राजस्व निरीक्षकों के लिए तबादले के नए नियम

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  • गृह तहसील में पदस्थ पटवारी-आरआई हटाए जाएंगे

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र के सभी जिलों में पदस्थ पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों (आरआई) को लेकर बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया गया है। कार्यालय आयुक्त भू-अभिलेख, मध्यप्रदेश द्वारा जारी निर्देश में उन पटवारियों और आरआई को तत्काल हटाने के लिए कहा गया है जो अपने गृह तहसील या गृह अनुविभाग में पदस्थ हैं। जारी पत्र क्रमांक 684/स्था. एक/पटवारी/360389/2024 के अनुसार, सामान्य प्रशासन विभाग की स्थानांतरण नीति 2025 की कंडिका 5 और पटवारी संविलियन नीति 2025 की कंडिका 5.2 के तहत यह कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले दिनांक 28 अक्टूबर 2024 को संबंधित अधिकारियों से इस संबंध में जानकारी मांगी गई थी। अब सभी जिलों के कलेक्टरों को यह निर्देशित किया गया है कि वे अपने जिले में पदस्थ ऐसे अधिकारियों की जानकारी देकर नियमानुसार स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी करें। संयुक्त आयुक्त, भू-अभिलेख मप्र द्वारा इस आदेश को अनुमोदन प्रदान किया गया है। राज्य शासन द्वारा पटवारियों के लिए जारी की गई तबादला नीति की जद में अब राजस्व निरीक्षक भी आ गए हैं। पटवारियों को गृह तहसील से हटाने के फैसले के बाद अब राजस्व विभाग ने कलेक्टरों से कहा है कि अगर कोई राजस्व निरीक्षक अपने गृह क्षेत्र के राजस्व अनुविभाग (एसडीएम क्षेत्र) में पदस्थ है तो उसे भी हटाया जाएगा। इसलिए पटवारियों का तबादला करने के साथ राजस्व निरीक्षकों को भी स्थानांतरित करने की कार्यवाही की जाए। इस पर 29 अप्रेल को जारी तबादला नीति के आधार पर ही कार्यवाही की जाना है। आयुक्त भू अभिलेख कार्यालय ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को इस संबंध में निर्देश भी जारी कर दिए हैं। इसमें कहा गया है कि 28 अक्टूबर 2024 को जारी निर्देश में पटवारियों के गृह तहसील में पदस्थ होने को लेकर कलेक्टरों से जानकारी चाही गई थी। अब पिछले माह 29 अप्रेल को जारी राज्य शासन की तबादला नीति पर अमल किया जाना है। इसलिए अगर कोई पटवारी गृह तहसील और राजस्व निरीक्षक गृह अनुविभाग (एसडीएम सर्कल) में पदस्थ है तो पटवारियों की संविलयन और स्थानांतरण नीति के आधार पर राजस्व निरीक्षक भी स्थानांतरित किए जाएं। यह आदेश शासन द्वारा तय तबादला अवधि के भीतर जारी किए जाएंगे।
लागू होंगी पटवारी संविलियन की शर्तें
जिस जिले में संविलयन चाहा गया है, उस जिले में संबंधित वर्ग के रिक्त पद उपलब्ध होने की स्थिति में ही संविलयन किया जाएगा। आरक्षण के प्रावधानों एवं जिला आरक्षण रोस्टर के परिपालन में ही संविलयन किया जा सकेगा। आदेश जारी होने के 15 दिन के भीतर पटवारी को संविलयन किए गए जिले में उपस्थिति देनी होगी। जिले के अंदर पदस्थापना जिला कलेक्टर द्वारा की जाएगी परंतु किसी भी पटवारी को उसके गृह तहसील में पदस्थ नहीं किया जाएगा। संविलियन आदेश में किसी भी प्रकार के संशोधन की अनुमति नहीं होगी। एक बार जिला आवंटित हो जाने पर पुन: जिला परिवर्तन की पात्रता नहीं होगी। प्रशासनिक कारणों से किए गए संविलियन में ही पटवारी ? द्वारा नए जिले में पदभार ग्रहण करने पर उस जिले की संधारित सूची में पटवारी की वरिष्ठता की गणना उसकी संवर्ग में प्रथम नियुक्ति दिनांक से की जाएगी। सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश के तहत आयुक्त भू-अभिलेख ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत अगर कोई पटवारी गृह तहसील हैं, तो उसे हटाया जाएगा। प्रदेश सरकार द्वारा जारी नई स्थानांतरण नीति में यह प्रावधान किए गए हैं।

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