सचिवों एवं रोजगार सहायकों के नहीं बने आयुष्मान कार्ड

आयुष्मान कार्ड
  • 22 महीने बाद भी पंचायतों में शासनादेश का पालन नहीं

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। करीब 22 माह पहले 22 जुलाई 2023 को सामान्य प्रशासन विभाग ने निर्देश जारी किया था कि आयुष्मान योजना का लाभ संविदा कर्मचारियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सहायिका, पंचायत सचिव, ग्राम रोजगार सहायक, आशा एवं ऊषा कार्यकर्ता, आशा सुपर वाइजर और कोटवारों को दिया जाएगा। इसके लिए इन सभी का आयुष्मान कार्ड बनाया जाए। लेकिन शासन का आदेश होने के बाद भी प्रदेश की 23 हजार पंचायतों में सचिवों एवं ग्राम रोजगार सहायक आयुष्मान कार्ड से वंचित हैं। अनेक जिलों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को यह ली नहीं मिल पाया है। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 4 जुलाई 2023 को लाल परेड ग्राउंड पर आयोजित संविदा कर्मचारियों के सम्मेलन में इन कर्मचारियों को आयुष्मान योजना का लाभ देने की घोषणा की थी, 22 जुलाई 2023 को सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके आदेश जारी किए थे। अब आयुष्मान मध्य प्रदेश ने संबंधित विभागों से कर्मचारियों की पद वार जानकारी मांगी है। जानकारी आने के बाद आयुष्मान कार्ड बनाना शुरू होगा। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार इन कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान चिकित्सा सुविधा का लाभ नहीं देती है। प्रदेश में 23 हजार पंचायतें हैं। इनमें पंचायतों में पदस्थ सचिव 21,000, रोजगार सहायकों की संख्या 20,000 है। वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता 98,000, आंगनकार्ड सहायिका 98,000 और आशा-ऊषा कार्यकर्ता 90,000 है।
कलेक्टरों की दी गई थी जवाबदारी: जानकारी के अनुसार कलेक्टरों की जवाबदारी थी कि उन्हें इस कार्य को प्राथमिकता से लेना था।  शासन ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका, आशा-ऊषा कार्यकर्ता के अलावा पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों के आयुष्मान कार्ड बनाने के आदेश जारी किए थे। इस आदेश के बाद आशा-ऊषा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकों के कार्ड बनाने की प्रक्रिया कुछ जिलों में शुरू हुई है। कुछ में काम चालू ही नहीं हो पाया है। ग्वालियर, भिंड, मुरैना, अशोकनगर, गुना, मंडला, डिंडोरी, बालाघाट, सिवनी, हरदा, राजगढ़ मंदसौर, नीमच जैसे जिलों में अभी इन कर्मचारियों के कार्ड बनना शुरू ही नहीं हो पाये हैं। भोपाल में अधिकारियों का दावा है कि काम चल रहा है।
आयुष्मान कार्ड बनाना प्रारंभ नहीं
पंचायत सचिवों और सहायक सचिवों यानि रोजगार सहायकों के लिए एक भी जिले में यह कार्य प्रारंभ ही नहीं हो पाया है। जबकि कलेक्टरों के अधीन जिला अस्पतालों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों की यह जवाबदारी थी कि उन्हें यह काम समय पर करवाना था। सचिवों की मानें तो देवास, इंदौर, खंडवा, अलीराजपुर और झाबुओं में कलेक्टरों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को बैठकों में निर्देश दिए। फिर भी यहां आयुष्मान कार्ड बनाना प्रारंभ नहीं किये गये हैं।  मप्र ग्राम रोजगार सहायक संघ के अध्यक्ष रोशन सिंह परमार का कहना है कि शासन के आदेश का कही भी पालन नहीं किया जा रहा है।

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