
- अब 10 जून तक हो सकेंगे तबादले
गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादलों की अंतिम तारीख को 31 मई से बढ़ाकर 10 जून कर दिया है। नई तबादला नीति के तहत 1 मई से शुरू हुई ट्रांसफर प्रक्रिया में अधिक आवेदनों के कारण यह फैसला लिया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में नई नीति को मंजूरी दी गई, जिसमें 10 प्रतिशत से अधिक तबादलों के लिए मुख्यमंत्री की अनुमति अनिवार्य होगी। सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों ने मुख्यमंत्री से ट्रांसफर की तारीख बढ़ाने की मांग रखी। इसके लिए मंत्रियों ने अपने-अपने तर्क भी रखे। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने तबादले की समय-सीमा 10 दिन और बढ़ाने का निर्णय लिया है। बता दें कि पिछले तीन वर्षों से तबादलों पर प्रतिबंध लगा हुआ था। इस वर्ष नई तबादला नीति लागू होने के बाद पहली बार सभी विभागों में स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू हुई है। सरकार का उद्देश्य ट्रांसफर प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध बनाना है।
गौरतलब है कि प्रदेश में लाखों सरकारी कर्मचारी और अधिकारी पिछले तीन साल से तबादला प्रतिबंध हटने का इंतजार कर रहे थे। 1 मई से 31 मई तक तबादला प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन स्वैच्छिक और प्रशासनिक तबादलों के लिए आवेदनों की भारी संख्या के कारण सामान्य प्रशासन विभाग ने तारीख बढ़ाने का प्रस्ताव रखा। सूत्रों के अनुसार, स्कूल शिक्षा, पुलिस, और आदिवासी कल्याण जैसे बड़े विभागों में आवेदनों की संख्या अनुमान से अधिक थी। कर्मचारी संगठनों की मांग थी कि परिवारिक जरूरतों, गंभीर बीमारियों, और प्रशासनिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सभी आवेदनों पर विचार हो। कैबिनेट ने इसे स्वीकार करते हुए 10 जून तक ट्रांसफर प्रक्रिया को विस्तार दिया। तीन साल बाद ट्रांसफर विंडो खुलने से प्रदेश में तबादले को लेकर मारामारी देखने को मिल रही है। शिक्षा, राजस्व और स्वास्थ्य विभाग में सबसे अधिक आवेदन आए हैं। सबसे ज्यादा ट्रांसफर की मारामारी स्कूल शिक्षा विभाग में है, जहां 35 हजार आवेदन आ चुके हैं। राजस्व में 8 हजार और स्वास्थ्य में 4 हजार से ज्यादा तबादलों के आवेदन आए हैं। इसे देखते हुए सरकार ने तबादलों की तारीख को आगे बढ़ा दिया है।
तबादलों को लेकर देखी जा रही मारामारी
प्रदेश में तबादलों को लेकर मारामारी देखने को मिल रही है, खासकर शिक्षा, राजस्व और स्वास्थ्य विभाग में आवेदन की संख्या अधिक है। स्कूल शिक्षा विभाग में सबसे अधिक 35 हजार आवेदन आए हैं, जबकि राजस्व विभाग में 8 हजार और स्वास्थ्य विभाग में 4 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। इस स्थिति को देखते हुए सरकार ने तबादलों की तारीख बढ़ा दी है। गौरतलब है कि प्रदेश में पिछले तीन सालों से ट्रांसफर पर प्रतिबंध था, और अब नई तबादला नीति के तहत ट्रांसफर हो रहे हैं। बता दें, मध्य प्रदेश में नई तबादला नीति के तहत विधायकों की सहमति को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जहां विधायकों के क्षेत्र में ट्रांसफर होने हैं, वहां उनकी सहमति प्राथमिकता होगी। भाजपा और कांग्रेस दोनों के विधायकों की सिफारिश को महत्व दिया जा रहा है। वहीं क्लास-1 और क्लास-2 के ट्रांसफर मुख्यमंत्री के समन्वय से होंगे, जिसमें एक जगह पर तीन साल से अधिक तैनाती नहीं होने का नियम है। इसके अलावा, पति-पत्नी के स्वेच्छा से एक स्थान पर ट्रांसफर की प्रक्रिया को भी प्राथमिकता मिल रही है।
सीएम नहीं चाहते थे तारीख बढ़े
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री तबादलों की तारीख बढ़ाने के पक्ष में नहीं थे। दरअसल, मीटिंग के दौरान स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदयप्रताप सिंह ने कहा कि अभी तक उनके विभाग में ट्रांसफर को लेकर काम नहीं हुआ। दूसरे मंत्रियों ने भी यह बात दोहराई और कहा कि जिले के भीतर कलेक्टर को तबादले की सूची बनानी है। अभी तक कलेक्टरों की ओर से प्रभारी मंत्री के पास भी कोई जानकारी नहीं पहुंची है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तबादला नीति जारी करते समय यह स्पष्ट कर दिया था कि तारीख नहीं बढ़ेगी। अभी भी चार दिन हैं तो 31 मई तक सूची जारी करें। इसके बाद भी जरूरत पड़ती है तो तारीख बढ़ाने के बारे में सोचेंगे। इस पर, कुछ मंत्रियों की ओर से एक सप्ताह और कुछ ने 15 दिन तारीख बढ़ाने की बात रखी। सीएम बोले- 15 दिन बहुत ज्यादा हैं। बीच का रास्ता निकालेंगे। इससे पहले, स्कूल शिक्षा विभाग के तबादलों को लेकर प्रभारी मंत्रियों ने सवाल उठाए। कहा गया कि पटवारी कैडर में जिले से सिर्फ एक बार ही बाहर ट्रांसफर हो सकता है। स्कूल शिक्षा में भी प्रभारी मंत्री का कोई हस्तक्षेप नहीं है। इनकी अलग नीति है। ऑनलाइन व्यवस्था है। सब फैसले मुख्यालय से हो रहे हैं। प्रभारी मंत्रियों ने कहा, सबसे बड़ा कैडर स्कूल शिक्षा विभाग का है और ज्यादा आवेदन भी इसी से जुड़े हैं। सीएम ने कहा कि इस बारे में विभाग कोई रास्ता निकाले। माना जा रहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग अपनी ट्रांसफर पॉलिसी में कुछ बदलाव कर सकता है। अनौपचारिक चर्चा के दौरान मंत्रियों की ओर से दलील रखी गई कि लगातार पार्टी व सरकार के कार्यक्रमों और बैठकों के कारण ट्रांसफर की सूची फाइनल नहीं हो पा रही है। अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 31 मई को भोपाल आ रहे हैं। इसलिए तारीख बढ़ाई जानी चाहिए। सूत्रों का कहना है कि सरकार एक बार ही तारीख बढ़ाएगी। इसके लिए अलग से सामान्य प्रशासन की ओर से कोई आदेश जारी नहीं होगा। चर्चा के बाद कुछ मंत्रियों ने बताया कि स्कूल शिक्षा, स्वास्थ्य, राजस्व के साथ जिले के भीतर पुलिस में तबादले के काफी आवेदन हैं। सिफारिश भी ज्यादा है। इसलिए विधायकों की अनुशंसा को प्राथमिकता दी जा रही है।