डेढ़ दर्जन जिलाध्यक्षों पर गिरेगी हार की गाज

 हार की गाज

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में मिली पार्टी को हार के बाद अब कांग्रेस के प्रदेश संगठन ने इसका ठीकरा जिलाध्यक्षों के सिर पर फोड़ने की तैयारी कर ली है। संगठन जल्द ही करीब डेढ़ दर्जन जिलाध्यक्षों को हटाकर वहां दूसरे अध्यक्ष नियुक्त करने की तैयारी कर रहा है। इसके अलावा कई अन्य पदाधिकारियों को भी हटाने की तैयारी की जा रही है। पार्टी सूत्रों का कहना है अब उन पदाधिकारियों को भी बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा, जिन्हें चुनावी तैयारियों के तहत प्रदेश संगठन में स्थान दिया गया था, लेकिन उसका फायदा पार्टी को नहीं मिला है। इसके साथ ही संगठन में भी बड़े स्तर पर प्रदेश के संगठनात्मक ढांचे में बड़ी सर्जरी की तैयारी शुरू कर दी है।
इसके लिए अब महज विधानसभा वार समीक्षा रिपोर्ट मिलने का इंतजार किया जा रहा है। इस रिपोर्ट के आधार पर बड़े स्तर पर नाकारा और भितरघात करने वाले नेताओं पर भी कार्रवाई होना तय है। पार्टी सूत्रों की माने तो 19 जिलों के अध्यक्षों और कई विभागों के प्रमुखों से तो पद छीने ही जाएंगे साथ ही भितरघातियों पर भी जल्द कार्रवाई की जाएगी। दरअसल चुनाव परिणामों के बाद प्र्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा प्रदेश के सभी 230 प्रत्याशियों की बैठक ली जा चुकी है। इस बैठक में प्रत्याशियों ने खुलकर संगठन और भितरघात को बड़ा कारण बताया था।
इस दौरान कांग्रेस नेता सुरेन्द्र सिंह शेरा, विधायक हीरालाल अलावा सहित अन्य ने भितरघात करने वाले और संगठन पदाधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर कड़े निर्णय लेने की बात कही थी। इसके बाद कमलनाथ ने सभी प्रत्याशियों से दस दिनों में दो अलग-अलग रिपोर्ट देने को कहा है। इसमें एक रिपोर्ट में विधानसभा में हुए चुनाव का विश्लेषण करना है, जबकि दूसरी रिपोर्ट में संगठन की खामियां और भितरघात करने वालों के नाम बताना है। यह रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को सौंपी जानी है। इसके बाद पार्टी हाईकमान इन नामों पर कार्रवाई करते हुए इन्हें पद से हटाने के साथ ही पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखा सकता है।
इन जिलों में बदले जाएंगे अध्यक्ष
मध्यप्रदेश के 19 जिलों में कांग्रेस का जीत का खाता तक नहीं खुला है। यानी विधानसभा चुनाव में एमपी के 19 जिले पूरी तरह से कांग्रेस मुक्त हो गए। विधानसभा चुनाव में यह हार कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका मानी जा रहीं है। क्योंकि कई जिले ऐसे हैं, जहां कांग्रेस पूरी तरह से साफ हो गई। दमोह जिले में पिछले चुनाव में कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली थी, इस बार एक भी नहीं जीत पाई। बता दें भाजपा ने कटनी, पन्ना, विदिशा, सीहोर, रायसेन, राजगढ़, शाजापुर, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, उमरिया, सिंगरौली, नरसिंहपुर, बैतूल, नीमच और इंदौर जिलों से कांग्रेस को मुक्त कर दिया है। इन जिलों में जिला संगठन पर गाज गिरना तय माना जा रहा है। यहां पार्टी लोकसभा चुनाव को देखते हुए युवाओं को मौका दे सकती है।
विभागाध्यक्षों पर भी गिरेगी गाज
कांग्रेस के विभाग अध्यक्षों पर भी गाज गिरना तय माना जा रहा है। संगठन स्तर पर महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस सहित अन्य विभाग के कामों की भी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इन विभागों ने चुनाव के दौरान कैसा काम किया। इसकी विस्तृत जानकारी मांगी गई है। इसके आधार पर इनके प्रमुखों का भाग्य निर्धारित होगा। इसके साथ ही अन्य विभागों के प्रभारियों से भी सवाल जवाब किया जाएगा। यह पूरी कार्रवाई जल्दी होगी, ताकि लोकसभा चुनाव में पार्टी तैयारी से जुट पाए।

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