इस्राइल को लेकर हमारी नीति में कोई बदलाव नहीं: जॉन किर्बी

वॉशिंगटन। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने पहली बार गाजा में अस्थायी युद्धविराम के लिए लाए गए प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस बार अमेरिका ने गाजा में युद्धविराम का समर्थन किया है। इस पर व्हाइट हाउस के शीर्ष अधिकारी जॉन किर्बी ने कहा कि इस्राइल को लेकर अमेरिका की नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि हम अब भी पहले की तरह इस्राइल का समर्थन कर रहे हैं। हम अभी भी इस्राइल को सैन्य उपकरण और हथियार उपलब्ध करा रहे हैं ताकि इस्राइल अपनी रक्षा कर सके। क्योंकि हमारा मानना है कि फलस्तीनी संगठन हमास अभी भी इस्राइल के लिए खतरा बना हुआ है।

उन्होंने कहा कि अमेरिका इस बार प्रस्ताव के खिलाफ वीटो नहीं किया, क्योंकि पिछले प्रस्तावों के उलट यह हमारी नीति के बेहद करीब है। जिसमें गाजा में अस्थायी युद्धविराम के साथ बंधकों की रिहाई के लिए समझौते पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले प्रस्तावों के खिलाफ हमने वीटो किया था, क्योंकि उसमें हमास की निंदा नहीं की गई थी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गाजा और इस्राइल के बीच तत्काल युद्धविराम का आह्वान करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया। इसमें सात अक्तूबर को इस्राइस पर हमले के दौरान बंधक बनाए गए सभी लोगों की रिहाई की भी मांग की गई है। अमेरिका इस प्रस्ताव पर वोटिंग से दूर रहा। अमेरिका के इस रुख को लेकर इस्राइल ने नाराजगी भी जताई है। इतना ही नहीं, इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने दो शीर्ष सलाहकारों की अमेरिका की प्रस्तावित यात्रा भी रद्द कर दी है।

वहीं, मॉस्को के कॉन्सर्ट हॉल में हुए हमले पर व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव करीन जीन पियरे ने कहा कि यह आतंकवादी हमला था, जिसे आईएसआईएस ने अंजाम दिया। रूसी राष्ट्रपति पुतिन इस बात को समझते हैं और वह इसे अच्छी तरह से जानते हैं। उन्होंने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यूक्रेन सरकार का इस हमले से कोई संबंध है। हम इस बारे में पूरी तरह स्पष्ट हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने कहा कि हम उन लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं जिन्होंने इस भयानक हमले में अपने प्रियजनों को खो दिया है। हम मॉस्को में हुए जघन्य आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं। अमेरिकी सरकार ने मॉस्को में आतंकवादी हमले के बारे में रूस के साथ जानकारी साझा की थी। हम इस बारे में बहुत स्पष्ट थे। हमले के लिए सिर्फ और सिर्फ आईएसआईएस ही जिम्मेदार है।

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