सस्ता हुआ सबसे अच्छा गेहूं शरबती की हुई अच्छी पैदावार नहीं मिल रहे भाव

शरबती गेहूं

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। गेहूं की सबसे अच्छी वेरायटी माना जाता शरबती गेहूं सस्ता हो गया है। गेहूं की अन्य कुछ किस्मों की कीमतें भी कम हुई हालांकि कुछ सामान्य किस्मों के दाम बढ़े भी हैं। व्यापारियों के अनुसार पिछले कुछ दिनों से शरबती छोडक़र अन्य गेहूं के भाव में बढ़ोतरी हुई है। इससे किसानों का तो फायदा हो रहा है, लेकिन आम उपभोक्ताओं को महंगा गेहूं खरीदना पड़ रहा है। दामों के उतार चढ़ाव के बीच मंडी में गेहूं की आवक भी कुछ कम हो गई है।
देश में गेहूं उत्पादन 115 मिलियन टन (एमटी) से अधिक होने का अनुमान लगाया है, वहीं फ्लोर मिल संचालकों को यह लगभग 110 एमटी तक होने की उम्मीद है। इस साल गेहूं की फसल अच्छी होने से रसोई में रोटी अच्छी फूलने वाली है। इसकी वजह गेहूं की अच्छी फसल होने के साथ-साथ दामों में कमी होना भी है। शरबती गेहूं का बाजार इस समय 5000-5500 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है, वहीं बीते साल शरबती गेहूं ने 6000 रुपए प्रति क्विंटल का आंकड़ा छू लिया था। हालांकि गेहूं कारोबारियों का मानना है कि फिलहाल दामों में वृद्धि नहीं होगी, लेकिन दिवाली के आसपास इसमें तेजी दिख सकती है। ग्वालियर सहित प्रदेशभर में गंजबासौदा, सीहोर, अशोकनगर और आष्टा जैसी जगहों से गेहूं की आवक होती है।
मप्र में इस साल 21.3त्न होगा उत्पादन
देश में इस बार रबी सीजन 2024-25 में गेहूं का बंपर उत्पादन होने का अनुमान जताया गया है। केंद्र सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी सूची में गेहूं उत्पादन में पहले की तरह उत्तर प्रदेश 31.7 प्रतिशत उत्पादन हिस्सेदारी में टॉप पर हैं। मप्र 21.3 प्रतिशत के साथ दूसरे नंबर पर है। वहीं तीसरे नंबर पर पंजाब 14.7 प्रतिशत, चौथे पर हरियाणा 10 प्रतिशत और पांचवे पर राजस्थान 9.6 प्रतिशत है। मप्र दलहन तिलहन व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष गोपाल दास अग्रवाल का कहना है कि इस बार राज्य में गेहूं का उत्पादन गत वर्ष से कहीं ज्यादा हुआ है। सरकार और व्यापारी के पास भी काफी स्टॉक है। मुझे नहीं लगता कि आगे गेहूं में कोई तेजी आएगी। जहां तक गेहूं से बनने वाले उत्पादों की बात है तो यह कंपनियों के ऊपर निर्भर है।
अच्छी कीमत मिलने का अनुमान
मप्र का शरबती गेहूं अपने रंग और टेस्ट के लिए देश-दुनिया में मशहूर है। यही वजह है कि इसका दाम भी बाकी वैरायटी से अधिक रहता है। मंडियों में गेहूं की आवक शुरू गई है, लेकिन शरबती को अभी भाव नहीं मिल रहे हैं। शरबती गेहूं तो वैसे मप्र की वैरायटी है, लेकिन इसकी मांग देश की लगभग सभी मंडियों में प्रमुखता से देखी जाती है।  थोक कारोबारी संजय साहनी ने बताया, बड़ी कंपनियां गेहूं को स्टॉक कर लेंगी, दिवाली तक दाम में तेजी देखने मिल सकती है। किराना व्यवसायी संघ के अध्यक्ष दिलीप ने बताया, आटे के पैकेट के दाम में ज्यादा अंतर नहीं आया है। इन दिनों बाजार में 1544, हर्षिता और सुनहरा गेहूं (लोटा) के दाम 3400-3500 रुपए प्रति क्विंटल चल रहे हैं। ये गेहूं इतना चमकदार होता है कि हूबहू यह शरबती गेहूं जैसा लगता है। ऐसे में कई लोग इसे ही शरबती गेहूं बताकर बेच देते हैं।

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