‘ट्रांसफर’ के लिए मंत्रियों के बंगलों पर लगी भीड़

  • तबादले की आज अंतिम तारीख…

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
मप्र में आज के बाद तबादलों पर फिर से बैन लग सकता है। इसको देखते हुए प्रदेशभर से लोग भोपाल पहुंचे हैं। इनमें कुछ लोग अपने तबादले की सिफारिश लेकर पहुंचे हैं तो कुछ लोग तबादला रूकवाने। विभिन्न माध्यमों से मंत्रियों के यहां सिफारिशी आवेदन लेकर पहुंचे लोगों को उम्मीद है कि मंत्री उनका काम करवा देंगे। उधर, आज कैबिनेट की बैठक है। इसको देखते हुए लोग मंत्रालय भी पहुंचे हैं और संबंधित विभाग के मंत्री के कक्ष के सामने चक्कर लगा रहे हैं। मोहन सरकार में यह पहली तबादला नीति है। इसे एक मई से लागू किया गया। इसके पहले जब नीति नहीं आई थी तब, कुछ मंत्रियों ने कार्यकर्ता और कर्मचारियों द्वारा तबादला नीति की मांग किए जाने का हवाला देकर सत्ता व संगठन के सामने नाराजगी व्यक्त की थी। कर्मचारी भी एक तरह से चिढ़े हुए थे, क्योंकि बीते चार वर्षों से तबादले नहीं हुए थे। जब सरकार ने तबादला नीति जारी कर दी, तब भी कई मंत्री और अफसर कर्मचारियों के आवेदन अंतिम समय तक दबाकर बैठे रहे।
गौरतलब है कि तीन दिनों तक भाजपा का प्रशिक्षण शिविर पचमढ़ी में आयोजित होने के कारण मंत्री वहीं व्यस्त रहे। इस कारण कई विभागों में तबादलों की सूची को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। आज कैबिनेट बैठक है। सभी मंत्री पचमढ़ी प्रशिक्षण शिविर से वापस भोपाल लौट आए हैं। कैबिनेट ने अगर ट्रांसफर पर और छूट नहीं दी तो देर शाम तक कई और विभाग थोकबंद तबादले कर सकते हैं। वहीं मंत्रियों के ओएसडी और निज सहायकों के माध्यम से मंत्रियों के माध्यम से तबादले निरस्त कराने वाले कर्मचारियों की भीड़ रहेगी। अब सभी को उम्मीद है की आज ताबड़तोड़ सूचियां जारी होंगी। इसलिए लोग आवेदन लेकर भोपाल पहुंचे हैं। गौरतलब है कि तबादलों पर दी गई छूट आज खत्म हो रही है। यह छूट दो बार बढ़ाई जा चुकी है और संभावना है कि मंत्रियों द्वारा पचमढ़ी प्रशिक्षण शिविर में 3 दिन तक रहने का कारण बताते हुए छूट और देने की मांग की जा सकती है।
दिनभर चक्कर लगाते रहे लोग
तबादला करवाने और रूकवाने सोमवार को मंत्रालय में कर्मचारी दूर-दराज से आकर मंत्रियों को तलाशते रहे। दोपहर करीब डेढ़ बजे डिप्टी सीएम, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राजेंद्र शुक्ल के चेंबर के बाहर खड़ा व्यक्ति अपने हाथों में आवेदन लिए किसी अन्य से मोबाइल फोन पर बात करते हुए कह रहा था कि मंत्री जी नहीं आए हैं। आज रुकना पड़ेगा, कल ही उनसे मुलाकात हो पाएगी। चेंबर के बाहर दो दर्जन लोग मंत्री का इंतजार कर रहे थे। सबसे ज्यादा तबादले पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, नगरीय विकास एवं आवास, लोक निर्माण विभाग आदि में हुए हैं। इधर, पंचायत राज्य मंत्री रहे राम खेलावन पटेल एक व्यक्ति के साथ प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग गुलशन बामरा से मिलने पहुंचे। भृत्य ने बताया कि साहब लंच पर गए हैं। मंत्रालय के बाहर प्रवेश पत्र बनाने वाले कक्ष के बाहर दिनभर भीड़ देखी गई। अनूपपुर से आए एसके तिवारी ने बताया कि वे स्कूल शिक्षा विभाग में हैं। उनका तबादला हो गया है। मंत्री से मुलाकात करने के लिए आया हूं। उधर, कई मंत्री इसको लेकर नाराज हैं कि उनसे पूछे बिना ही उनके जिले के कर्मचारियों के तबादले प्रभारी मंत्रियों की सहमति से कर दिए गए हैं। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने रीवा जिले के प्रभारी मंत्री को पत्र लिखते हुए कहा है कि क्रमांक 3 से 18 तक जिन पटवारियों के तबादले किए गए हैं वे तत्काल निरस्त किए जाएं। इन पटवारियों के विरुद्ध कोई शिकायतें नहीं है।

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