- रवि खरे

राम नवमी: सरयू स्नान के साथ शुरू हुआ पर्व अयोध्या में राम दर्शन के लिए उमड़ी भीड़
पवित्र सरयू में स्नान के साथ अयोध्या में रामनवमी पर्व के उत्सव का आगाज हो गया। सुबह से ही देश-विदेश से पहुंचे श्रद्धालु सरयू में आस्था की डुबकी लगाने के लिए विभिन्न घाटों पर पहुंचने लगे हैं। घाटों पर भारी भीड़ है। जय श्री राम का उद्घोष लगाते हुए श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं। सरयू स्नान के बाद श्रद्धालुओं का कारवां नागेश्वर नाथ, हनुमानगढ़ी, कनक भवन और राम मंदिर की ओर रवाना हो रहा है। सरयू के घाटों पर सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। जल पुलिस के साथ एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की तैनाती की गई है। राम मंदिर में दर्शन पूजन का दौर शुरू हो गया है। रामलला के दरबार में रामजन्मोत्सव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस साल रामनवमी के दिन, जब रामलला का जन्मोत्सव मनाया जाएगा, ठीक उसी समय सूर्य तिलक भी होगा। तीन शुभ योग रवि योग, सर्वार्थसिद्धि योग और सुकर्मा में रामलला का सूर्य तिलक किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण अवसर पर शनिवार को लगातार तीसरे दिन सूर्य तिलक का सफल ट्रायल किया गया। जिला प्रशासन ने इस बार रामनवमी पर्व के लिए बेहद खास तैयारी की है। श्रीराम जन्मोत्सव के मौके पर देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं पर ड्रोन के माध्यम से रामपथ पर सरयू के पवित्र जल की फुहारें डाली जाएंगी। इसके अलावा रामकथा पार्क में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। विभिन्न विभागों की ओर से प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
समान नागरिक संहिता के लिए संसद व विधान सभाएं ठोस प्रयास करें: कर्नाटक हाईकोर्ट
जस्टिस एच संजीव कुमार की एकल पीठ ने एक मृतक मुस्लिम महिला शहनाज बेगम के पति और भाई-बहन के बीच संपत्ति विवाद से संबंधित एक सिविल अपील पर फैसला सुनाते हुए यह सिफारिश की। इस मामले ने पर्सनल धार्मिक विधानों की ओर से संचालित उत्तराधिकार कानूनों और लैंगिक न्याय पर उनके प्रभाव के बारे में व्यापक प्रश्न उठाए हैं। जस्टिस कुमार ने कहा कि जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 44 के अंतर्गत कल्पना की गई है, समान नागरिक संहिता को लागू करने से संविधान के प्रस्तावना में निहित न्याय, स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और राष्ट्रीय एकता के आदर्शों को पूरा किया जा सकेगा। हाईकोर्ट ने 4 अप्रैल के अपने फैसले में कहा, देश को पर्सनल लॉ और धर्म के संबंध में एक समान नागरिक संहिता की जरूरत है, तभी भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उद्देश्य प्राप्त होगा। अदालत ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि यद्यपि भारत में महिलाएं संविधान के तहत समान नगारकि हैं, लेकिन धर्म आधारित पर्सनल कानूनों के कारण उनके साथ असमान व्यवहार किया जाता है।
ट्रंप और मस्क के खिलाफ सडक़ों पर प्रदर्शन बोले लोग दोनों मिलकर देश को कर रहे नष्ट
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कारोबारी एलन मस्क के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। अमेरिका में सरकारी नौकरियों से छंटनी, अर्थव्यवस्था, मानवाधिकार, टैरिफ और अन्य मुद्दों पर ट्रंप प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किए जा रहे हैं। शनिवार को पूरे देश में रैली निकाली गई। प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप और मस्क को अमेरिका के लिए खतरा बताया और कहा कि दोनों मिलकर देश को नष्ट करने में लगे हुए हैं। ट्रंप प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन में नागरिक अधिकार संगठनों, श्रमिक संघों, एलजीबीटीक्यू प्लस, वकील, पूर्व सैन्यकर्मियों और चुनाव कार्यकर्ताओं सहित 150 से अधिक समूह शामिल हुए। हजारों प्रदर्शनकारी शनिवार को अमेरिका भर में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों और कार्यकारी आदेशों, जिसमें टैरिफ भी शामिल हैं के विरोध में आवाज उठाने के लिए एकत्र हुए। अमेरिका के सभी 50 राज्यों के साथ-साथ पड़ोसी कनाडा और मैक्सिको में भी प्रदर्शन किए गए। आयोजकों के अनुसार, लगभग 150 कार्यकर्ता समूहों ने विरोध प्रदर्शनों में भाग लिया।
अंतरिक्ष में इतिहास रचेंगे वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु, भरेंगे स्पेस की उड़ान
अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत नया इतिहास रचने जा रहा है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बनने वाले हैं। अब इस मिशन के लॉन्च की तारीख सामने आई है जिसे नासा के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष यात्री जो गगनयान मिशन का भी हिस्सा हैं, मई 2025 में कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेश स्टेशन के लिए रवाना होंगे। यह मिशन इंटरनेशन स्पेस रिसर्च में भारत की भागीदारी में एक अहम कदम है। भारतीय वायुसेना के अनुभवी पायलट शुभांशु स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट पर मिशन पायलट के रूप में काम करेंगे। वह भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान ह्यूमन स्पेस फ्लाइट प्रोग्राम के लिए नॉमिनेट हुए अंतरिक्ष यात्री भी हैं। एक्स-4 मिशन का नेतृत्व नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन करेंगी और पोलैंड से सावोज़ उजऩांस्की-विस्नीवस्की और हंगरी से टिबोर कापू मिशन एक्सपर्ट होंगे। इस 14 दिवसीय मिशन का मकसद माइक्रोग्रेविटी में वैज्ञानिक प्रयोग, एजुकेशनल आउटरीच और कमर्शियल एक्टीविटीज करना है।