प्रदेश में फायर सेफ्टी एक्ट लागू करने की तैयारी, देना होगा नया कर

फायर सेफ्टी एक्ट
  • इस सत्र में आ सकता है विधेयक

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। अभी तक शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों से नगरीय निकाय संपत्ति, जल और सफाई कर के रुप में ही राशि वसूलते थे, लेकिन अब निकाय जल्द ही फायर सेफ्टी कर की भी वूसली करेंगे। इसके लिए प्रदेश में फायर सेफ्टी एक्ट लागू करने की तैयारी कर ली गई है। इस एक्ट के लागू होते ही निकायों द्वारा भवन स्वामियों से इस नए कर की वसूली करनी शुरु कर दी जाएगी। इसकी वसूली सरचार्ज के रुप में की जाएगी। इस नए एक्ट का मसौदा नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा तैयार कर लिया गया है। इस नए एक्ट में फायर पुलिस के गठन का भी प्रस्ताव शामिल है। यदि कहीं आग लगती है तो सामान्य पुलिस की ही तरह से फायर पुलिस काम करेगी। इसके साथ ही इस एक्ट में जो प्रावधान किए गए हैं, उनका उल्लंघन करने पर सजा और जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। दरअसल प्रदेश में बीते पांच साल से फायर सेफ्टी एक्ट लागू करने की कवायद की जा रही है। इसके बाद अब जाकर उसका मसौदा तैयार किया जा सका है। इस मसौदे को विधि विभाग भी स्वीकृति दे चुका है। अब इसे अगले सप्ताह होने वाली वरिष्ठ सचिवों की बैठक में रखा जाएगा। माना जा रहा है कि 16 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस एक्ट के ड्राफ्ट पेश किया जा सकता है। फायर सेफ्टी एक्ट में किए गए प्रावधानों के मुताबिक 9 मीटर ऊंचाई वाले भवनों को भी फायर एनओसी लेना अनिवार्य रहेगा। फिलहाल 15 मीटर ऊंचाई वाले भवनों के लिए ही यह जरूरी है। इसके अलावा शैक्षणिक संस्थान, संस्थागत, सभा, व्यवसायिक- व्यापारिक, औद्योगिक गोदाम के लिए 500 मीटर से अधिक के लिए भी फायर एनओसी अनिवार्य किए जाने का उल्लेख है। इसी तरह से किसी भी सार्वजनिक आयोजन के लिए भी फायर एनओसी जारी किए जाने का उल्लेख किया गया है। इसके लिए आयोजक को आग से बचाव के लिए किए जाने वाले इंतजामों की जानकारी लिखित में देनी होगी। जो जांच में अगर गलत जानकारी पायी जाएगी तो उसे सील भी किया जा सकता है। इसे अधिनियम की धारा 38 के तहत दंडनीय अपराध माना जाएगा। इसके लिए 10 हजार रुपए का जुर्माना और 3 महीने की कैद हो सकती है।
उपयोगिता प्रमाण पत्र लेना होगा हर साल
ड्राफ्ट के मुताबिक, भवन निर्माण के दौरान फायर सेफ्टी सिस्टम लगाना जरुरी होगा। इसके तहत ऑटोमैटिक स्प्रिंकल सिस्टम, फायर अलार्म और फायर सेफ्टी उपकरण लगाने होंगे। इसके बाद ही उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। इस प्रमाण पत्र को हर साल लेना होगा। इस नए एक्ट के लागू होने के बाद अधिक आबादी वाले शहरों में नए फायर स्टेशनों के बनाने और वहां पर एक फायर अफसर की तैनाती का भी प्रावधान किया जा रहा है। इसके अलावा इसमें कार्यरत कर्मचारियों व अफसरों के लिए नया कैडर बनाने का भी प्रस्ताव है। इसके लिए प्रदेश स्तर पर संचानालय भी बनाया जाएगा। इसके अलावा हर निकाय में फायर सेफ्टी अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे।

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