60 हजार से अधिक कर्मचारियों का होगा तबादला!

  • कैबिनेट की मंजूरी के 4 दिन बाद ट्रांसफर पॉलिसी जारी
  • कमजोर परफॉर्मेंस वालों को सबसे पहले हटाया जाएगा

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र की डॉ. मोहन कैबिनेट की मंजूरी के चार दिन बाद ट्रांसफर पॉलिसी जारी कर दी गई है। इसके तहत 60 हजार से अधिक कर्मचारियों के तबादले होंगे। कमजोर परफॉर्मेंस वालों को सबसे पहले हटाया जाएगा। वहीं सभी तरह के अटैचमेंट खत्म होंगे। मोहन कैबिनेट की मंजूरी मिलने के चार दिन बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने ट्रांसफर पॉलिसी जारी कर दी है। तबादला नीति के तहत प्रदेश के 6 लाख 6 हजार नियमित कर्मचारियों में 10 फीसदी के ट्रांसफर होने तय है। बताया जा रहा है कि 60 हजार से ज्यादा कर्मचारियों इधर से उधर होंगे।
विभाग अपने लिए अलग से तबादला नीति बनाकर जीएडी के प्रावधानों का पालन करेंगे। जिले के कर्मचारी, राज्य के तृतीय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का जिले के भीतर तबादला कलेक्टर के माध्यम से प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद होगा। डीएसपी से नीचे रैंक के कर्मचारियों का ट्रांसफर पुलिस स्थापना बोर्ड के आधार पर होगा। पुलिस अधीक्षक प्रभारी मंत्री के परामर्श के बाद पद स्थापना करेंगे। वहीं कमजोर परफॉर्मेंस वालों को सबसे पहले हटाया जाएगा। साथ ही सभी तरह के अटैचमेंट खत्म होंगे। तबादला नीति 1 अप्रैल 2024 से 30 अप्रैल 2025 तक प्रभावी रहेगी। इस अवधि में जिन अधिकारियों और कर्मचारियों का पहले ही ट्रांसफर हो चुका है, उन्हें दोबारा नहीं बदला जाएगा। किसी विशेष स्थिति में मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद ही अपवाद स्वरूप ट्रांसफर हो सकेगा। 29 अप्रैल को मोहन कैबिनेट ने इस नीति को मंजूरी दी थी, लेकिन जीएडी आदेश जारी नहीं कर सका था।
विभाग बना सकेंगे अपनी अलग नीति
यदि कोई विभाग अपनी अलग तबादला नीति बनाना चाहता है, तो बना सकता है, लेकिन उसमें सामान्य प्रशासन विभाग की शर्तों का पालन अनिवार्य होगा। नीति से इतर किए जाने वाले किसी भी तबादले के लिए मुख्यमंत्री की अनुमति आवश्यक होगी। जिला संवर्ग और राज्य संवर्ग के तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का जिला स्तर पर ट्रांसफर प्रभारी मंत्री की मंजूरी के बाद कलेक्टर के माध्यम से किया जाएगा। ऐसे आदेश संबंधित जिला अधिकारी द्वारा जारी किए जाएंगे। राज्य व जिला स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर 30 मई तक ही किए जा सकेंगे।  बाकी समय तबादलों पर पूरी तरह से रोक रहेगी। केवल प्रशासनिक आवश्यकता होने पर ही अपवादस्वरूप तबादले किए जा सकेंगे। प्रथम श्रेणी के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों का ट्रांसफर मुख्यमंत्री की मंजूरी से संबंधित विभाग द्वारा किया जाएगा। द्वितीय व तृतीय श्रेणी के अधिकारियों का ट्रांसफर विभागीय मंत्री की मंजूरी से होगा। चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का तबादला विभागाध्यक्ष द्वारा किया जाएगा।

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