वीरा राणा के पुर्नवास पर अब असमंजस के बादल

वीरा राणा

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। हाल ही में प्रशासनिक मुखिया पद से सेवामुक्त हुई वीरा राणा के बारे में कहा जा रहा था , कि सरकार की गुड लिस्ट में होने की वजह से उन्हें अब  राज्य निर्वाचन आयोग में बतौर निर्वाचन आयुक्त पदस्थ कर उनका पुर्नवास किया जाएगा, लेकिन अब इसको लेकर संशय की स्थिति बन चुकी है। इसकी वजह है वीरा राणा भी सेवानिवृत्त हो चुकी हैं और राज्य निर्वाचन आयोग में भी आयुक्त का पद रिक्त हो चुका है। ऐसा हुए 10 दिन का समय निकल गया है, लेकिन अब तक वीरा राणा की नियुक्ति को लेकर कोई हलचल शुरु नहीं हुई है, बल्कि इसके उलट कई दूसरे नामों की चर्चा जरुर होने लगी है। इस पद पर नई नियुक्ति नहीं होने की वजह से फिलहाल राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह को कार्यकाल पूरा होने के बाद 30 सितंबर तक जिम्मेदारी संभालने के लिए कहा जा चुका है। इससे यह तो तय है कि जल्द ही सरकार नए राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति के आदेश जारी कर सकती है। दरअसल, जिस तरह से वीरा राणा के कार्यकाल में छह माह की सेवावृद्धि की गई थी, उससे यह तो तय हो गया था की उनके सरकारी कामकाज को लेकर मुख्यमंत्री डां मोहन यादव के साथ अच्छी पटरी बैठ गई है। वैसे भी प्राय: प्रदेश में बीते दो दशक की भाजपा सरकारों में जो भी मुख्य सचिव रहा है, उसके सेवानिवृत्त होने के बाद उसका राजनैतिक पुर्नवास जरुर हुआ है। यह पुर्नवास भी राज्य निर्वाचन आयुक्त के रुप में किया गया है। यही वजह है कि इस बार भी वीरा राणा का पुर्नवास राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर होना तय माना जा रहा था , लेकिन जिस तरह से प्रदेश में नए मुख्य सचिव की नियुक्ति हुई है,उसके बाद से समीकरण पूरी तरह से बदल गए हैं। माना जा रहा था की सेवानिवृत्त होने के तत्काल बाद उनके पुनर्वास का आदेश जारी हो जाएगा, लेकिन फिर कयास लगाया जाने लगा कि नए मुख्य सचिव अनुराग जैन के कामकाज संभालने के बाद आदेश निकल जाएगा, लेकिन तब से लेकर अब तक आदेश जारी नहीं हुए है। गौरतलब है कि निवृत्तमान आयुक्त बंसत प्रताप सिंह और इसके पहले आर परशुराम को मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्त उपरांत निर्वाचन आयुक्त बनाया गया है।
आयुक्त के लिए इन नामों की चर्चा
सूत्रों के मुताबिक अब आयुक्त के पद के लिए एसीएस गृह एसएन मिश्रा, एसीएस पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मलय श्रीवास्तव, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग से सेवानिवृत्त पूर्व पदेन सह आयुक्त रवींद्र सिंह व माध्यमिक शिक्षा मंडल में अध्यक्ष रहे केके सिंह का नाम चल रहा है।
अब खटाई में जाती दिख रही नियुक्ति
सूत्रों के मुताबिक अब वीरा राणा की उक्त पद पर मुश्किल से ही नियुक्ति हो सकती है, क्योंकि सरकार की ओर से किसी और नाम पर चर्चा की जा रही है। इसकी पीछे की वजह यह भी बताई जा रही है कि राणा को सीएस के पद पर सेवा विस्तार दे दिया था अब किसी और काबिल अफसर रहे व्यक्ति को यह मौका दिया जाएगा। हालांकि वीरा राणा की ओर से इस पद के लिए मनाही नहीं की गई है। बताया जाता है कि वे भी राज्य निर्वाचन आयोग के लिए इच्छुक हैं।

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