धार की दो कंपनियां खपा रहीं अवैध शराब, इन्हें आबकारी विभाग का संरक्षण: कारोबारी

अवैध शराब

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
प्रदेश के शराब कारोबारियों की समस्या जानने के लिए उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने सोमवार को पहली बार पर्यावरण अध्ययन संस्थान (एप्को) परिसर में देसी-विदेशी शराब निर्माता और बार लाइसेंसियों के साथ बैठक की। इस बैठक में शराब कारोबारियों के साथ आबकारी विभाग के अफसर भी शामिल थे। बैठक में शराब कारोबारियों ने डिप्टी सीएम और वाणिज्यिक कर मंत्री देवड़ा के सामने ही आबकारी विभाग को ही घेर लिया।  
डिप्टी सीएम से शिकायत करते हुए शराब कारोबारियों ने कहा कि प्रदेश की दो कंपनियां जीजीएल और जेके एंटरप्राइजेज हर साल 50 से 60 लाख का अवैध कारोबार कर रही हैं। इन्हें आबकारी विभाग का भरपूर संरक्षण है। दोनों कंपनियां धार जिले की हैं। जीजीएल कंपनी कंट्री लिकर और गोवा ब्रांड बनाती है। इसी तरह जेके इंटरप्राइजेज लंदन प्राइड और रॉयल्स सेलेक्ट व्हिस्की बनाती है। नियमानुसार फैक्ट्री से अवैध तरीके से गाड़ी निकलते ही उसे सील करने की कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन गाडिय़ां पकड़े जाने के बाद भी कुछ नहीं होता। डिप्टी सीएम ने अधिकारियों को अवैध शराब की बिक्री पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संगठित अपराध पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। वहीं, शराब कारोबारियों ने यह भी कहा कि ड्राफ्ट बियर में सख्ती बरती जानी चाहिए। लाइसेंस ट्रांसफर की फीस कम करने के लिए भी कहा गया।
शराब दुकानों की टाइमिंग बढ़ाएं, पुलिस का हस्तक्षेप खत्म कराएं
नई आबकारी नीति के लिए सुझाव और शराब कारोबारियों की समस्या जानने के लिए बुलाई गई बैठक में शराब कारोबारियों ने सरकार के अलग-अलग विभागों के अफसरों को घेरा। उन्होंने कहा कि सरकार हर साल ठेका देती है, इसे दो साल या अधिक समय के लिए बढ़ाया जाना चाहिए। शराब दुकानों पर पुलिस का हस्तक्षेप खत्म किया जाना चाहिए और सिर्फ आबकारी विभाग के अफसरों को ही कार्रवाई का अधिकार होना चाहिए। ठेकेदारों ने शराब दुकान खुले रखने की समय सीमा भी बढ़ाने के लिए कहा है। कुछ कारोबारियों ने कहा कि कभी पुलिस तो कभी प्रशासनिक और कभी दीगर विभागों के अधिकारी कर्मचारी आबकारी के शराब संबंधी कामों में हस्तक्षेप करते हैं। इसे रोका जाना चाहिए। आबकारी पोर्टल की प्रोसेस को और सरल किया जाना चाहिए।

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