने के निर्देश दिए हैं। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक डीपीसी की पहली बैठक के बाद ही प्रदेश के करीब साढ़े चार लाख कर्मचारियों को प्रमोशन मिल जाएगा। यह पदोन्नति के लिए पात्र कुल कर्मचारियों की संख्या का 90 प्रतिशत है। ये वे कर्मचारी हैं, जो दिसंबर, 2024 की स्थिति में पदोन्नति के लिए पात्र हैं। गौरतलब है कि सीएस ने निर्देश दिया है कि अफसर-कर्मियों की गोपनीय चरित्रावली (सीआर) अधिकतम 1 सप्ताह में लिखें। विभागीय पदोन्नत समिति (डीपीसी) की बैठक कर हर हाल में 31 जुलाई तक पदोन्नति दें। मुख्य सचिव के निर्देश के बाद कर्मचारियों की पदोन्नति की तैयारियां तेज हो गई हैं। सभी विभागों को पहली डीपीसी 31 जुलाई से पहले करना है, ताकि दिसंबर 2024 की स्थिति में रिक्त पदों पर पदोन्नति की जा सके। दूसरी डीपीसी सितंबर से नवंबर के बीच करना है, ताकि दिसंबर 2025 की स्थिति में रिक्त पदों पर पदोन्नति की जा सके। इसके बाद अगले साल सितंबर से नवंबर के बीच दिसंबर, 2026 की स्थिति में रिक्त होने वाले पदों के लिए डीपीसी करना है। नगरीय प्रशासन विभाग में प्रमोशन प्रक्रिया के तहत 25 जुलाई को डीपीसी की बैठक आयोजित की जाएगी। इससे पहले 4 जुलाई को नगर निगम, नगरपालिका और नगर परिषद स्तर पर वरिष्ठता सूची तैयार की जाएगी। प्रदेश में 22 जुलाई को वरिष्ठता सूची प्रकाशित की जाएगी।
पदोन्नति के नए नियम
सरकार ने पदोन्नति के जो नए नियम बनाए हैं उसके अनुसार पदोन्नति के लिए रिक्त पदों को एससी (16 प्रतिशत), एसटी (20 प्रतिशत) और अनारक्षित में बांटा जाएगा। क्लास-1 अधिकारी के लिए लिस्ट मेरिट कम सीनियोरिटी के आधार पर, जबकि क्लास-2 और नीचे के पदों के लिए सीनियोरिटी कम मेरिट के आधार पर दावेदारों की सूची बनेगी। पूर्व में प्रमोशन पा चुके कर्मचारियों को रिवर्ट नहीं किया जाएगा, न रिटायर्ड कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। पदोन्नति से भरे जाने वाले हर संवर्ग के पद अलग से तय होंगे। डीपीसी में एससी-एसटी वर्ग का एक-एक अधिकारी शामिल होगा।
स्कूल शिक्षा विभाग ने कल बुलाई बैठक
पदोन्नति को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ने 2 जुलाई को भोपाल में बैठक बुलाई है। बैठक में सभी जिम्मेदार अफसरों को संभाग और जिला स्तर के प्राचार्यों, व्याख्याताओं और शिक्षकों की सीआर के साथ आने को कहा गया है। सभी जिलों से एक अप्रैल, 2025 की स्थिति में वरिष्ठता सूची के साथ वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक की गोपनीय चरित्रावली की जानकारी बुलाई गई है।
पदोन्नत से करीब दो लाख पद होंगे रिक्त
कर्मचारियों के पदोन्नत होने से करीब दो लाख पद रिक्त होंगे, जिन्हें सीधी भर्ती के जरिए भरा जाएगा। उधर, सामान्य प्रशासन विभाग डीपीसी की तैयारी पूरी कर चुका है। अधिकारियों को विभागीय अपर मुख्य सचिव संजय दुबे की हरी झंडी मिलने का इंतजार है। अधिकारियों का कहना है कि जुलाई के पहले हफ्ते में डीपीसी की बैठक कर पदोन्नति के आदेश जारी कर दिए जाएंगे। विभाग में करीब 600 कर्मचारियों को पदोन्नति मिलेगी। मप्र राज्य निर्वाचन आयोग भी कर्मचारियों की पदोन्नति की तैयारियां पूरी कर चुका है। आयोग जल्द ही 10 से ज्यादा कर्मचारियों के पदोन्नति आदेश जारी करेगा। बता दें कि हाल में मुख्य सचिव अनुराग जैन ने एसीएस, पीएस, सचिव, आयुक्त और विभागाध्यक्षों के साथ बैठक कर 31 जुलाई से पहले पूर्व डीपीसी की पहली बैठक बुलाने के निर्देश दिए थे, ताकि दिसंबर, 2024 की स्थिति में प्रमोशन के लिए पात्र कर्मचारियों को पदोन्नति दी जा सके।
सपाक्स कलेक्टरों को सौंपेगा ज्ञापन
सामान्य पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी संस्था (सपाक्स) की सामान्य सभा की बैठक एवं प्रांतीय अधिवेशन में मप्र लोक सेवा पदोन्नति नियम-2025 में किए गए प्रावधानों पर चर्चा की गई। बैठक में मौजूद कर्मचारियों ने पदोन्नति के नए नियमों में एससी-एसटी वर्ग को दिए गए आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की अवमानना बताया। इस दौरान निर्णय लिया गया कि पहले इस विषय पर संस्था के सदस्य सभी जिलों में सांसदों एवं विधायकों से मिलकर उनके समक्ष अपनी बात रखेंगे। उसके बाद जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपेंगे।