पाक की भूमिका को नजरअंदाज नहीं कर सकते: MEF डायरेक्टर

MEF डायरेक्टर

लंदन। भारत-पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच मिडिल ईस्ट फोरम में अनुसंधान निदेशक जोनाथन स्पायर ने पश्चिमी मीडिया कवरेज को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इस्लामी आतंकवाद पर पश्चिमी मीडिया का दोहरा मापदंड है। उन्होंने कहा कि जब इस्लामी आतंकवादी संगठन पश्चिमी देशों के लोगों या ठिकानों पर हमला करते हैं, तो मीडिया उन्हें खुलकर ‘आतंकवादी’ कहता है। लेकिन जब वही संगठन गैर-पश्चिमी लोगों को निशाना बनाते हैं, तो मीडिया अचानक तटस्थ दिखने की कोशिश करता है और दोनों पक्षों की बातों को दिखाने लगता है, जो बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

जम्मू-कश्मीर में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले का भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकवादी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमला कर मुंहतोड़ जवाब दिया है। इसके बाद पाकिस्तान ने कई ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिनको भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया। दोनों देशों में बढ़ते तनाव की पश्चिमी मीडिया द्वारा की जा रही कवरेज पर मिडिल ईस्ट फोरम में अनुसंधान निदेशक जोनाथन स्पायर ने टिप्पणी की।

स्पायर ने पश्चिमी कवरेज को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि जब आतंकवादी संगठन, जिसमें इस्लामी संगठन भी शामिल हैं, पश्चिमी ठिकानों और पश्चिमी नागरिकों को निशाना बनाते हैं, तो उन्हें आतंकवादी कहने में कोई संकोच नहीं होता, लेकिन जब वे गैर-पश्चिमी आबादी को निशाना बनाते हैं, तो तथाकथित निष्पक्षता और तटस्थता की इच्छा और दोनों पक्षों के विचारों को देखना अचानक एजेंडे पर आ जाता है, जो बहुत गलत है। उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ नैतिक रूप से गलत है, बल्कि पत्रकारिता के लिहाज से भी खराब रिपोर्टिंग है, क्योंकि सच्चाई ये है कि इस हिंसा के पीछे पाकिस्तान का इन इस्लामी आतंकवादी संगठनों को समर्थन देना और उनकी मदद करना है। जोनाथन स्पायर ने आगे कहा कि पाकिस्तान जिस तरह अपनी नीति के हिस्से के रूप में छद्म इस्लामी आतंकवादी संगठनों का इस्तेमाल करता है, वैसा ही तरीका तुर्किये और ईरान भी अपनाते हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस तरह का व्यवहार बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया जा सकता।

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