भारत में पिछले नौ वर्षों में दोगुनी हुई मेडिकल कॉलेजों की संख्या: मंडाविया

मनसुख मंडाविया

शिलांग। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को कहा कि पिछले कुछ समय में देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या दोगुनी हो गई है। नौ साल और सरकार देश के हर जिले में एक क्रिटिकल केयर यूनिट का निर्माण कर रही है।

यहां उत्तर पूर्वी इंदिरा गांधी क्षेत्रीय स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विज्ञान संस्थान (एनईआईजीआरआईएचएमएस) में एक क्षेत्रीय कैंसर केंद्र का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि देश में एमबीबीएस सीटों की संख्या 2014 में 50,000 से बढ़कर अब 1,07,000 हो गई है। मंत्री ने एक नए स्नातक मेडिकल कॉलेज, एक नर्सिंग कॉलेज की एक नई इमारत, आठ मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर और अन्य सुविधाओं का भी उद्घाटन किया।

मंडाविया ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले नौ वर्षों में, देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या दोगुनी हो गई है। पूरे भारत में कुल 1,70,000 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र बनाए गए हैं। हम देश के हर जिले में एक क्रिटिकल केयर यूनिट भी बना रहे हैं। उन्होंने NEIGRIHMS में 150 बिस्तरों वाले क्रिटिकल केयर ब्लॉक की आधारशिला भी रखी और कहा कि एनईआईजीआरआईएचएमएस में नई सुविधाएं पूर्वोत्तर के लोगों को बहुत जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेंगी। केंद्र सरकार क्षेत्र में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है।

मंडाविया ने कहा कि एनईआईजीआरआईएचएमएस को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में विकसित करना हमारी योजना है। उन्होंने कहा कि जहां दुनिया के अन्य देश तीन स्तरीय स्वास्थ्य प्रणाली का पालन करते हैं, वहीं भारत अपने चार स्तरीय तंत्र – आशा, प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक सेवाओं का दावा करता है।आशा कार्यकर्ताओं ने महामारी के रोकथाम और प्रबंधन में देश के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने यह भी बताया कि अगले चार वर्षों के लिए देश के लिए लगभग 64,000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, यानी हर जिले के लिए औसतन 100 करोड़ रुपये है। 

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