
कटनी समेत 10 जगहों पर होंगे इंडस्ट्री कॉन्क्लेव: मुख्यमंत्री
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बाद कटनी सहित 9 दूसरे जिलों में इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित होंगे। कटनी में जल्द ही मिनरल एंड माइनिंग और फूड प्रोसेसिंग संबंधी इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कटनी जिले में औद्योगिक विकास के संबंध में उद्योगपतियों की बैठक में संवाद के दौरान यह घोषणा की है। डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए साल 2025 को उद्योग एवं रोजगार वर्ष घोषित किया है।। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके तहत माइनिंग मिनरल, फूड प्रोसेसिंग जैसी जिस प्रकार की, जिस स्थान पर संभावनाएं उपलब्ध होंगी, प्रदेश की उन 10 अलग-अलग जगहों में इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया जाएगा।
छिंदवाड़ा में ट्रिपल इंजन की सरकार लेकिन जनता को नहीं मिल रहा पेट्रोल: कमलनाथ
मध्य प्रदेश सरकार के कर्ज पर सियासत छिड़ गई है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सवाल उठाए हैं कि आखिर यह पैसा कहां जा रहा है। उन्होंने छिंदवाड़ा और पांढुर्णा की जनता से भेदभाव करने के आरोप भी लगाए। पूर्व कमलनाथ सीएम ने एक्स पर लिखा, छिंदवाड़ा में ट्रिपल इंजन की सरकार चल रही है लेकिन सच्चाई यह है कि जनता को पेट्रोल ही नहीं मिल पा रहा। प्रदेश सरकार तकरीबन हर महीने 5000 करोड़ रुपये का कर्ज लेती है, लेकिन आखिर कर्ज का यह पैसा विकास योजनाओं में खर्च नहीं हो रहा है तो कहां जा रहा है। प्रदेश सरकार करोड़ों रुपया इवेंट पर खर्च कर रही है, लेकिन विकास योजनाओं, नौजवानों को रोजगार देने, किसानों को फसल का उचित मूल्य देने और महिलाओं को सुरक्षा देने पर कोई खर्च नहीं किया जा रहा है।
दिग्विजय सिंह भी हुए ठगी का शिकार, खुलासा
कांग्रेस राज्यसभा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की जमीन को एक जालसाज ने फर्जी तरीके से बेच दिया। मामला तब सामने आया जब दिग्विजय के केयरटेकर अनिल यादव ने शुक्रवार को जमीन पर निर्माण कार्य शुरू होते हुए देखा। इसके बाद उसने तुरंत जिलाधिकारी, एसडीएम व पुलिस को शिकायत की। आंबेडकरनगर जिले के रामनगर महुवार गांव (आलापुर तहसील) में स्थित 0.152 हेक्टेयर जमीन (प्लॉट नंबर 1335) सिंह के नाम पर दर्ज है। पहले यह उनकी मां अपर्णा देवी के नाम थी, जिनका 1986 में निधन हो गया। 18 मई 2024 को दिग्विजय सिंह के नाम पर इसका नामांतरण हुआ। शिकायत के मुताबिक, केवताली गांव के राम हरक चौहान ने खुद को दिग्विजय सिंह बताकर 1989 में यह जमीन रिटायर्ड एडिशनल एसपी जियालाल और दो अन्य राजबहादुर व मंगली को बेंच दी थी।
सुलेमान ने लिया वीआरएस, केंद्र ने किया मंजूर
1989 के बैच के आईएएस अफसर मोहम्मद सुलेमान ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है। राज्य सरकार से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन करने के बाद केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय ने उनके वीआरएस को मंजूरी भी दे दी है। वे 13 मार्च से स्वैच्छिक सेवानिवृत्त हो जाएंगे। सुलेमान जुलाई 2025 में रिटायर होने वाले थे, इससे पहले ही उन्होंने वीआरएस मांग लिया। सुलेमान ने अपने करियर की शुरुआत ग्वालियर के असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में की थी। वे बाद में सिवनी, बालाघाट और इंदौर के कलेक्टर रहे। कोरोना महामारी के दौरान उन्हें एसीएस हेल्थ की अहम जिम्मेदारी दी गई थी। वह पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के भरोसेमंद अफसरों में शामिल थे और तमाम विरोध के बाद भी मोहन सरकार बनने तक एसीएस हेल्थ के रूप में काम करते रहे। इसके पहले जब साल 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने तब भी मोहम्मद सुलेमान को उद्योग जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी मिली थी।