
- मुख्य सचिव ने नई टीम का खाका किया तैयार
गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र की ब्यूरोक्रेसी में बड़े बदलाव की तैयारी चल रही है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश में नए मुख्य सचिव के आने के बाद ब्यूरोक्रेसी में बड़े बदलाव के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हरी झंडी दे दी है। इसके तहत मुख्यमंत्री कार्यालय और मंत्रालय स्तर पर बड़ी प्रशासनिक सर्जरी होगी। सीएम से हरी झंडी के बाद मुख्य सचिव अनुराग जैन ने नई टीम का खाका खींच लिया है। इसमें नॉन परफॉर्मेंस और उच्च योग्यता का ध्यान रखा गया है।
संभावना जताई जा रही है कि 13 नवंबर को उपचुनाव के मतदान के बाद बड़ा प्रशासनिक बदलाव हो सकता है। असल में प्रदेश के नए मुख्य सचिव अनुराग जैन के कमान संभालने के बाद ये माना जा रहा है कि सीएम डॉ. मोहन यादव और नए प्रशासनिक मुखिया नए सिरे से प्रशासनिक टीम तैयार करेंगे।
 माना जा रहा है कि अधिकारियों के प्रमोशन और नई पोस्टिंग में इस बार फिल्टर सख्त होगा। जानकारी के मुताबिक, किसी अधिकारी पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं या कोई अधिकारी विवादों के घेरे में है, या कोई अधिकारी अपने विभाग में महत्वपूर्ण निर्णय लेने में देरी करता है तो इस तरह के काम वाले अधिकारी भी बदले जा सकते हैं। इसके अलावा जिन अधिकारियों को एक ही जिले में लंबा समय हो गया है, वे भी बदले जाएंगे। दरअसल सरकार का पूरा फोकस इन दिनों सुशासन पर है।
विभागों की जिम्मेदारी भी बदलेगी
मंत्रालय में भी कई अधिकारियों को इधर से उधर किया जाएगा। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव एसएन मिश्रा हैं। चर्चा है कि मिश्रा को सरकार नई जिम्मेदारी दे सकती है। ऐसे में विभाग में एसीएस स्तर पर बदलाव की चर्चा। वहीं मवेशी पालन, दुग्ध उत्पाद के जरिए सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने की दिशा में बढ़ चुकी है। प्रमुख सचिव ई. रमेश के पास से पशुपालन विभाग की अतिरिक्त जिम्मेदारी वापस ली जा सकती है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकीय इस विभाग को सरकार मप्र के विकास के लिए और उपयोगी बनाने की दिशा में काम कर रही है। अभी अतिरिक्त जिम्मेदारी अपर मुख्य सचिव संजय दुबे के पास है, जो वापस लेकर अभिजीत अग्रवाल जैसे आइएएस को दी जा सकती है, जो आइटी क्षेत्र में उच्च योग्यता रखते हैं। अग्रवाल आइआइटी कानपुर से पासआउट हैं।  2047 का विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने के लिहाज से कौशल विकास एवं रोजगार विभाग में आईएएस अफसर रघुराज एमआर का जिम्मा बदला जा सकता है। जिम्मेदारी विशेषज्ञता रखने वाले अफसर को दी जा सकती है।
मुख्यमंत्री कार्यालय में भी फेरबदल संभव
सूत्रों का कहना है कि नई प्रशासनिक जमावट के तहत मुख्यमंत्री कार्यालय में भी फेरबदल होने की संभावना है। एसीएस मुख्यमंत्री डॉ. राजेश राजौरा मुख्यमंत्री की टीम में सबसे वरिष्ठ अधिकारी व एनवीडीए उपाध्यक्ष बने रह सकते हैं। जल संसाधन जैसे विभागों के अतिरिक्त प्रभार से उन्हें मुक्ति मिल सकती है। वहीं पीएस मुख्यमंत्री संजय कुमार शुक्ल की पीएस योजना आर्थिकीय व महिला एवं बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी यथावत रह सकती है। बाकी की जिम्मेदारी से छुटकारा संभव है। राघवेंद्र कुमार सिंह, पीएस मुख्यमंत्री प्रदेश में औद्योगिक निवेश को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी के बीच इन्हें नई जिम्मेदारी मिल सकती है। सचिव मुख्यमंत्री भरत यादव  मुख्यमंत्री की टीम में बने रह सकते हैं, लेकिन भूमिका बदल सकती है। नगरीय प्रशासन की जिम्मेदारी बनी रह सकती है। अविनाश लवानिया अपर सचिव मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी बदली जा सकती है, उनकी दूसरे विभागों में सेवाएं ली जा सकती है।

 
											 
											 
											