सवा करोड़ घरों में पानी पर खर्च होगी 1100 करोड़ की बिजली

  • लागत कम करने सौर बिजली का लिया जाएगा सहारा
  • विनोद उपाध्याय
बिजली

मप्र में ग्रामीण क्षेत्र के घरों में पानी पहुंचाने के लिए सरकार लगातार योजनाओं- परियोजनाओं को अमलीजामा पहना रही है। जानकारी के अनुसार प्रदेश में चल रही योजनाओं को पूरा करने के लिए करीब 1100 करोड़ रुपए की बिजली खर्च होगी। ऐसे में भविष्य के खर्च को देखते हुए बिजली का बोझ कम करने के लिए सोलर संयंत्र लगाने की तैयारी की जा रही है, ताकि लोगों को सस्ती बिजली मिल सके। मप्र जल निगम से मिली जानकारी के अनुसार इस समय ग्रामीण क्षेत्रों के हर घर में पानी पहुंचाने के लिए कुल 147 जल परियोजनाओं पर काम चल रहा है जिसमें से 38 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। जब बाकी परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी तो सवा करोड़ घरों तक पानी पहुंचाने करीब 1100 करोड़ की बिजली खर्च होगी। वर्तमान में ऊर्जा विभाग से पानी की सप्लाई के लिए करीब पांच रुपए प्रति यूनिट बिजली उपलब्ध कराई जाती है। हालांकि जब ये परियोजनाएं पूर्ण हो जाएंगी तो सभी घरों में पानी तो पहुंचेगा पर लोगों पर जलकर का भार बढ़ जाएगा क्योंकि बिजली का बिल परियोजना चलाने वाली कंपनी को भरना पड़ेगा। ऐसे में ग्रामीणों पर बोझ कम करने के लिए 200 मेगावॉट के सोलर संयंत्र लगाने की तैयारी भी की जा रही है। इससे लोगों को अभी लग रहे कर में ही पर्याप्त जल मिल सके।
जलकर वसूली पर जोर
 सीहोर मप्र जल निगम के जीएम आरके चावला का कहना है कि उदयपुरा में दो तीन वर्ष से पानी की सप्लाई की जा रही है, यहां वसूली की स्थिति 47 प्रतिशत है। बेगमगंज में अभी वसूली की स्थिति नहीं बताई जा सकती है। वहीं सतेरी गांव जिला सीहोर के सरपंच सौरभ शर्मा का कहना है कि हमारी समिति 90 फीसदी तक वसूली करती है। यह प्रयास होता है कि सौ प्रतिशत वसूली की जाए, इसके लिए लोगों को प्रेरित भी किया जाता है।
प्रतिमाह प्रति घर से 100 रुपए पानी का बिल दिया जाता है। दमोह जिले के पटेरा विकासखण्ड के सैंकड़ों गांवों के लोग पीने के पानी की समस्या से परेशान थे। राज्य सरकार की समूह नल-जल योजना ग्रामीणों के लिये वरदान सिद्ध हुई है। यहां बेयर्मा नदी पर निर्मित सतधारू बांध पर आधारित दमोह पटेरा ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना के तहत 75.54 एमएलडी क्षमता का इंटेकवेल बनाया गया है। इस योजना में 2500 किमी लंबी पाइप लाइन से 447 गांव के 65 हजार ग्रामीणों को घरों में पानी पहुंच रहा है। यहां ग्राम पेयजल उप समिति बनाई गई है। इस समिति के सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया है।
200 मेगावाट सोलर संयंत्र लगाने का प्रयास
बिजली का बोझ कम करने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मंदसौर और राजगढ़ में सोलर संयंत्र लगाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए मंदसौर में बंजर भूखंड ले लिया गया है। ऊर्जा विभाग से पानी की सप्लाई के लिए पांच रुपए प्रति यूनिट बिजली दी जा रही है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग पंचायतों को साढ़े 6 रुपए में एक हजार लीटर पानी दे रहा है। पंचायतों और जल समितियां हर घर से प्रतिमाह 100 से लेकर 150 रुपए जल कर वसूलती है। मप्र जल निगम के एमडी केवीएस चौधरी का कहना है कि घर घर जल के लिए प्रदेश में 147 परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं। इसमें 38 परियोजनाएं पूरी हो चुकी है, इनसे जल सप्लाई हो रही है। परियोजनाओं के संचालन में 1100 करोड़ रुपए बिजली का बिल आएगा। 200 मेगावाट सोलर बिजली के संयंत्र लगाने का प्रयास कर रहे हैं।

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