
- पांच साल के लिए करना होगा नया एग्रीमेंट, नहीं मिलेगा कोई भत्ता या अवकाश
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में अब संविदा कर्मचारियों के भी तबादले हो सकेंगे। लेकिन इसके लिए कर्मचारी-अधिकारी को अपने वर्तमान पदस्थापना स्थल का एग्रीमेंट खत्म करना होगा। इसके बाद जहां उसे नई पदस्थापना चाहिए उस स्थान पर नया एग्रीमेंट करना होगा। 30 मई तक होने वाले तबादलों के लिए पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने संविदा कर्मचारियों के लिए यह तबादला व्यवस्था लागू की है। संविदा कर्मचारियों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर जॉइन करने की प्रक्रिया को तबादला नहीं कहा जाएगा, बल्कि इसे स्थान परिवर्तन नाम दिया जाएगा। प्रदेश में कुल ढाई लाख संविदाकर्मी हैं। अभी पंचायत विभाग ने नीति लागू की है। बाद में बाकी विभाग भी तबादला नीति लागू करेंगे।
बता दें कि इस विभाग में अधिकतर कर्मचारी पंचायतों में काम करने वाले संविदाकर्मी होते हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों में संविदाकर्मियों को रखा गया है। नीति में यह भी साफ किया गया है कि संविदाकर्मियों को पदस्थापना स्थल को संशोधित करने की कोई नीति नहीं है, सिर्फ अपवादस्वरूप ही स्थान परिवर्तन किया जा सकेगा। नए नियम के अनुसार, विवाहित, विधवा एवं तलाकशुदा महिला कर्मचारियों का ऐसे जिले में स्थानांतरण किया जा सकेगा, जिसमें उसका ससुराल या स्वयं का परिवार रहता है। स्वयं अथवा आश्रितों को कैंसर या ब्रेन ट्यूमर होने पर और समान पद पर कार्यरत संविदाकर्मियों के परस्पर स्थान परिवर्तन के स्वैच्छिक आवेदन पर स्थानांतरण किया जाएगा। वहीं, एक जिले से अन्य में जाने के लिए आवेदन योजना के राज्य कार्यक्रम अधिकारी को किया जाएगा। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग में अलग-अलग योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए नियुक्त संविदा कर्मचारियों को स्थान विशेष पर कार्य के लिए रखा जाता है। योजना के स्वरूप में बदलाव होने पर संविदा पर पदस्थ कर्मचारियों की सेवाएं किसी भी समय समाप्त की जा सकती है। वर्तमान में संविदा कर्मचारियों के पदस्थापना को संशोधित करने की कोई नीति नहीं है। इसलिए कुछ अपवाद परिस्थितियों में विभाग के संविदा कर्मचारियों को पदस्थापना में बदलाव के लिए यह नीति तय की गई है।
10% आएंगे दायरे में
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने संविदाकर्मियों के स्थान परिवर्तन की नीति जारी की है। इस नीति के प्रविधानों के अधीन उन्हें इधर से उधर किया जा सकेगा। हालांकि, जैसी नीति है, उसके अनुसार बड़े स्तर पर बदलाव नहीं हो पाएंगे। पहली बड़ी शर्त यह लगाई गई है कि जिला या अंतरजिला स्थानांतरण में संबंधित पद की कुल संख्या में से 10 प्रतिशत को ही इधर से उधर किया जा सकेगा। दूसरी बड़ी शर्त यह है कि एक बार स्थान परिवर्तन होने के बाद पांच वर्ष तक वह कर्मचारी परिवर्तन के लिए पात्र नहीं होगा।
अंतर जिला ट्रांसफर के लिए यह होगी प्रोसेस
अंतर जिला ट्रांसफर केवल स्वैच्छिक आवेदन पर ही हो सकेंगे। विवाहित, विधवा, तलाकशुदा महिलाओं को ऐसे जिले में भेजा जा सकेगा जिसमें उसका ससुराल, पति का निवास स्थान या स्वयं का परिवार निवास करता हो। आवेदक स्वयं या उसके आश्रितों को कैंसर, ब्रेन ट्यूमर हो। समान पद पर पदस्थ संविदा कर्मचारियों के परस्पर तबादले के स्वैच्छिक आवेदन के आधार पर तबादले हो सकेंगे। एक जिले से अन्य जिले में स्थान परिवर्तन के लिए आवेदन योजना के राज्य कार्यक्रम अधिकारी को भेजा जाएगा। राज्य कार्यक्रम अधिकारी द्वारा आवेदन का परीक्षण कर नियमानुसार निराकरण किया जाएगा।
जिले के भीतर ऐसे हो सकेंगे ट्रांसफर
पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी नीति में जिले के भीतर संविदा कर्मचारियों के ट्रांसफर को लेकर जो नीति तय की गई है उसके अनुसार एक मई से 30 मई 2025 तक जिले के भीतर स्थान परिवर्तन या पदस्थापना में बदलाव का काम कलेक्टर द्वारा प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद किया जा सकेगा। पदस्थापना आदेश मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा जारी किया जाएगा। जिले में काम करने वाले संविदा कर्मचारियों की कुल संख्या का दस प्रतिशत ही पदस्थापना परिवर्तन किया जा सकेगा।
इन आधार पर होंगे तबादले…
पदस्थापना बदलने के पहले संविदा कर्मचारी का एग्रीमेंट समाप्त किया जाएगा। नए कार्य स्थल पर नियोक्ता द्वारा नया संविदा कार्य सौंपा जाएगा। नए एग्रीमेंट की कॉपी संबंधित योजना और कार्यक्रम के राज्य कार्यालय को भेजी जाएगी। एक बार स्थान परिवर्तन होने पर पांच साल तक संविदा कर्मचारी अपनी पदस्थापना में परिवर्तन नहीं करा सकेंगे। स्थान परिवर्तन की प्रक्रिया सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी सामान्य ट्रांसफर नीति के अंतर्गत तय अवधि में ही की जा सकेगी। स्थान परिवर्तन का आदेश जारी होने के दो सप्ताह के भीतर संबंधित कर्मचारी को कार्यमुक्त किया जाना अनिवार्य होगा। नए स्थान पर एक सप्ताह के भीतर नए संविदा एग्रीमेंट की कार्यवाही पूरी करना होगी। स्थान परिवर्तन में नए संविदा कार्यस्थल के लिए किसी तरह का यात्रा या अन्य भत्ते की पात्रता नहीं होगी। अवकाश की भी सुविधा नहीं मिलेगी।