
- अपने कर्मठ और सक्रिय नेताओं को इनाम देगी भाजपा
गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में सरकार बनने के करीब डेढ़ साल बाद भाजपा अपने कर्मठ और सक्रिय नेताओं को इनाम देने की तैयारी कर रही है। दरअसल, प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियों का पिटारा खुलने वाला है। निगम-मंडलों और प्राधिकरणों में नियुक्ति का मामला भले ही टलता जा रहा है, लेकिन भाजपा सरकार कॉलेजों में जनभागीदारी समिति, नगरीय निकायों में एल्डरमैन, जेलों में अशासकीय कमेटी, जिला अस्पतालों की स्वास्थ्य समितियां, शासकीय अधिवक्ता, जन अभियान परिषद और नोटरी के साथ हर शहर में बनने वाली विकास समितियों में अपने नेताओं को पदस्थ करने जा रही है।
गौरतलब है कि प्रदेश में मोहन सरकार को बने हुए करीब डेढ़ साल हो गए हैं। वहीं पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, वरिष्ठ नेता तथा सैकड़ों अन्य कार्यकर्ता राजनीतिक नियुक्ति की आस लगाए बैठे हैं। प्रदेश के निगम-मंडलों में नियुक्ति का मामला बार-बार टलता जा रहा है। अब संभावना जताई जा रही है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बाद ही निगम-मंडलों में नेताओं की पदस्थापना होगी। इसी बीच खबर आ रही है कि प्रदेश की विभिन्न समितियों में नेताओं और कार्यकर्ताओं को एडजस्ट करने की तैयारी जोरों पर है। इसके लिए संगठन द्वारा नाम भी मांगे गए हैं। भाजपा में सक्रिय व पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं को इन कमेटियों में जगह देने में प्राथमिकता मिलेगी। अलग-अलग क्षेत्रों के जो युवा या विशेषज्ञ हैं और पार्टी से जुड़े नहीं हैं, उन्हें भी मौका मिलेगा। पार्टी का मत है कि इससे नए लोग जुड़ेंगे, विचारधारा समझेंगे।
इसके बाद आएगा निगम-मंडल का नंबर
ऐसा समझा जा रहा है कि सरकार द्वारा अब एल्डरमैन की नियुक्ति के साथ ही राजनीतिक नियुक्ति की प्रक्रिया को शुरू किया जा रहा है। सबसे पहले एल्डरमैन की नियुक्ति की जाएगी। उसके बाद निगम-मंडल में नियुक्ति का दौर शुरू किया जाएगा। भाजपा के नेता पिछले काफी समय से निगम-मंडल में नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं। वैसे राज्य सरकार के निर्वाचन को अभी 1 साल ही हुआ है। ऐसे में यदि अभी से निगम-मंडल में भी नियुक्ति कर दी जाती है तो नियुक्त होने वाले व्यक्ति को काम करने के लिए काफी समय मिल सकेगा।
एल्डरमैन के लिए मांगे नाम
प्रदेश के नगरीय निकायों में एक हजार के करीब एल्डरमैन की नियुक्ति की कवायद शुरू हो गई है। भोपाल नगर निगम की वर्तमान परिषद के कार्यकाल का आधा समय गुजरने के बाद अब सरकार को जल्द से जल्द एल्डरमैन की नियुक्ति की याद आई है। इस बार भोपाल नगर निगम में 12 एल्डरमैन नियुक्त किए जाएंगे। इसके लिए भाजपा संगठन द्वारा नगर अध्यक्ष से नाम मांग लिए गए हैं। सूत्रों के अनुसार सरकार द्वारा एल्डरमैन की संख्या में वृद्धि करने का फैसला लिया गया है। अब तक तो भोपाल नगर निगम में 6 एल्डरमैन नियुक्त किए जाते थे। इस बार राज्य सरकार द्वारा भोपाल, इंदौर और ग्वालियर नगर निगम में एल्डरमैन की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया गया है। सरकार द्वारा तय किया गया है कि इन तीनों नगर निगम में 12-12 एल्डरमैन नियुक्त किए जाएं। इस बारे में सरकार की ओर से आदेश जारी होने के बाद प्रदेश भाजपा संगठन भी सक्रिय हो गया है। सूत्रों ने बताया कि प्रदेश भाजपा कार्यालय द्वारा पत्र भेजकर एल्डरमैन की नियुक्ति के लिए संगठन की ओर से नाम मांग लिए गए हैं। इस पत्र में बताया गया है कि भोपाल, इंदौर और ग्वालियर नगर निगम में ही 12 एल्डरमैन नियुक्त किए जाएंगे। बाकी सभी नगर निगम में 8 एल्डरमैन ही नियुक्त किए जाएंगे। प्रदेश की सभी नगर पालिका में 6 और नगर परिषद में 4 एल्डरमैन नियुक्त किए जाएंगे। ध्यान रहे कि इंदौर नगर निगम परिषद के कार्यकाल का आधा समय निकल चुका है। अब सरकार एल्डरमैन की नियुक्ति के लिए जागी है।
कार्यकर्ताओं को कमेटियों में मिलेगी जगह
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश प्रभारी महेंद्र सिंह और संगठन महामंत्री हितानंद ने हाल ही में हुई पदाधिकारियों की बैठक में साफ कर दिया कि वे जिलाध्यक्षों और जिलों के प्रभारियों से जल्द से जल्द नाम मांगे। इसकी सूची बनाएं। एक हजार के करीब एल्डरमैन मिलाकर, हर जिले में 60 से 70 कार्यकर्ताओं को कमेटियों में जगह मिलेगी। इन कमेटियां में पिछले तीन-चार सालों से नियुक्तियां नहीं हुईं। एल्डरमैन के ही पद रिक्त हैं। जानकारी के अनुसार कॉलेजों में जनभागीदारी समिति, नगरीय निकायों में एल्डरमैन, जेलों में अशासकीय कमेटी, जिला अस्पतालों की स्वास्थ्य समितियां, शासकीय अधिवक्ता, जन अभियान परिषद और नोटरी के साथ हर शहर में बनने वाली विकास समिति के लिए जल्द ही नामों की सूची तैयार होगी। पार्टी ने पदाधिकारियों से कहा गया है कि जिलाध्यक्षों या जिलों के प्रभारियों से जब नाम मांगे जाएं तो उन्हें यह स्पष्ट रहे कि स्थानीय स्तर पर जिले के सभी विधायकों व सांसद के साथ प्रमुख लोगों से बात हो। लिस्ट आने के बाद जब उनमें से नाम तय होंगे तो आमराय की स्थिति बननी चाहिए। जहां भी ऐसा लगेगा कि प्रदेश स्तर से संगठन को हस्तक्षेप करना है तो उस पर भी विचार होगा। पार्टी ऐसा मानती है कि कॉलेजों का नया शिक्षण सत्र शुरू होने से पहले कमेटियों में नियुक्तियां हो जाएं। शासकीय अधिवक्ता के नाम जिलों से लिए जाएंगे, पर निर्णय भोपाल से होगा। हर जिले से 200 से 250 नामों की लिस्ट मांगी गई है। इसमें सिफारिश करने वाले विधायक, सांसद या प्रमुख नेता का जिक्र भी होगा।
