एक झटके में अपात्र हो गए प्रदेश में 1 लाख बुजुर्ग

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  • इंदिरा गांधी ओल्ड एज पेंशन स्कीमधारियों की पेंशन बंद

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र के एक लाख बुजुर्गों को हर महीने मिलने वाली 600 रुपये की पेंशन बंद हो गई है। ये सभी बुजुर्ग इंदिरा गांधी ओल्ड एज पेंशन स्कीम से जुड़े हुए थे। सरकार ने ये पेंशन बंद करने का आदेश भी जारी कर दिया है। आदेश में इन सभी बुजुर्गों को पेंशन के लिए अपात्र बताया है। आदेश में कहा गया है कि अगर इन सभी बुजुर्गों को यह पेंशन लेनी है तो फिर से आवेदन करें। साथ ही, वे खुद ही ये भी बताएं कि वे इस पेंशन के लिए पात्र हैं।  जिन जिलों में सर्वाधिक बुजुर्गों की पेंशन रोकी गई है, उसमें राजगढ़, छिंदवाड़ा, बालाघाट, बड़वानी, पन्ना, सतना जैसे जिले शामिल हैं। भोपाल और इंदौर पर भी इसका असर पड़ा है। जानकारी के अनुसार जिन स्कीम में पेंशन रोकी गई है उनमें इंदिरा गांधी बुजुर्ग पेंशन योजना 1,08,006,सामाजिक सुरक्षा बुजुर्ग पेंशन योजना 8,158, मुख्यमंत्री सामाजिक सुरक्षा योजना 618, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना 690, मुख्यमंत्री अविवाहिता पेंशन स्कीम 115,सामाजिक सुरक्षा परित्यक्ता पेंशन योजना 12 और एसएसपी दिव्यांग शिक्षा प्रोत्साहन योजना के लोग शामिल हैं।
बता दें, यह मामला सामाजिक न्याय विभाग के तहत आता है। इस मामले को लेकर विभाग का कहना है कि इंदिरा गांधी ओल्ड एज पेंशन स्कीम से जुड़े हुए सभी बुजुर्गों के दस्तावेजों की जांच की गई थी। इस दौरान जिन बुजुर्गों के नाम, पते, आयु और लिंग आधार के मुताबिक नहीं मिले, उन्हें इस स्कीम से बाहर कर दिया गया है। इन बुजुर्गों की जैसे ही प्रोफाइल अपडेट ही, वे स्कीम के लिए अपात्र हो गए। बता दें, अभी तक सामाजिक न्याय विभाग इन बुजुर्गों को आयु प्रमाण-पत्र, बीपीएल कार्ड और कुछ फोटो के साथ पेंशन दे देता था। इन्हीं कागजातों से उनकी आयु की भी पुष्टि की जाती थी। लेकिन, अब विभाग को सारे दस्तावेज आधार के मुताबिक चाहिए। इसलिए जिनको भी ये पेंशन चाहिए, उन्हें आधार के मुताबिक बने दस्तावेज पेश कर दोबारा आवेदन करना होगा। जिन बुजुर्गों की पेंशन रोकी गई है, विभाग को डर है कि कहीं वे सीएम हेल्पलाइन या जनसुनवाई में शिकायत न कर दें। विभाग ने मैदानी अमले को अलर्ट किया है कि यदि कोई बुजुर्ग ऐसी शिकायत करता है कि वह पात्र है और उसे अपात्र बताया गया है, तो ऐसी स्थिति में निकायों के अफसर जिम्मेदार होंगे।
पात्रता साबित होने पर एरियर भी मिलेगा
पेंशन स्कीम से बाहर किए गए बुजुर्गों को 86 करोड़ रुपये की पेंशन मिलती थी। प्रदेश में इस वक्त 56.5 लाख पेंशन धारक हैं। इन सभी को मिलाकर सरकार 340 करोड़ रुपये पेंशन देती है। करीब 1500 पेंशन धारक ऐसे भी हैं, जो सामाजिक सुरक्षा से 600 रुपए और लाड़ली बहना योजना से 650 रुपए मिलाकर कुल 1250 रुपए हर माह ले रही थीं। इनकी भी पेंशन बंद हुई है। सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सभी संबंधित विभागों को बता दिया गया है कि अगर कोई अपात्र बुजुर्ग खुद को पात्र साबित कर देता है और दोबारा आवेदन करता है तो उसके दस्तावेजों की तुरंत जांच करें। अगर वे वास्तव में पात्र हैं तो इसकी जानकारी तुरंत भोपाल भेजें। अगर वे सही पाए गए तो बुजुर्ग को पेंशन के साथ-साथ एरियर भी दिया जाएगा। यह काम 15 जुलाई तक पूरा किया जाएगा। प्रमुख सचिव सचिन सिन्हा के मुताबिक विभाग की ओर से सभी कलेक्टरों, जिला पंचायत सीईओ, नगर निगमों के आयुक्त, जनपद पंचायतों के सीईओ और नगर पालिका व परिषदों के अफसरों को ताकीद कर दी गई है, जिन लोगों की पेंशन रुकी है, यदि वे दोबारा आवेदन देते हैं और साबित करते हैं कि वे पान्न हैं तो उनका तुरंत परीक्षण करें। पात्र हैं तो केस भोपाल भेजा जाए। यदि वे सही पाए गए तो उन्हें एरियर भी दिया जाएगा। विभाग ने कहा कि 15 जुलाई तक इस काम को पूरा करें।

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