
- जुलाई का शक्कर कोटा कम आने से बढ़े भाव…
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय द्वारा जुलाई 2025 के लिए महज 22 लाख टन शक्कर की घरेलू बिक्री का कोटा निर्धारित किया गया है। अत: शक्कर कोटा कम जारी होने से स्थानीय जिंस थोक बाजार हनुमानगंज, जुमेराती बाजार में शक्कर के भाव में बढ़त दर्ज हुई है। स्थानीय थोक शक्कर कारोबारी देवानंद सचदेवा ने बताया कि राजधानी भोपाल में रोजाना शक्कर की आवक 12 से 13 ट्रक की है। एक ट्रक में 25 टन शक्कर लोड रहता है। अत: इस अनुमान से शहर में हर रोज करीब 300 टन शक्कर की बिक्री होती है अत: भोपाल में प्रतिदिन 125 करोड़ (सवा सौ करोड़ रुपए की शक्कर बिकती है। गौरतलब है कि केंद्रीय खाद्य मंत्रालय जारी जुलाई 2025 के लिए नियत 22 लाख टन चीनी का कोटा जून के 23 लाख टन से एक लाख टन तथा जुलाई 2024 के कोटा 24 लाख टन से 2 लाख टन कम है। जुलाई 2023 में भी 24 लाख टन चीनी का कोटा नियत हुआ था। अक्टूबर-दिसम्बर 2024 की तिमाही में करीब 70 लाख टन चीनी का फ्री सेल कोटा जारी किया गया था जबकि जनवरी से जुलाई 2025 के दौरान 182 लाख टन का कोटा नियत किया गया। अब अगस्त तथा सितम्बर का कोटा जारी होना बाकी है जबकि अक्टूबर से नया मार्केटिंग सीजन आरंभ हो जाएगा।
मिलर्स चीनी का दाम घटाने के लिए तैयार नहीं
शक्कर की घरेलू मांग कमजोर चल रही है जिससे इसका दाम भी एक निश्चित सीमा में स्थिर हो गया है। चीनी का एक्स फैक्ट्री मूला महाराष्ट्र में 3780 से 4050 रुपए प्रति क्विंटल तथा उत्तर प्रदेश में 3830 से 4000 रुपए प्रति क्विंटल के बीच बताया जा रहा है। थोक खरीदार कीमतों में गिरावट आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं और इसलिए सीमित मात्रा में चीनी की खरीद कर रहे हैं। दूसरी ओर मिलर्स चीनी का दाम घटाने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि इसके लागत खर्च में वृद्धि हो गई है। एथनॉल के खरीद मूल्य में भी कोई इजाफा नहीं हुआ है।
शक्कर का निर्यात प्रदर्शन भी उत्साहवर्धक नहीं
हालांकि 2023-24 सीजन के मुकाबले 2024-25 के मार्केटिंग सीजन में चीनी का घरेलू उत्पादन 18 प्रतिशत घटकर 261 लाख टन पर अटक गया लेकिन फिर भी सीमित मांग के कारण इसका भाव काफी हद तक स्थिर बना रहा। अब मानसून, अपने पीक की ओर बढ़ रहा है जिससे चीनी की मांग एवं खपत में और भी कमी आ सकती है। जून के लिए निर्धारित कोटे में से करीब 1.50 लाख टन चीनी का स्टॉक अनबिका रह जाएगा और इसे भी जुलाई के कोटे में जोड़ा जा सकता है। इससे जुलाई माह का कुल प्रभावी कोटा बढक़र 23.50 लाख टन पर पहुंच सकता है। इससे बाजार भाव पर दबाव बढऩे की संभावना है। चीनी का निर्यात प्रदर्शन भी उत्साहवर्धक नहीं है।