- किसी शायर ने खूब कहा है..
- पंकज जैन

आपको देख कर यह नुमाया होता है।
रब किसी खास का तरफदार होता है।
जी हाँ, हर शहर मे एक दो शख्सियत ऐसी होती है, जिन पर ईश्वर की विशेष कृपा होती है।
ऐसी ही एक शख्सियत हमारे धार मे है, श्रीमल जैन, जिन्हे हम बड़े आदर और प्यार से बापू कहते है, देश विख्यात ज्योतिषी, ज्योतिषआचार्य नहीं लिखा, क्युकि बापू कभी इस दौड़ मे नहीं रहे, उनकी भविष्यवाणी ही उन्हें इस क्षेत्र के सर्वोच्च पद पर स्वत: आसीन करती है।
90 वर्ष के इस जवान बुजुर्ग का कई सालो से मेरे ऊपर पुत्रवत स्नेह रहा, सो, उनके जन्मदिन की पूर्व संध्या पर जा पंहुचा उनके घर, सोचा उनको मैं तो क्या ही भेट दे सकता हुं, इसलिए सबसे अच्छी भेंट होगी उनके बारे मे ही कुछ लिखा जाए, बड़े ही संकोच के साथ वे इसके लिए तैयार हुए।
पहले तो बापू के उस पहलु के बारे मे लिखू जिसे बहुत कम लोग जानते है, वे अच्छे ज्योतिषी तो है ही साथ ही बहुत अच्छे और नम्रदिल इंसान है, वे हमेशा लोगो के काम के लिए तत्पर रहे, मुझे याद है 80 82 वर्ष की उम्र तक भी, यदि उनका कोई अपना बीमार हो जाता तो, वे, उसकी मिजाजपुरसी के लिए अवश्य जाते, कई सारे जरुरतमंदो को आर्थिक सहायता करते,अनेको गरीब कन्याओ को कन्यादान करवाया, जिसकी कभी किसी को खबर तक नहीं होने दी। उनकी कर्तव्यनिष्ठा की बात करें तो उन्होंने शिक्षा विभाग मे एडीआई का पद पूरी जिम्मेदारी से निभाया, रिटायरमेंड के पूर्व पांच वर्ष तक वे कन्या विद्यालय मे रहे, उनके पांच साला कार्यकाल मे उनके विद्यालय से एक भी लडक़ी फैल नहीं हुई, यह एक महती उपलब्धि थी। जंहा तक उनकी भविष्यवाणी की बाते करें तो बचपन से ही उन्होंने जिसे जो बोला वह सही हो गया, फिर, बीस वर्ष की उम्र मे उन्हें एक अज्ञात और अदृश्य गुरु का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। 10/10/1978 को बापू धार आए, यंहा लोगो की भीड़ उनके पास उमडऩे लगी, तो, उनके गुरु ने कहा जो भी भविष्यवाणी करो उसे लिख कर दिया करो, कारण, गलत बयानी से डरोगे, और जो सच है वही बताओगे। निस्प्रह इतने कि 78 से 95 तक किसी से कभी हाथ देखने का एक रु भी नहीं लिया, बल्कि प्रत्येक आंगतुक को चाय जरूर पिलाते,सन 95 मे रिटायर्ड होने के बाद गुरु आज्ञा से पचास रु मात्र एक हाथ का लेने लगे।
आज जंहा बड़े-बड़े नामधारी ज्योतिषी दुकान लगा कर बैठे है, वंहा बापू ने बगैर किसी लालच के लोगो की सेवा की। जंहा तक बापू की भविष्यवाणीयों की बात करें तो इतनी लम्बी फेहरिस्त है, कि, एक दस्तावेज ही बन जाए, फिर भी कुछ भविष्यवाणीयों का जिसका मैं स्वयं साक्षी रहा हुँ, यंहा उल्लेख कर रहा हुँ। पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल जी वोरा, जो कि बापू को बहुत मानते थे, एक बार छत्तीसगढ़ मे चुनाव का परचा भरने जा रहे थे, बापू ने उन्हें फोन पर कह दिया आप दिल्ली जाओ, आपके राजयपाल की नियुक्ति का आदेश टाइप हो रहा है, और, यह हुआ भी। इसके बाद वोरा जी ने बापू को सात रोज तक उप्र बुलाया और राजकीय अतिथि का दर्जा दे कर खूब सम्मान दिया। ऐसे ही उनके पुत्र सुरेश वोरा के चुनाव परिणाम की घोषणा बीबीसी ने भी कर दी कि सुरेश वोरा हार गए, मोतीलाल वोरा का फोन आया, बापू ने उन्हें कह दिया, रेडियो कुछ भी बोले सुरेश जीत गया है, यह हुआ भी। सन 93 मे दिग्विजय सिंह को मुख्यमंत्री बनने का कह दिया था। बापू के पास सभी राजनैतिक दल के लोग, उद्योगपति, मिडिया हाउस के लोग, अनेको आई ए एस और आई पी एस अधिकारी बापू के पास आते रहे है, और मार्गदर्शन लेते रहे है।
राजनीतिज्ञयो मे सबसे पहले प्रकाशचंद्र सेठी बापू के सम्पर्क मे आए थे, वे अक्सर बापू को गाडी भेज कर दिल्ली बुलाया करते थे, और दिल्ली के लब्ध प्रतिष्ठितो से बापू कि मुलाकात करवाते थे, वहां भी बापू ने कभी कोई आर्थिक मदद नहीं ली।
ऐसे बापू का आज 90 वा जन्मदिन है उन्हें बहुत बहुत बधाइयां साथ ही उनके लिए दिल से यही दुआ…..
जीवेत शरद शतम