
- जस्टिस गुप्ता को एक साल और या नया लोकायुक्त, फैसला जल्द
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। चुनावी मौसम के बीच प्रदेश के लोकायुक्त जस्टिस एनके गुप्ता का कार्यकाल अगले माह समाप्त होने जा रहा है, लेकिन अब तक नए लोकायुक्त को लेकर सरकार स्तर पर कोई सुगबुगाहट नहीं दिखाई दे रही है। इस वजह से माना जा रहा है कि , संभव है कि लोकायुक्त के कार्यकाल में वृद्वि कर दी जाए। फिलहाल अगला लोकायुक्त कोैन होगा इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनती जा रही है। हालंकि जिस तरह से कुछ समय पहले लोकायुक्त से मिलने प्रदेश के मुख्य सचिव पहुंचे थे, उसे लोकायुक्त के कार्यकाल में वृद्वि किए जाने से जोडक़र देखा जा रहा है। अहम बात यह है कि प्रदेश में अब विधानसभा चुनाव होने में महज दो माह का समय ही रह गया है, जिसकी वजह से माना जा रहा है कि अगले माह में कभी भी चुनावी आचार संहिता लग सकती है। अगर उसके पहले सरकार ने लोकायुक्त को लेकर कोई फैसला नहीं किया तो फिर मामला नई सरकार के गठन तक टल भी सकता है। यही नहीं अगर चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद कोई निर्णय किया जाता है तो उस पर अमल के लिए सरकार को पहले चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी। चूंकी लोकायुक्त के नाम का चयन करने वाली समिति में मुख्यमंत्री के अलावा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह भी शामिल है। ऐसे में चुनावी वक्त में इन दोनों नेताओं का एक साथ बैठक में होना जरूरी है, ऐसे में दोनों ही नेताओं का समय एक साथ मिलना भी मुश्किल भरा रह सकता है। यह बात अलग है कि किसी एक नाम पर नेता प्रतिपक्ष सहमत होते हैं या नहीं, लेकिन बैठक के लिए उनकी सहमति जरूरी है। फिलहाल नए लोकायुक्त के लिए जो नाम चर्चा में बने हुए हैं उनमें, जस्टिस सतीश चंद शर्मा मुख्य न्यायाधीश दिल्ली हाई कोर्ट, जस्टिस सत्येंद्र सिंह न्यायाधीश हाईकोर्ट ग्वालियर तथा रिटायर्ड जस्टिस वीरेंद्र सिंह का नाम शामिल है। जस्टिस सत्येंद्र सिंह का कार्यकाल आगामी 10 अक्टूबर को समाप्त हो रहा है। इसी तरह से जस्टिस सतीश चंद शर्मा की सेवानिवृत्ति का समय भी पास ही है। गौरतलब है कि मौजूदा लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके गुप्ता का कार्यकाल अगले माह 17 अक्टूबर को समाप्त हो रहा है। नियमानुसार राज्य सरकार लोकायुक्त का छह साल के बाद एक साल का कार्यकाल और बढ़ा सकती है। यदि राज्य सरकार ने लोकायुक्त का कार्यकाल एक साल नहीं बढ़ाया और नए लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं हुई तो उप लोकायुक्त जस्टिस एसके पालो को प्रभार दिया जा सकता है।
लोकायुक्त का चयन कौन करता है?
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, विधान सभा के अध्यक्ष, विधान सभा में विपक्ष के नेता के परामर्श के बाद मुख्यमंत्री लोकायुक्त के रूप में किसी व्यक्ति का चयन करते हैं। इसके बाद तय नाम की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है।