मुंबई। मराठा आंदोलन चार जून से दोबारा शुरू होने वाला है। यह जानकारी खुद मनोज जरांगे ने दी है। खास बात यह है कि चार जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आएंगे। जरांगे ने बताया कि सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग के लिए 8 जून को एक रैली आयोजित की जाएगी।
जरांगे ने मंगलवार को छत्रपति संभाजीनगर में छत्रपति संभाजी महाराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हम अपने बच्चों के लिए आरक्षण चाहते हैं। हमें आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के तहत 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। इसका कोई फायदा नहीं हुआ और यह हमने पुलिस भर्ती परीक्षा में देख लिया। हम चार जून को सुबह नौ बजे से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करके आंदोलन दोबारा शुरू करेंगे। आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से होगा। आठ जून को बीड जिले के नारायणगढ़ में रैली होगी, जिसकी तैयारी जोरों पर हैं।
लोकसभा चुनावों पर मराठा आंदोलन के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर जरांगे ने कहा कि मैं इसमें शामिल नहीं हूं। मैंने किसी के लिए प्रचार नहीं किया है। मैंने सिर्फ इतनी अपील की थी कि उन्हें हराओ जो हमारे खिलाफ हैं। जारंगे ने कहा कि मैंने कभी भी अलग-अलग प्रतीकों पर चुनाव लड़ने वाली अलग-अलग पार्टियों के लिए प्रचार नहीं किया। लेकिन इस बार ऐसा किया क्योंकि चार से पांच भाजपा नेता मराठा और अन्य समुदायों से नफरत करते हैं।
जरांगे ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और चंद्रकांत पाटिल मराठों से नफरत करते हैं। फडणवीस को यह नफरत छोड़नी चाहिए। हम कभी भी भाजपा के खिलाफ नहीं थे। अगर सरकार ने मराठों के रिश्तेदारों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र नहीं दिया तो हम विधानसभा चुनावों में मैदान में होंगे।