वचन पत्र बनेगा वोट बैंक

वचन पत्र

वचन पत्र से हर वर्ग को साधेगी कांग्रेस

भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में कुछ महीने बाद विधानसभा के चुनाव हैं। भाजपा और कांग्रेस के लिए यह चुनाव बड़ी चुनौती बना हुआ है। यही कारण है कि जीत हासिल करने के लिए दोनों ही ओर से दांव चले जा रहे हैं। कांग्रेस ने चुनाव को जीतने के लिए हर वर्ग के लिए वचन पत्र बनाना शुरू कर दिया है। पार्टी अपने वचन पत्र को ही वोट बैंक मान रही है। दरअसल, 2018 में कांग्रेस की जीत में उसके वचन पत्र का बड़ा योगदान था। इसलिए कांग्रेस का इस चुनाव में भी वचन पत्र पर फोकस है। इस बार पार्टी वोट के हिसाब से वचन पत्र तैयार करवा रही है।  वचन पत्र में सभी वर्गों, खासतौर पर पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों, युवाओं और महिलाओं के लिए लुभावने वादे शामिल होंगे।
कांग्रेस से मिली जानकारी के अनुसार, पार्टी के रणनीतिकारों ने जाति, वर्ग, उम्र के मतदाताओं की संख्या का आंकलन किया है। मतदाताओं की संख्या के इसी गणित के चलते पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों, युवाओं और महिलाओं पर फोकस किया गया है और उनका दिल जीतने की कोशिश में लगी हुई है। पार्टी ने इनको लुभाने के लिए कदमताल तेज कर दी है। उधर, वचन पत्र समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार सिंह का कहना है कि आज प्रत्येक वर्ग यह जानना चाहता है कि पार्टी सरकार बनने पर उनके लिए क्या करेगी। इसे अच्छे तरीके से जनता के बीच रखने के लिए अलग-अलग वचन पत्र तैयार किए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग के युवाओं को यह वचन देगी कि सरकार में आने पर उनके लिए स्वरोजगार योजनाएं लागू की जाएंगी। साथ ही कौशल विकास का प्रशिक्षण दिलाकर प्रदेश में स्थापित उद्योगों में नियोजित करने के प्रयास भी किए जाएंगे।
महिलाओं के लिए अलग से वचन पत्र
कांग्रेस के निशाने पर आधी भी आबादी है। वे इसके जरिए चुनावी वैतरणी को पार करने की कवायद में जुट भी गए हैं। राज्य में कुल मतदाता पांच करोड़ 39 लाख 87 हजार 876 हैं। इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या दो करोड़ 79 लाख 62 हजार 711 हैं। महिला मतदाताओं की संख्या दो करोड़ 60 लाख 23 हजार 733 हैं। यह वचन पत्र पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर होगा और इसे प्रियदर्शनी नाम दिया जाएगा। इस वचन पत्र में महिलाओं के लिए खास प्रावधान होंगे। महिला सुरक्षा, महिलाओं को सामाजिक-आर्थिक रूप से मजबूत करने जैसे मुद्दों को शामिल किया जाएगा। राजनीतिक दलों की महिलाओं को लुभाने के लिए चल रही कवायद के बीच राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दोनों ही दल महिलाओं को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। मगर सवाल यह उठ रहा है क्या महिलाओं को प्रतिनिधित्व मिलेगा, क्योंकि मप्र में 230 विधानसभा सीटें हैं और उनमें सिर्फ 21 महिलाएं विधायक हैं। प्रतिशत के लिहाज से देखा जाए तो आबादी भले आधी हो। मगर विधानसभा में प्रतिनिधित्व उनका 10 प्रतिशत के आसपास है। यही कारण है कि महिलाओं के हित की लड़ाई सदन में कभी नहीं लड़ी जा सकी है, क्योंकि उनसे जुड़ी समस्याओं को उठाने वाले प्रतिनिधि ही कम होते हैं। सवाल है क्या दोनों ही राजनीतिक दल आबादी के आधार पर महिलाओं को चुनाव मैदान में भी उतारेंगे।
हर वर्ग को साधने का जतन
विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस हर वर्ग को साधने में जुटी है। सरकार में आने पर पार्टी किस वर्ग के लिए क्या करेगी, इसका उल्लेख वचन पत्र में किया जाएगा। अनुसूचित जाति-जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए अलग से वचन पत्र जारी होगा। इसमें स्वरोजगार, कौशल विकास और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में बताया जाएगा। इसकी जानकारी आमजन तक पहुंचाने की जिम्मेदारी पार्टी के संबंधित विभागों की रहेगी। 230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा में 47 सीटें अनुसूचित जनजाति और 35 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए सुरक्षित हैं। वचन पत्र तैयार करने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में समिति बनाई है। इसने सभी वर्गों से संबंधित विषयों पर उप समितियों के माध्यम से जानकारी एकत्र करके राज्य स्तरीय वचन पत्र का प्रारूप तैयार किया है। पार्टी सरकार में आने पर अनुसूचित जाति-जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए क्या करेगी, इसे अलग-अलग वचन पत्र जारी कर बताया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी पार्टी के संबंधित विभागों की रहेगी। प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 47 और अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 35 सीटें सुरक्षित हैं। भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही इन वर्गों को अपने पक्ष में करने के लिए प्रयासरत हैं। शिवराज सरकार ने अनुसूचित जाति-जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के युवाओं के लिए अलग-अलग स्वरोजगार योजनाएं प्रारंभ की हैं। पेसा के नियम लागू करके आदिवासी वर्ग को अधिकार संपन्न बनाने का काम किया है। वहीं, कांग्रेस कमल नाथ सरकार में इन वर्गों के लिए किए गए कामों को आधार बना रही है।
युवाओं व किसानों के लिए भी वचन पत्र
कांग्रेस महिलाओं के साथ-साथ युवाओं और किसानों के लिए अलग से वचन पत्र बनाएगी। इसके माध्यम से यह बताया जाएगा कि सरकार बनने पर वह क्या और कैसे करेगी। हर वर्ग के युवाओं के लिए अलग-अलग स्वरोजगार की योजना लागू करने का वचन दिया जाएगा। वहीं, किसानों से संबंधित वचन पत्र में उपज का उचित मूल्य दिलाने के साथ सभी किसानों की ऋण माफी पूरी करने का वादा रहेगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने वचन पत्र समिति को युवा और किसानों के लिए अलग से वचन पत्र तैयार करने के निर्देश दिए हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि प्रदेश में सबसे बड़ी समस्या नौजवानों के रोजगार की है। प्रदेश में एक करोड़ युवा बेरोजगार हैं। इनके लिए भाजपा सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। कांग्रेस की सरकार बनने पर सभी वर्गों के युवाओं के लिए स्वरोजगार की अलग-अलग योजनाएं लागू की जाएंगी। उद्योगों के साथ युवाओं को संबद्ध कर रोजगार दिलाया जाएगा। प्रत्येक योजना में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रदेश में 18 से 29 वर्ष के एक करोड़ 41 लाख युवा मतदाता हैं। किसानों से संबंधित वचन पत्र में अधूरी ऋण माफी योजना को पूरा करने का वचन प्रमुखता से शामिल होगा। इसके अलावा उपज का उचित मूल्य दिलाने, मंडियों को सुदृढ़ बनाने, खेती की लागत घटाने, गौशाला का निर्माण, बिजली की उपलब्धता कम से कम बारह घंटे सुनिश्चित करने जैसी घोषणाएं वचन पत्र का हिस्सा होंगी। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा का कहना है कि हमारे वचन पत्र में भाजपा सरकार की तरह कोरी घोषणाओं नहीं होंगी। हम जो भी बात कहेंगे, उसे सरकार बनने पर जस का तस समयसीमा में पूरा भी किया जाएगा।

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