वरिष्ठ अधिकारियों को बताई जाएंगी पदोन्नति की बारीकियाँ

कैबिनेट

-मुख्य सचिव अनुराग जैन ने बुलाई बैठक

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। कैबिनेट से पदोन्नति नियम 2025 को मंजूरी मिलने से नौ वर्ष बाद अब अधिकारियों-कर्मचारियों के पदोन्नति की तैयारी प्रारंभ हो गई है। सबसे पहले मंत्रालय में अधिकारी-कर्मचारी पदोन्नत किए जाएंगे। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग वरिष्ठता के हिसाब से सूची तैयार कर रहा है। उधर, मुख्य सचिव अनुराग जैन ने 26 जून को वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई है ताकि उन्हें पदोन्नति के नए नियमों और डीपीसी के तरीको से अवगत कराया जा सके।
गौरतलब है कि मप्र में कर्मचारियों की पदोन्नति के नए नियमों को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद इस संबंध में गजट नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है। इससे प्रदेश में नौ साल बाद कर्मचारियों की पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया है। मप्र लोकसेवा पदोन्नति नियम-2025 का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद पदोन्नति की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू करने को लेकर सरकार एक्शन में है। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने गुरुवार को मंत्रालय में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। इसमें सभी विभागों में अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव शामिल होंगे।
नए नियमों पर होगी विस्तार से चर्चा
पदोन्नति नियम अधिसूचित कर लागू कर दिए गए हैं। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक पदोन्नति की प्रक्रिया जल्द शुरू हो सके और अधिकारियों को नए नियमों और डीपीसी को लेकर अफसरों के बीच कोई असमंजस न रहे, इसलिए मुख्य सचिव ने बैठक बुलाई है। बैठक का मुख्य एजेंडा पदोन्नति के नए नियमों पर विस्तार से चर्चा करना और इसके तहत नियमित समय में विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठकों का आयोजन तय करना है। बैठक में सीएस जैन और अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विभाग संजय दुबे अधिकारियों की पदोन्नति के नियमों संबंधी शंकाओं का भी समाधान करेंगे। सामान्य प्रशासन विभाग के कर्मचारी बैठक के संबंध में प्रेजेंटेशन तैयार कर रहे हैं।
पदोन्नति के नए नियम
सरकार ने पदोन्नति के जो नियम बनाए हैं उसके अनुसार पदोन्नति के लिए रिक्त पदों को एससी (16 प्रतिशत), एसटी (20 प्रतिशत) और अनारक्षित में बांटा जाएगा। क्लास-1 अधिकारी के लिए लिस्ट मेरिट कम सीनियोरिटी के आधार पर, जबकि क्लास-2 और नीचे के पदों के लिए सीनियोरिटी कम मेरिट के आधार पर दावेदारों की सूची बनेगी। पूर्व में प्रमोशन पा चुके कर्मचारियों को रिवर्ट नहीं किया जाएगा, न रिटायर्ड कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। पदोन्नति से भरे जाने वाले हर संवर्ग के पद अलग से तय होंगे। डीपीसी में एससी-एसटी वर्ग का एक-एक अधिकारी शामिल होगा। सीआर उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में पदोन्नति नहीं मिलेगी।
कोर्ट जाने की तैयारी
वहीं सामान्य पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी संस्था (सपाक्स) के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. केएस तोमर का कहना है कि पहले पदोन्नति के नए नियमों के विरोध में मप्र हाईकोर्ट में याचिका लगाएंगे। इसके बाद जैसे ही पूर्व में प्रमोशन पा चुके आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों को फिर से पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू होगी, तो सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर करेंगे, क्योंकि हाईकोर्ट ने 2016 में आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों को पदावनत करने का आदेश दिया था, जिसको लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी। मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होते हुए सरकार उन्हें पदावनत करने के स्थान पर नए नियम बनाकर पदोन्नत कर रही है। यह अनारक्षित वर्ग के कर्मचारियों के साथ अन्याय है। दरअसल, वर्ष 2002 में तत्कालीन सरकार ने नए नियम बनाते हुए प्रमोशन में आरक्षण का प्रावधान कर दिया था। अनारक्षित वर्ग के कर्मचारी इसके विरोध में हाईकोर्ट पहुंचे थे। उन्होंने कोर्ट से प्रमोशन में आरक्षण खत्म करने का आग्रह किया। मप्र हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल, 2016 को मप्र लोक सेवा (पदोन्नति) नियम-2002 खारिज कर दिए। इसके बाद सरकार जो अधिकारी, कर्मचारी हाईकोर्ट से केस जीते थे, उनके विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट चली गई। सुप्रीम कोर्ट ने यथा स्थिति रखने का आदेश दिया। अभी यह प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
काली टोपी पहन कर काम
पदोन्नति के नए नियमों में सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग के अधिकारियों-कर्मचारियों के हितों की अनदेखी किए जाने के कारण इन वर्गों के कर्मचारियों सरकार के प्रति नाराजगी है। मंत्रालय के सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग के अधिकारी-कर्मचारी आज काली टोपी पहनकर काम कर रहे हैं। गत दिनों बैठक में मंत्रालय सेवा अधिकारी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने कर्मचारियों को पदोन्नति के नए नियमों में अनारक्षित वर्ग विरोधी प्रावधानों से अवगत कराया। बैठक में तय हुआ कि सभी पीडि़त कर्मचारी पदोन्नति नियमों के विरोध की टोपी पहनकर काम करेंगे। वहीं वल्लभ भवन क्रमांक एक के मेन गेट पर गुरुवार को लंच टाइम में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

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