- पहले चरण में भी मप्र कर चुका है शानदार प्रदर्शन
- विनोद उपाध्याय

प्रदेश की मोहन सरकार की मंशा हर गरीब के सिर पर छत का है। जिसे पूरा करने के लिए सरकार हर साल औसतन दो लाख मकान बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। यही वजह है कि अगले पांच सालों में दस लाख मकान बनाने का निर्णय सरकार ले चुकी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक में बीते रोज प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के प्रदेश में क्रियान्वयन करने की स्वीकृति दे दी गई है। योजना अनुसार प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर, निम्न तथा मध्यम आय वर्ग के पात्र हितग्राही परिवारों को योजना के चार घटकों के माध्यम से लाभान्वित करने के लिए 5 वर्षों की योजना अवधि में 10 लाख आवासों का निर्माण किया जायेगा। इसमें 50 हजार करोड़ रूपये व्यय होंगे। बेनेफिसयरी लेड कंस्ट्रक्शन (बी.एल.सी.) घटक अंतर्गत ईडब्ल्यूएस वर्ग के पात्र हितग्राही को अपनी स्वयं की भूमि पर स्वयं आवास का निर्माण करने के लिए अनुदान प्रदान किया जायेगा। एफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनशिप (ए.एच.पी.) घटक अंतर्गत ईडब्ल्यूएस वर्ग के पात्र हितग्राहियों को नगरीय निकायों, राज्य की अन्य निर्माण एजेंसियों तथा निजी बिल्डर या डेवलपर के द्वारा आवासों का निर्माण कर प्रदान किया जायेगा। इस घटक अंतर्गत निजी डेवलपर द्वारा क्रियान्वित व्हाइट लिस्टेड और ओपन मार्केट परियोजनाओं में हितग्राहियों द्वारा आवास क्रय करने के लिए रिडीमेबल हाऊसिंग वाउचर (आरएचवी) प्रदान किए जाने की स्वीकृति दी गयी है। एफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनशिप (ए.आर.एच.) घटक अंतर्गत कामकाजी महिलाओं, औद्योगिक श्रमिकों, शहरी प्रवासियों बेघर निराश्रितों, छात्रों एवं अन्य पात्र हितग्राहियों के लिए किराये के आवास बनाकर उपलब्ध किया जायेगा। इंटरेस्ट सब्सिडी स्कीम (आई.एस.एस.) घटक अंतर्गत ईडब्ल्यूएस, एलआईजी एवं एमआईजी वर्ग के पात्र परिवारों को आवास ऋण पर ब्याज अनुदान बैंक,एचएफसी के माध्यम से प्रदान किया जायेगा। योजना अनुसार कल्याणी महिलाओं, सिंगल वूमेन, दिव्यांगों, वरिष्ठ नागरिकों, ट्रांसजेंडर्स, अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यकों तथा समाज के अन्य कमजोर एवं वंचित वर्गों के व्यक्तियों को वरीयता दी जाएगी। साथ ही सफाई कर्मियों, पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत चिन्हित स्ट्रीट वेंडरों, पीएम विश्वकर्मा योजना के विभिन्न कारीगरों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिकों, तथा मलिन बस्ती,चॉल के निवासियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
बी.एल.सी. घटक के लिए अनुदान राशि 2.50 लाख प्रति आवास तथा ए.एच.पी. घटक की परियोजनाओं के लिए अनुदान राशि 2.50 लाख प्रति आवास की स्वीकृति प्रदान की गई। 10 लाख आवासों के निर्माण के लिए अनुमानित राशि 50,000 करोड़ रूपये का निवेश संभावित है। इसमें केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार से अनुमानित अनुदान राशि 23,025 करोड़ रूपये प्रदान किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। योजना अंतर्गत पात्र हितग्राही परिवारों के लिए हर मौसम अनुकूल आवासों के निर्माण के साथ साथ समुचित अधोसंरचना जैसे सडक़, जल प्रदाय, मल-जल निकासी, पार्क तथा सामाजिक अधोसंरचना जैसे आंगनवाड़ी, प्राथमिक शाला एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आदि विकसित किये जायेंगे। शासन सभी पात्र हितग्राही परिवारों को आवास प्रदान किया जाना सुनिश्चित करेगा।
शहरी अवास योजना में बड़े शहरों को मलिन बस्ती मुक्त करने की दिशा में भूमि को संसाधन के रूप में उपयोग करते हुए पीपीपी मॉडल पर परियोजनाओं के क्रियान्वयन की स्वीकृति दी गई। ईडब्ल्यूएस वर्ग के हितग्राहियों का अंशदान कम करने के लिए पूर्वानुसार क्रॉस सब्सिडी मॉडल को क्रियान्वित करने के लिए आर्थिक रूप से कमजोर आय वर्ग की श्रेणी के आवासों के निर्माण के साथ निम्न आय वर्ग तथा मध्यम आय वर्ग के लिए भी मिश्रित रूप से आवासों, व्यवसायिक इकाइयों का निर्माण तथा भूखंड विकसित करने की स्वीकृति दी गई। एएचपी-लोक परियोजनाओं में हितग्राही अंश की व्यवस्था के लिए हितग्राही, नगरीय निकाय तथा बैंक, एचएफसी के मध्य पूर्वानुसार त्रिपक्षीय अनुबंध के माध्यम से ऋण उपलब्ध किये जाने एवं भूमिहीन पात्र हितग्राही परिवारों को आवासीय भूमि का पट्टा प्रचलित प्रावधान अनुसार उपलब्ध किये जाने की भी स्वीकृति दी गई, जिससे भूमिहीन गरीबों को भी बीएलसी घटक का लाभ प्राप्त हो सके।
पहले चरण के क्रियान्वयन में रह चुका है अग्रणी
मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में अब तक 8 लाख 25 हजार जरूरतमंद हितग्राहियों के आवास निर्माण पूरे किये जा चुके हैं। प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के पहले चरण में 9 लाख 45 हजार आवास स्वीकृत किये गये हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के प्रथम चरण की क्रियान्वयन की सम्पूर्ण अवधि में मध्यप्रदेश देशभर में अग्रणी स्थान पर है। योजना के उत्कृष्ट क्रियान्वयन के लिये मध्यप्रदेश और प्रदेश की कई नगरीय निकायों को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के प्रथम चरण में प्रभावी क्रियान्वयन का श्रेय न्यूनतम दर पर आवास उपलब्ध कराने के लिये राज्य सरकार द्वारा किये गये कई नवाचारों को जाता है। स्वीकृत आवासों के निर्माण कि लिये केन्द्रांश और राज्यांश की अनुदान राशि 19 हजार 700 करोड़ रूपये एवं क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस) घटक के लिये ब्याज अनुदान के रूप में 3 हजार 900 करोड़ रूपये, इस प्रकार कुल राशि 23 हजार 600 करोड़ रूपये स्वीकृत की जा चुकी है। हितग्राहियों को अब तक 22 हजार 800 करोड़ रूपये की राशि जारी की जा चुकी है।