बैगनी भिंडी कर रही किसानों को मालामाल

बैगनी भिंडी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। सामन्यतौर पर बाजार में हरी भिंडी ही मिलती है, लेकिन अब उसकी जगह बाजार में बैगनी रंग की भिंडी आ गई है, जिसकी मांग ऐसी है कि आम आदमी उसके दोगुने दाम देने को हमेशा तैयार रहता है। खास बात यह है कि इस भिंडी का रंग भले ही बैगनी है, लेकिन इसकी पहचान लाल भिंडी नाम से ही होती है। किसान से लेकर आम आदमी तक इसे लाल भिंडी ही कहता है। इस भिंडी का उत्पादन बड़े पैमाने पर निमाड़ में किसानों द्वारा किया जा रहा है। इसके अच्छे दाम मिलने से किसान उत्साहित हैं। दरअसल इसके अच्छे दाम मिलने की वजह है इसे सेहत के लिए अधिक फायदेमंद माना जाना। फिलहाल इस तरह की ङ्क्षभडी अब भी बड़े शहरों तक ही सामित है। अगर इसके दामों की बात की जाए तो अभी थोक में एक किलो के दाम पचास रुपए तक हैं, जबकि सामान्य ङ्क्षभडी के दाम फुटकर में 25 रुपए प्रति किलो चल रहे हैं। इसके अलावा जिन्हें इसके फायदे की जानकारी नहीं है , वे उसके रंग को देखकर  उसे खरीदने में पीछे नहीं रह रहे हैं। इस भिंडी की मांग अधिक होने और उत्पादन कम होने से कई जगहों पर तो इसके दाम सौ रुपए तक पहुंच चुके हैं। सीमित मात्रा में इक्का-दुक्का दुकानों पर दिख रही इस भिंडी को आम लोग भी जिज्ञासा और नया स्वाद आजमाने के लिए खरीद रहे हैं। हालांकि सामान्य हरी भिंडी और इसके स्वाद में कोई अंतर नहीं है।
अधिक एंटीऑक्सीडेंट
लाल भिंडी की नई किस्म को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ वेजिटेबल वाराणसी ने दो साल पहले विकसित कर लिया था। नेशनल हॉर्टिकल्चर फेयर बेंगलुरु में इसी साल आईसीएमआर ने आइसी-2656648-3-2 नाम से लाल भिंडी की किस्म प्रदर्शित की। दावा किया गया कि इसका रंग दो खास एंजाइम एंथोसायनिन और पॉलीफेनॉल्स के कारण बैंगनी लाल होता है। ये दोनों एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। जो सेहत के लिए लाभप्रद होते हैं। साथ ही इंटरनेट मीडिया पर तमाम ऐसी खबरें भी प्रसारित हुई की लाल भिंडी डायबिटीज और कैंसर रोकने में लाभप्रद होती है। इस तरह की जानकारी सामने आने के बाद से ही इसकी मांग में तेजी आ रही है।
किसानों को हो रहा अच्छा मुनाफा
थोक मंडी के कारोबारी सलीम चौधरी के अनुसार, सप्ताह भर में थोक मंडी में लाल भिंडी की 8 से 10 बैग (पन्नी) ही बिकने आ रही है। आवक नाम मात्र की है। निमाड़ के कुछ किसान इसकी उपज ले रहे हैं और वे ही इसे बेचने आ रहे हैं। रंग के कारण यह खरीदारों को आकर्षित कर रही है। इसे ज्यादा पौष्टिक भी बताया जा रहा है , इसलिए थोक मंडी में मुंह मांगी कीमत पर लाल भिंडी बिक रही है। पकने के बाद इसका रंग गहरा हरा हो जाता है। इसकी मांग और  अधिक कीमत मिलने से अब किसानों के लिए यह भिंडी पहली पसंद बन रही है।

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