- अच्छे नंबर से दसवीं पास छात्र सेना भर्ती के लिए अपात्र
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में दसवीं की परीक्षा में अच्छे नंबर लाने के बाद भी करीब डेढ़ लाख छात्र आर्मी में भर्ती नहीं हो पाएंगे। इसके साथ ही इस युवा पीढ़ी को मप्र सरकार द्वारा संचालित आईटीआई के कई ट्रेड्स में प्रवेश नहीं मिल पाएगा। यह सब हुआ है मप्र की बेस्ट ऑफ फाइव योजना के तहत, जिसमें बच्चों का रिजल्ट तो सुधरा लेकिन बच्चे गणित और अंग्रेजी में कमजोर हो गए हैं। अब ऐसे में विद्यार्थियों के लिए माशिमं ने सेकंड एक्जाम का अवसर दिया है। इसके लिए एमपी ऑनलाइन के माध्यम से आवेदन भरवाए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि 2017 की परीक्षाओं में माध्यमिक शिक्षा मंडल से संबंधित स्कूलों में अधिकतर बच्चे फेल हो गए थे। जिसके बाद सरकार ने प्रदेश के बच्चों का रिजल्ट सुधारने के लिए बेस्ट ऑफ फाइव योजना की शुरुआत की। इस योजना के 2018 में अच्छे परिणाम आए और अधिकतर बच्चे मप्र में 10वीं में पास हो गए। लेकिन इसका खामियाजा भी इन बच्चों को भुगतना पड़ा, क्योंकि जो बच्चे फेल हुए उनमें सबसे ज्यादा अंग्रेजी और गणित विषय के शामिल थे। दरअसल इस योजना में परीक्षार्थी सभी छह विषय की परीक्षा में शामिल होगा, लेकिन सर्वाधिक पांच अंक वाले विषयों के नंबर जोडकऱ रिजल्ट घोषित किया जाएगा। जबकि सबसे कम अंक आने वाले विषय को रिजल्ट में शामिल नहीं किया जाएगा, इससे विद्यार्थियों ने अंग्रेजी, गणित व विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषयों को पढऩा बंद कर दिया।
सेकंड एक्जाम का मौका
इस बार दसवीं में पास होने के बाद भी करीब डेढ़ लाख विद्यार्थी ऐसे है, जो सेना की भर्ती व आईटीआई में प्रवेश के लिए दस्तावेजों के आधार पर अयोग्य हैं। ऐसे में विद्यार्थी सेकंड एक्जाम में शामिल होकर गणित, अंग्रेजी व विज्ञान जैसे विषयों में पास हो सकते हैं। सेकंड एक्जाम में सिर्फ फस्र्ट एक्जाम में हुए फेल विषय की परीक्षा दे सकते हैं। सेकंड एक्जाम के लिए एमपी ऑनलाइन के माध्यम से फार्म भरवाए जा रहे हैं। फार्म भरने की अंतिम तिथि 31 मई तक रहेगी। गौरतलब है कि इस आदेश का सबसे ज्यादा फायदा गणित, विज्ञान व अंग्रेजी के फेल विद्यार्थियों के लिए होगा। इन विषयों में अच्छे नंबर लाकर विद्यार्थी सेना की भर्ती के आवेदन के लिए योग्य हो सकते हैं। दरअसल मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा में आठ साल पहले दसवीं में आधे से अधिक छात्र फेल हो गए थे। इस संकट से उबरने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बेस्ट ऑफ फाइव को लागू कर दिया। इसमें परीक्षार्थी सभी छह विषयों की परीक्षा में शामिल होंगे, लेकिन सर्वाधिक पांच अंक वाले विषय के नंबर जोडकऱ रिजल्ट घोषित किया जाएगा। सबसे कम अंक वाले विषयों को रिजल्ट में शामिल नहीं किया जाता है। इससे विद्यार्थियों ने गणित, अंग्रेजी या विज्ञान में पर ज्यादा ध्यान बंद कर दिया। बेस्ट ऑफ फाइव लागू होने के बाद पिछले सालों में दसवीं की गणित व अंग्रेजी में सबसे ज्यादा विद्यार्थी फेल हुए थे। इस बार भी यही हाल है। इस बार दसवी की परीक्षा में बीते पंद्रह सालों में सबसे ज्यादा रिजल्ट रहा, लेकिन गणित, अंग्रेजी व विज्ञान विषयों में विद्यार्थी सबसे ज्यादा फेल हैं। इस बार दसवीं की गणित में 8,10,019 विद्यार्थी शामिल हुए हैं। इसमें से 1,46,765 विद्यार्थी फेल हो गए। विज्ञान विषय में 8,10,019 विद्यार्थी शामिल हुए। इसमें 1,69,221 विद्यार्थी फेल हुए है। फेल प्रतिशत 21.24 प्रतिशत है। अंग्रेजी में 8,04,887 विद्यार्थी शामिल हुए। इसमें 1,66,407 विद्यार्थी फेल हुए। फेल प्रतिशत 21 फीसदी है। सामाजिक विज्ञान में 8.10,019 विद्यार्थी शामिल हुए।