दूसरों को पढ़ाया पाठ खुद पर अमल नहीं

  • मप्र की बिजली कंपनियों की भर्राशाही
 बिजली

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
मप्र सहित देशभर में हाथियों की दुर्घटनाओं के कारण लगातार मौत हो रही है। खासकर बिजली के करंट से। इसको देखते हुए मप्र बिजली कंपनियों के विशेषज्ञों ने ओडिशा, छत्तीसगढ़ समेत देशभर के राज्यों को 20 से 22 नवंबर तक देहरादून में झूलते तारों को ऊपर करने समेत अन्य सावधानियां रखने का पाठ पढ़ाया। लेकिन विडंबना यह है कि बिजली कंपनियां खुद पर इसका अमल नहीं करती हैं।
गौरतलब है कि प्रदेश के  शहर, गांव और कस्बों में झूलते तारों को देखा जा सकता है। लेकिन बिजली कंपनियां तारों को सख्ती से ऊपर नहीं करवा पाईं। नतीजा मैहर के पास शहडोल के जंगल से भटके हाथियों के झुंड में से एक की मौत हो गई। वहीं 20 हाथियों का झुंड मैहर जिले की सीमा से 5 किलोमीटर दूर शहडोल की सीमा में देखा गया। इसके चलते विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने पहले से इन घटनाओं पर कड़ा रुख अपनाया हुआ है। एनटीसीए ने ही राष्ट्रीय वन्य प्राणी संस्थान देहरादून में करंट से वन्य प्राणियों को बचाने संबंधी राष्ट्रीय कार्यशाला करने के निर्देश दिए थे। इसमें पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी से सुरक्षा शाखा प्रभारी एवं अतिरिक्त मुख्य अभियंता आरके नेगी और वरिष्ठ लाइन परीक्षण सहायक आरएन व्यास ने हिस्सा लिया था। इनके अलावा देशभर से पॉवर ट्रांसमिशन एवं बिजली वितरण कंपनी से जुड़े विशेषज्ञ आए थे।
राज्य घटनाओं को रोकने में विफल
वन विभाग, वन्य प्राणी चिकित्सक से लेकर सभी विशेषज्ञों ने बताया कि यह मौत झूलते तारों की चपेट में आने से हुई। करंट से हाथियों की मौत की दो बड़ी घटनाएं ओडिशा और छत्तीसगढ़ में हुई। दूसरे राज्य भी इस तरह वन्य प्राणी गंवा रहे हैं। लगातार होती मौतों ने केंद्र को चिंता में डाला है। जिसकी बड़ी वजह राज्यों की विफलता है क्योंकि ये राज्य खुद के स्तर पर इन घटनाओं को रोकने में विफल दिख रहे हैं। बालाघाट में चार ग्रामीणों ने करंट लगाकर एक बाघ को मार डाला। एक साल बाद मामला उस समय खुला जब आरोपी उसके अवशेषों को बेचने की फिराक में थे। घटना डेढ़ साल पुरानी है। मप्र में ऐसी एक नहीं, बल्कि कई घटनाएं हो चुकी हैं। ओडिशा में शिकारियों ने करंट लगाकर तीन हाथियों का शिकार किया। घटना नवंबर 2024 के दूसरे सप्ताह की है जिसे संबलपुर जिले के देउल रेंज में अंजाम दिया गया। इसमें एक शावक भी था। ओडिशा में पहले भी घटनाएं हो चुकी है। छत्तीसगढ़ में वर्ष 2023 में 12 हाथी मरे हैं। अक्टूबर 2024 में तीन हाथियों की करंट लगने से मौत हो गई थी। जिसमें बताया गया था कि तार झूल रहे थे, उसमें हाथी फंस गए और मौत हो गई।

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