श्रीरामलला के दर्शन के लिए तीर्थ यात्रियों को फ्लाइट से अयोध्या भेजेगी मप्र सरकार

श्रीरामलला
  • एक फरवरी से लोकसभा चुनाव की घोषणा तक कराई जाएगी यात्रा
  • मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के माध्यम से भेजे जाएंगे यात्री

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रदेश सरकार फ्लाइट से तीर्थ यात्रियों को अयोध्या भेजेगी। फरवरी से यह क्रम प्रारंभ होगा और लोकसभा चुनाव की घोषणा होने तक जारी रहेगा। इसके लिए मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत व्यवस्था की गई है। इसमें सभी जिलों से 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों का चयन कर भेजा जाएगा। वहीं, भारत सरकार द्वारा 19 ट्रेन भी उपलब्ध कराई जाएंगी। प्रदेश में वर्ष 2012 से मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना लागू की गई। ट्रेन के माध्यम से अब तक आठ लाख से अधिक बुजुर्गों को विभिन्न तीर्थ स्थानों की यात्रा कराई जा चुकी है। विधानसभा चुनाव के पहले मई 2023 में सरकार ने विमान से यात्रियों को तीर्थ यात्रा कराने की शुरुआत की। विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजोरा ने बताया कि एक फरवरी से मार्च तक यात्रियों को अयोध्या भेजा जाएगा। इसके लिए तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत यात्रियों का चयन अलग-अलग जिलों से किया जाएगा। वहीं, भारत सरकार द्वारा 19 ट्रेनें उपलब्ध कराई जाएंगी, जो प्रदेश के अलग-अलग स्थानों से यात्रियों को लेकर अयोध्या जाएंगी।
अलग से ट्रेन नहीं मिली
सरकार ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत यात्री अयोध्या भेजने के लिए ट्रेन मांगी थीं,लेकिन भारत सरकार द्वारा ट्रेनों का संचालन करने के लिए अलग से ट्रेन उपलब्ध कराने से इंकार कर दिया गया।
प्रदेश के हर गांव में होंगे कार्यक्रम
उधर, प्रदेश के प्रत्येक गांव में 15 जनवरी से कार्यक्रम प्रारंभ हो जाएंगे। विभाग ने इसकी तैयारी के निर्देश सभी जिला अधिकारियों को दिए हैं। 22 जनवरी से पहले चित्रकूट में मोहन सरकार की कैबिनेट बैठक भी हो सकती है।
प्रयागराज, शिर्डी, मथुरा-वृंदावन और गंगासागर की यात्रा हो चुकी
अब तक प्रयागराज, शिर्डी, मथुरा-वृंदावन और गंगासागर की यात्रा कराई जा चुकी है। अब निर्णय लिया गया है कि एक फरवरी से अयोध्या में श्रीरामलला के दर्शन के लिए विमान से यात्रियों को भेजा जाएगा। इसके लिए धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग ने तैयारी प्रारंभ कर दी है। विमान सेवा का संचालन करने वाली संस्थाओं से पूर्व में ही अनुबंध किए जा चुके हैं।

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