कमलनाथ के गढ़ को भेदेंगे नरोत्तम!

कमलनाथ-नरोत्तम

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन 400 पार के लक्ष्य पर अमल करते हुए भाजपा ने मप्र की सभी 29 सीटों को जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके तहत पार्टी ने 24 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। अब छिंदवाड़ा, धार, बालाघाट, इंदौर और उज्जैन सीट के लिए प्रत्याशी घोषित करना शेष है। इनमें से छिंदवाड़ा सीट पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का गढ़ है। पार्टी अबकी बार इस सीट को हर हाल में जीतना चाहती है। इसके लिए पार्टी पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा को छिंदवाड़ा से मैदान में उतारना चाहती है। पार्टी को उम्मीद है कि नरोत्तम नाथ का गढ़ फतह कर सकते हैं। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव की रणनीति पर काम करते हुए भाजपा ने  लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले अपनी पहली सूची में प्रदेश की 24 सीटों के प्रत्याशी घोषित कर कांग्रेस पर प्रारंभिक बढ़त बना ली है। भाजपा शेष पांच सीटों पर भी इसी हफ्ते में उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है। भाजपा के प्रत्याशियों की घोषणा से कांग्रेस पर भी अब प्रत्याशी घोषित करने का दबाव बढ़ गया है।
यही नहीं टिकट के दावेदारों में भी बैचेनी देखी जा सकती है। इसके साथ भाजपा उम्मीदवार चुनावी प्रचार की तैयारियों में भी लग गए हैं। कांग्रेस के  के कई बड़े नेता लोकसभा चुनाव में अपनी तरफ से दावेदारी नहीं कर रहे है, लेकिन राहुल ने नेताओं को यात्रा के दौरान संकेत दिए है कि बड़े नेताओं को भी मैदान संभालना होगा। न्याय यात्रा के समापन के बाद टिकटों पर फैसला होगा। मध्य प्रदेश से न्याय यात्रा सात मार्च के बाद राजस्थान जाएगी। उज्जैैन में न्याय यात्रा के बाद राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से चर्चा की। पिछले लोकसभा चुनाव मेें भी कांग्रेस ने बड़े नेताओं को चुनाव लडऩे के लिए कहा था, तब नाथ मुख्यमंत्री थे, इसलिए छिंदवाड़ा सीट से उनके बेटे नकुल नाथ ने चुनाव लड़ा था। भोपाल सीट से दिग्विजय सिंह ने चुनाव लड़ा था,लेकिन वे हार गए थे। मध्य प्रदेश की 29 सीटों के टिकट तय करने के लिए कांग्रेस का मंथन जारी है। मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह,अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया, सुरेश पचौरी, सज्जन सिंह वर्मा, विजयलक्ष्मी साधौ को कांग्रेस चुनाव लड़ा सकती है। 15 मार्च तक कांग्रेस टिकट घोषित कर सकती है। उधर भाजपा ने मध्य प्रदेश की 24 सीटों पर टिकट तय कर दिए है।
कई और दावेदार
भाजपा व्यक्तिगत जनाधार के कारण पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ाना चाहती थी, लेकिन उन्हें विदिशा से मैदान में उतार दिया गया है। अब पार्टी के पास मध्यप्रदेश के उम्मीदवारों के जो विकल्प बचे हैं, उनमें नरोत्तम का नाम सबसे आगे है। दूसरे प्रत्याशी के तौर पर प्रदेश सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल का नाम है। प्रहलाद नरसिंहपुर से आते हैं। यह इलाका छिंदवाड़ा से लगा है। वे छिंदवाड़ा से लगी बालाघाट लोकसभा सीट से सांसद भी रहे हैं। स्थानीय नेताओं में विवेक साहू बंटी का नाम सबसे आगे है। बंटी के अलावा नत्थन शाह कवरेती का भी नाम है। कवरेती 2019 का लोकसभा चुनाव महज 37 हजार मतों के अंतर से हारे थे। मोनिका बट्टी और उत्तम ठाकुर भी दावेदार हैं। बताते हैं कि पार्टी अभी कुछ विकल्पों पर भी विचार कर रही है। उनमें एक विकल्प नकुल को भाजपा में लाने का है। पूर्व सीएम कमलनाथ और नकुल नाथ ने जिस अंदाज में भाजपा में जाने से मना किया है, उससे यह उम्मीद लगाई जा रही है कि वे कांग्रेस छोडकऱ नहीं जाएंगे। लिहाजा पार्टी किसी बड़े चेहरे को मैदान में उतारकर चुनाव को रोचक बनाना चाहती है। नरोत्तम का नाम इसी विकल्प का हिस्सा है।
छिंदवाड़ा सबसे कठिन मोर्चा
प्रदेश में छिंदवाड़ा लोकसभा सीट भाजपा के लिए सबसे कठिन मोर्चा है। भाजपा की डगर इसलिए भी कठिन है, क्योंकि छिंदवाड़ा में पार्टी को आजादी के बाद से अब तक महज एक बार जीत हासिल हुई है। कांग्रेस का गढ़ तोड़ने के लिए इस बार भाजपा भरपूर कोशिश कर रही है। लिहाजा इस बार पार्टी मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री व प्रदेश भाजपा के ताकतवर नेता डॉ. नरोत्तम मिश्रा पर दांव लगाने जा रही है। सूत्रों की मानें तो पार्टी हाईकमान ने नरोत्तम को साफ-साफ यह इशारा कर दिया है कि बड़ी जंग के लिए तैयार रहिए। उसके बाद से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी नरोत्तम को छिंदवाड़ा से प्रत्याशी बनाने जा रही है। माना जा रहा है कि छिंदवाड़ा की जंग जीतने के बाद नरोत्तम का सियासी तौर पर नए सिरे से पुनर्वास होगा। कांग्रेस से नकुल नाथ का फिर से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। खुद नकुल इसका ऐलान भी कर चुके हैं।
भाजपा केवल एक बार जीती
छिंदवाड़ा मप्र की एक मात्र सीट है, जहां पर साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी नकुल नाथ को जीत हासिल हुई है। बाकी 28 सीटें भाजपा के खाते में गई थीं। प्रदेश में कुल 29 विधानसभा सीटें हैं। इस बार भाजपा सभी 29 सीटों पर जीत के दावे कर रही है। आजादी के बाद से अब तक छिंदवाड़ा में एक मर्तबा छोडक़र लगातार कांग्रेस जीतती आ रही है। नब्बे के दशक में भाजपा को एक मात्र जीत दिलाने का श्रेय पूर्व सीएम सुंदरलाल पटवा को जाता है। उसके बाद से कांग्रेस फिर लगातार जीत रही है। तरकश के सारे तीर आजमाने के बाद पार्टी अब नरोत्तम पर दांव लगाने जा रही है। कहा जा रहा है कि एक-दो दिन में उनके नाम का ऐलान कर दिया जाएगा।

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