भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में लगातार मिल रही हार के बाद भी कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की रुचि पीसीसी आने में नहीं बन पा रही है। हालत यह है कि वे पार्टी की प्रदेश स्तर पर होने वाली महत्वपूर्ण बैठकों तक में शामिल नहीं हो रहे हैं। इसकी वजह से पार्टी में गुटबाजी और नाराजगी का संदेश कार्यकर्ताओं के साथ ही आम लोगों में जा रहा है।
इसका ताजा उदाहरण पॉलिटिकल अफेयर कमेटी की बैठक है। प्रदेश की लोकसभा सीटों में मिली करारी हार के कारणों को जानने के लिए दो दिनों से मंथन का दौर चल रहा है। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के चेयरमैन महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, ओडि़शा के नेता सप्तगिरी उलका और गुजरात के जिग्नेश मेवाणी ने रविवार को पॉलिटिकल अफेयर कमेटी की बैठक ली। इस बैठक से पूर्व सीएम कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह और अजय सिंह जैसे नेताओं ने पूरी तरह से दूरी बनाए रखी। इस बैठक में यह नेता तब नहीं पहुंचे हैं, जबकि वे पॉलिटिकल अफेयर कमेटी के सदस्य हैं। हार की समीक्षा बैठक में भी कांग्रेस के यह दिग्गज नदारद रहे। जिसकी लगातार चर्चा हो रही है। बैठक के दौरान मौजूद पूर्व व वर्तमान विधायकों ने लोकसभा चुनावों में दलबदल से नुकसान होने की बात कही।
इनका कहना था कि प्रदेश में एक के बाद एक नेता कांग्रेस छोड़ रहे थे। इसमें कई नाम ऐसे थे, जिनके लिए हम कुछ महीने पहले वोट मांग रहे थे। इंदौर और खजुराहो में हुई घटना भी हमारे खिलाफ गई। सभी ने एक स्वर में संगठन को मजबूत करने और पार्टी के प्रति समर्पित कार्यकर्ताओं को आगे लाने की वकालत की।
लोग पूछते थे कि आप तो पार्टी नहीं छोड़ रहे
सदस्यों ने कहा कि चुनाव के चलते जिन वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी छोड़ी, उन्हें पार्टी ने सब कुछ दिया और वो पार्टी की पीठ में छुरा भौंक कर गए। उससे कार्यकर्ताओं में हताशा-निराशा जागी। आम मतदाताओं में अविश्वास बना। चुनाव के दौरान मतदाता पूछ रहे थे कि आप भी तो पार्टी नहीं छोड़ रहे हैं। आपके कांग्रेस के जो नेता गए हैं। उन्होंने हमारे मतों को बेचा है। ऐसी बातें हमारे सामने आई थी। सदस्यों ने कहा कि कांग्रेस को आने वाले समय के लिए तैयार करना है तो ऐसे नेताओं को कभी पार्टी में एंट्री नहीं देनी चाहिए।
01/07/2024
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