- प्रदेश में प्रशासनिक कसावट की तैयारी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
मुख्य सचिव की कुर्सी संभालते ही अनुराग जैन ने अफसरों के वर्क कल्चर को बदलने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। प्रदेश में प्रशासनिक कसावट के लिए मुख्य सचिव कलेक्टरों को रिजल्ट ओरिएंटेड काम का पाठ पढ़ाएंगे। इसके पीछे अनुराग जैन की सोच है कि कलेक्टर जब तक जनता के बीच नहीं जाएंगे, तब तक उन्हें जनसमस्याओं की पूरी जानकारी नहीं होगी।
खासतौर से गांव में कलेक्टर के दौरे बंद होने से सुशासन प्रभावित हुआ है, इसलिए अब हर कलेक्टर के लिए गांव में रात्रि विश्राम करना अनिवार्य किया जा रहा है। कलेक्टरों ने तहसील और जनपद पंचायत कार्यालयों के निरीक्षण की परंपरा भी बंद कर दी है, इसे पुन: शुरू किया जा रहा है। सभी कलेक्टरों को अब हर माह अग्रिम टूर डायरी भी मुख्य सचिव को भेजनी होगी। इसमें उन्हें बताना होगा कि वे कितने दिन जिले का दौरा करेंगे। गौरतलब है कि नए मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कामकाज संभालते ही अपनी काम करने की शैली को स्पष्ट कर दिया है। पहले ही वे कुछ किसानों से मिले थे, अब वे प्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था में कसावट के लिए काम करने का प्लान बना चुके हैं। इसका सीधा संदेश है कि अब हर अधिकारी को रोज जन सामान्य से मिलने का एक समय तय करना होगा। प्रदेश में प्रशासनिक कसावट लाने के लिए मुख्य सचिव अनुराग जैन जल्द ही कलेक्टर्स कांफ्रेंस बुलाने वाले हैं। इसमें वे सुशासन की प्राथमिकताओं से सभी को अवगत कराएंगे। मुख्य सचिव का मानना है कि जिले का दौरा न करने के कारण ही नक्शा, खसरा और सीमांकन जैसी छोटी- छोटी परेशानियों का सामना आम आदमी को करना पड़ता है। शासन और प्रशासन के प्रति विश्वास का भाव पैदा करना लक्ष्य अब कलेक्टरों को आम जनता के हितों को सर्वोपरि रखकर ही संवेदनशीलता के साथ कार्य करना होगा। मुख्य सचिव की प्राथमिकता है कि आम जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान हो, इसके लिए कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार सहित सभी अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट मोड में काम करना होगा। संदेश स्पष्ट है कि शासन की फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए। इन योजनाओं का लाभ शत-प्रतिशत हितग्राहियों तक पहुंचाने के लिए मिशन मोड पर जुटकर काम करें।
अग्रिम टूर डायरी देनी होगी
आपको बता दें कि अब कलेक्टर तहसील और जनपद पंचायत कार्यालयों का निरीक्षण भी नहीं करते हैं। लेकिन मुख्य सचिव इसे पुन: शुरू करने जा रहे हैं। मुख्य सचिव कार्यालय इसके लिए एक ठोस योजना बना रहा है, जिसके तहत कलेक्टरों को अब हर माह अग्रिम टूर डायरी भी मुख्य सचिव को भेजनी होगी। कलेक्टर को बताना होगा कि वे कितने दिन जिले का दौरा करेंगे? मुख्य सचिव अनुराग जैन की सोच है कि जिले का दौरा न करने के कारण ही जनता को नक्शा, खसरा और सीमांकन जैसी छोटी- छोटी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। फिलहाल प्रदेश के बहुत कम जिले ऐसे हैं, जहां कलेक्टर आम लोगों से मुलाकात करते हों। जनसुनवाई को भी औपचारिक बना दिया गया है। कलेक्टर स्वयं न कर अन्य अधिकारियों को जनसुनवाई में बैठा देते हैं। हर जिले का मास्टर प्लान बनाना होगा अनिवार्य मुख्य सचिव ने सभी बड़े संभागीय मुख्यालयों वाले जिलों के मास्टर प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके अगले चरण में सभी जिलों को भी मास्टर प्लान बनाना होगा ताकि कोई भी अवैध कालोनी विकसित न हो पाए। सूत्रों के अनुसार कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में इन सभी मुद्दों से कलेक्टरों का अवगत कराया जाएगा। दूसरा बड़ा मुद्दा नगरीय निकाय की संस्थाओं का है। कोई भी कलेक्टर नगरीय निकाय संस्थाओं की गड़बडिय़ों पर ध्यान नहीं दे रहा है। इस वजह से छोटी-छोटी नगर परिषद और नगरपालिका पर भी करोड़ों रुपये की देनदारी चढ़ गई है। अब कलेक्टरों से इसके नियमित निरीक्षण का प्रतिवेदन लिया जाएगा।
जमीन पर उतरेंगे कलेक्टर
अब वे कलेक्टर को केबिन से निकालकर जमीन पर कार्य करने के लिए टास्क देने जा रहे हैं। मुख्य सचिव अनुराग जैन जल्द ही कलेक्टर के साथ कांफ्रेंस करने वाले हैं, जिसमें प्रदेश सरकार के सुशासन की प्राथमिकताओं से सभी को अवगत कराएंगे। अनुराग जैन की सोच है कि कलेक्टर जब तक केबिन से निकलकर जनता के बीच नहीं जाएंगे, तब तक उन्हें जनता की समस्याओं की पूरी जानकारी नहीं होगी। अनुराग जैन उस प्रथा को शुरू करने जा रहे हैं, जिसके तहत कई वर्षों पहले कलेक्टर गांव के दौरे करते थे, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से कलेक्टर के दौरे बंद हो गए हैं। इस कारण अब अनुराग जैन कलेक्टर के लिए गांव में रात्रि विश्राम करना अनिवार्य करने जा रहे हैं। प्रशासन के कार्यों से जनता के मन में शासन और प्रशासन के प्रति विश्वास का भाव उत्पन्न हो।