
बिना खनन फिक्स्ड रॉयल्टी नियम रद्द करने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट का स्टे
एमपी स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कुछ महीने पहले मप्र हाईकोर्ट ने बिना खनन के भी ठेकेदारी अवधि के दौरान फिक्स रॉयल्टी लेने वाले मप्र सरकार के रेख खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम के ही प्रावधानों को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने इन नियमों को शक्तियों से परे बताया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के निर्णय पर सुनवाई के बाद सोमवार को स्टे दे दिया। इस मामले पर नर्मदापुरम की आरके ट्रांसपोर्ट एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी ने हाई कोर्ट की शरण ली थी। उनका दावा था कि कंपनी को 112 खदानें मिलीं थी, उनमें से सभी पर पर्यावरण अनुमति नहीं मिलने से आंशिक रूप से ही खनन किया जा सका। जबकि, खनन विभाग सभी खदानों पर फिक्स्ड रॉयल्टी मांग रहा है। कंपनी का दावा था कि वह जितनी रेत उठाएगी उतनी ही रॉयल्टी चुकाएगी। हाई कोर्ट ने रेत ठेकेदार के पक्ष में फैसला सुनाया। इसके बाद माइनिंग कॉर्पोरेशन सुप्रीम कोर्ट चला गया था।
ऑब्जर्वर भेदभाव करते हैं तो उन पर कार्रवाई कौन करेगा…
कांग्रेस में केंद्रीय पर्यवेक्षकों की भूमिका भेदभावपूर्ण होने पर उन पर कार्रवाई कौन करेगा, इस मामले पर सवाल उठा है। यह सवाल विधायक आरिफ मसूद ने उठाया। ये वो ऑब्जर्वर हैं, जो आगामी दिनों में कांग्रेस के मिशन 2028 चुनाव के हिसाब से कांग्रेस की मैदानी टीम तैयार करेंगे। कांग्रेस में कार्यकर्ता को एक्टिव करने के लिए 50 आब्जर्वर नियुक्त किए गए हैं। प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने कहा- सभी को इनका सहयोग करना है। पूर्व मंत्री सुखदेव पांसे ने कहा कि कांग्रेस को महिलाओं के वोट नहीं मिले, इसलिए हम हारे। दिग्विजय सिंह ने कहा- कमलनाथ ने जो मंडलम सेक्टर बनाए थे उसका निश्चित रूप से कांग्रेस को फायदा मिला है। उप मंडलम बनाने चाहिए। जीतू पटवारी ने जिलों में पीसीसी की ओर से भी पर्यवेक्षक नियुक्त करने की बात कही। अभय मिश्रा ने कहा कि संगठन के पास ऐसा चेहरा नहीं है कि जिस के दम पर हम सरकार बना पाएं। कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद राहुल ने सभी 226 ऑब्जर्वर की मीटिंग ली।
अब नोटिस देकर विजय शाह से पूछताछ करेगी एसआईटी
कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए विवादित बयान के मामले में जल्द कैबिनेंट मंत्री विजय शाह से पूछताछ हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित एसआईटी शाह को पूछताछ के लिए नोटिस देगी। एसआईटी ने जांच की स्टेटस रिपोर्ट में मंत्री के बयान को अब तक शामिल नहीं किया था। इसके अलावा जांच के अगले चरण में टीम फिर से महू जाएगी, जहां कुछ अहम बिंदुओं की तस्दीक की जाएगी। इस बीच, बयान से जुड़ा वीडियो भोपाल स्थित सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (सीएफएसएल) को भेजा गया है, ताकि उसकी प्रामाणिकता की जांच कराई जा सके। इससे पहले वीडियो रीजनल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (आरएफएसएल) भेजा राधा था, लेकिन वहां वीडियो की ऑथेंटिकेशन जांच संभव नहीं थी। आरएफएसएल में सिर्फ डीएनए, बायोलॉजी, ड्रग्स, विसरा और वॉयस सैंपल की जांच होती है। इस बीच, पुलिस मुख्यालय सूत्रों के मुताबिक, एसआईटी के चीफ प्रमोद वर्मा का हाल ही में सागर से जबलपुर तबादला हुआ है। इसके बावजूद एसआईटी में कोई फेरबदल नहीं किया गया है और वर्मा ही टीम की कमान संभाले रहेंगे।
आईपीएस रावत बने राज्यपाल के एडीसी
राज्य सरकार ने प्रदेश के तीन आईपीएस अधिकारियों के तबादले किए हैं। खरगोन जिले में पदस्थ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरेन्द्र रावत को राज्यपाल का परिसहायक (एडीसी) बनाया गया है। आदेश के मुताबिक, भोपाल के पुलिस उपायुक्त जोन-एक प्रियंको शुक्ता को पुलिस मुख्यालय में पदस्थ किया गया है। वहीं राज्यपाल के परिसहायक रहे शशांक को भीषाल के पुलिस उपायुक्त जोन-एक की जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं खाद्य, नागरिक एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के एक आदेश में प्रभारी उप संचालक चंद्रभान सिंह जादौन को संचालनालय से प्रभारी जिला आपूर्ति नियंत्रण भोपाल के पद पर पदस्थ किया गया।
