- केन्द्र में लगातार प्रदेश के आईएएस अफसरों का बढ़ रहा रुतबा
- विनोद उपाध्याय

ऐसा पहली बार है जब केन्द्र सरकार में मप्र कैडर के दस आईएएस अफसर सचिव जैसे बेहद महत्वपूर्ण पद पर पदस्थ किए गए हैं। इसमें भी अहम बात यह है कि इन अफसरों को विभागों से लेकर राज्यों के बीच समन्वय तक का जिम्मा सौंपा गया है। इससे ही समझा जा सकता है कि प्रदेश के आईएएस अफसरों का केन्द्र में किस तरह का रुतबा बढ़ रहा है। इसके अलावा आधा दर्जन आईएएस अफसर केन्द्रीय मंत्रियों के निजी स्टाफ में भी सचिव या फिर निज सहायक के रुप में पदस्थ हैं। अगर सचिव स्तर के अफसरों की बात की जाए तो प्रदेश के अफसरों के पास अब केन्द्र में संस्कृति, खेल, गृह, खनन और ऊर्जा जैसे अहम मंत्रालयों का जिम्मा आ गया है। दरअसल, केंद्रीय कार्मिक विभाग ने 18 अप्रैल को 20 सीनियर आईएएस अफसरों को पदोन्नत करते हुए उनके विभागों में फेरबदल किया है। इनमें मप्र कैडर के 5 सीनियर आईएएस अफसर भी शामिल हैं। इन्हें मिलाकर अब केन्द्र में सचिव स्तर के प्रदेश के अफसरों की संख्या दस हो गई है। इससे प्रदेश को भी फायदा मिलना तय है। जानकारों का कहना है कि इससे प्रदेश में केंद्र की योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन हो सकेगा और यह अफसर केंद्र से जब वापस राज्य में लौटेंगे तो उनके अनुभव का फायदा प्रदेश को मिलेगा। उल्लेखनीय है कि मप्र कैडर के कुल 375 आईएएस अफसरों में से 45 प्रतिनियुक्ति पर केंद्र में पदस्थ हैं। इनमें से कई अहम विभागों की जिम्मेदारी पहले से संभाल रहे हैं।
अग्रवाल अब संभालेंगे संस्कृति मंत्रालय
1994 बैच के आईएएस अफसर विवेक अग्रवाल वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग में अपर सचिव का पद संभाल रहे थे। सरकार ने उन्हें जनवरी 2023 से वित्त खुफिया यूनिट के निदेशक की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी सौंपी थी। संस्कृति मंत्रालय की कमान देने से पहले एफआईयू-इंडिया में बतौर निदेशक उनका कार्यकाल 6 माह बढ़ाया गया था। फरवरी 2019 में प्रतिनियुक्ति पर केंद्र सरकार में पदस्थ होने से पहले विवेक अग्रवाल पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सचिव और प्रमुख सचिव रहे। कॉर्पोरेट, खनन और विद्युत मंत्रालय भी एमपी के अफसरों के पास 1990 बैच की आईएएस अलका उपाध्याय 2016 से प्रतिनियुक्ति पर हैं। वे विभिन्न विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं। इस समय वे पशुपालन और डेयरी विभाग की सचिव के तौर पर पदस्थ हैं। साथ ही मप्र राज्य निर्वाचन आयुक्त रहे वीएल कांता राव के पास खनन मंत्रालय के साथ रक्षा उत्पादन क्षेत्र के अतिरिक्त सचिव की जिम्मेदारी है। 1992 बैच के आईएएस पंकज अग्रवाल के पास विद्युत मंत्रालय जैसा अहम विभाग है। 1993 बैच की आईएएस दीप्ति गौड़ मुखर्जी कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय की सचिव हैं। नीलम शमी राव अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की सचिव के तौर पर पदस्थ हैं।
शिवराज के साथ ये दो अफसर
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान जब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तब 1996 बैच के आईएएस फैज अहमद किदवई प्रदेश में सामाजिक न्याय सहित अन्य विभागों में पदस्थ रह चुके हैं। विस चुनाव से पहले वे प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली चले गए और अब वहां कृषि मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव हैं। वहीं, शिवराज के पास ग्रामीण विकास मंत्रालय की भी जिम्मेदारी है। यहां अतिरिक्त सचिव के तौर पर एमपी कैडर की आईएएस कैरेलीन खोंगवार देशमुख पदस्थ हैं।
मंत्रियों के स्टाफ में भी प्रदेश के अफसर
वर्तमान में एमपी के कई अफसर केंद्रीय मंत्रियों के विशेष सहायक के तौर पर पदस्थ हैं। सीहोर कलेक्टर रहे प्रवीण सिंह अधयक को 26 मार्च को केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान का विशेष सहायक बनाया गया है। वर्ष 2012 के आईएएस अधिकारी प्रवीण की पोस्टिंग केंद्र में उप सचिव स्तर के अधिकारी के रूप में की गई है। इससे पहले इसी साल 4 मार्च को एमपी कैडर के 2012 बैच के आईएएस अफसर और एमपी भवन कार्पोरेशन के एमडी पंकज जैन को केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी किशन रेड्डी के स्टाफ में विशेष सहायक बनाया गया था। प्रवीण सिंह, पंकज जैन के पहले एमपी कैडर के चार अधिकारी केंद्रीय मंत्रियों के निज सचिव के रूप में काम कर रहे हैं। इसी तरह से तेजस्वी नायक, बी विजय दत्ता, बक्की कार्तिकेयन, हर्ष दीक्षित, और प्रवीण सिंह अधयक मंत्रियों के स्टॉफ में पदस्थ हैं।
मंत्रालयों के बीच समन्वय का जिम्मा
केन्द्र की मोदी सरकार ने मनोज गोविल को कैबिनेट सचिवालय में सचिव पदस्थ किया है। इससे पहले कर्नाटक कैडर की 1991 बैच की वंदना गुर्नानी यह जिम्मेदारी संभाल रही थी। उन्हें श्रम और रोजगार मंत्रालय में सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। गोविल की जिम्मेदारी विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के बीच समन्वय स्थापित करना, नीतियों और निर्णयों को क्रियान्वित करना और सरकार के कामकाज में सहयोग सुनिश्चित करना है। गोविल अब तक वित्त मंत्रालय में व्यय विभाग के सचिव के पद पर थे। इसी तरह से आशीष श्रीवास्तव को गृह मंत्रालय के अधीन इंटर स्टेट काउंसिल का सचिव बनाया गया है। वे अब तक इस काउंसिल के सलाहकार थे। अभी तक यह जिम्मेदारी मणिपुर कैडर के 1990 बैच के अफसर के. मोसेस चलाई संभाल रहे थे। चलाई को सार्वजनिक उपक्रम विभाग, वित्त मंत्रालय में सचिव पदस्थ किया गया है। इंटर स्टेट काउंसिल के सचिव की मुख्य जिम्मेदारी राज्यों के बीच सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देना है। वे राज्यों के बीच विवादों की जांच करते हैं और सामान्य हित के मुद्दों पर विचार-विमर्श करते हैं। इसके साथ ही नीतिगत सुधारों पर सिफारिशें करते हैं। वे राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में काम करते हैं।
राव के पास अब खेल मंत्रालय
हरिरंजन राव अब तक पीएमओ में टेक्नोलॉजी और गवर्नेंस वर्टिकल देख रहे थे। अब उन्हें खेल मंत्रालय की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। राव प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सचिव रह चुके हैं। पीएमओ का हिस्सा बनने से पहले वे टेलीकॉम मिनिस्ट्री में संयुक्त सचिव, डिपार्टमेंट ऑफ टेली कम्युनिकेशंस थे। राज्य मंत्रालय में ई-फाइलिंग सिस्टम को लागू करने में राव की अहम भूमिका रही है। इससे पहले वे राज्य पर्यटन विभाग के आयुक्त और राज्य पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। राव ने राज्य के शहरी विकास और ग्रामीण विकास विभागों में भी काम किया है। वे उच्च शिक्षा विभाग में प्रमुख सचिव रहते जनवरी 2020 में प्रतिनियुक्ति पर केंद्र सरकार में पदस्थ हुए थे।