
- सदियों तक दमकता रहेगा राम दरबार…
अयोध्या/एजेंसी। रामनगरी की पावन भूमि पर अब ऐसा इतिहास रचा जा रहा है, जिसकी आभा आने वाली पीढिय़ां भी महसूस करेंगी। श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण वास्तुकला और वैज्ञानिक सोच का भी बेजोड़ उदाहरण बन रहा है। राम मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित होने वाले राम दरबार की महिमा केवल धार्मिक नहीं, बल्कि स्थापत्य की दृष्टि से भी अतुलनीय होने जा रही है। राम दरबार का निर्माण जिस संगमरमर पत्थर से हुआ है, वह न केवल मजबूती में अद्वितीय है, बल्कि उनमें जो चमक और दीप्ति है, वह सदियों तक धूमिल नहीं होगी। राम दरबार को गढऩे वाले प्रख्यात मूर्तिकार सत्य नारायण पांडेय बताते हैं कि राम दरबार के निर्माण के लिए संगमरमर की जो शिला चयनित की गई, वह करीब 40 साल पुरानी है। उनका दावा है कि एक हजार साल तक राम दरबार की मूर्ति सुरक्षित रहेगी। इस पत्थर की खासियत यह है कि इसे जितना धोया जाएगा, स्नान कराया जाएगा, उतना ही इसकी चमक बढ़ेगी। मूर्तिकार सत्य नारायण ने बताया कि जब यह पत्थर चुना गया, उसके बाद आईआईटी हैदराबाद के वैज्ञानिकों की टीम ने इसकी वैज्ञानिक जांच की। मौसम, समय और वातावरण के प्रभाव को झेलने की क्षमता पर विशेष ध्यान दिया गया। इसमें ताकत, नमी सोखने की दर, घर्षण क्षमता और तापमान सहिष्णुता जैसे पहलुओं को परखा गया। विभिन्न प्रयोगशालाओं में जांच के बाद विशेषज्ञों ने निर्माण की हरी झंडी दी।
सिंहासन समेत सात फीट ऊंची होगी मूर्ति
मूर्तिकार सत्यनारायण ने बताया कि सिंहासन समेत राम दरबार के मूर्ति की ऊंचाई कुल सात फुट हो जाएगी। हनुमान व भरत की मूर्ति बैठी मुद्रा में है, जिसकी ऊंचाई ढाई फीट है। लक्ष्मण व शत्रुघ्न की मूर्ति खड़ी मुद्रा में है, इनकी ऊंचाई तीन-तीन फीट है।